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Thursday, January 21, 2016

Meditation In Hindi : मैडिटेशन से बदलिए अपना जीवन

जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने और तनावमुक्त रहने का सबसे सरल एंव उपयोगी तरीका ध्यान या Meditation ही है| जानिए क्यों और कैसे केवल 20 मिनट का ध्यान या Meditation हमारी जिंदगी बदल सकता है|

Meditation : Hear You Inner Voice

Meditation या ध्यान, स्वंय से बात करने की विधि है|
मैंने पहले भी लिखा है कि हर मनुष्य के अन्दर एक शांत मनुष्य रहता है जिसे हम अंतरात्मा कहते है| हमारी अंतरात्मा हमेशा सही होती है और इसीलिए शायद यह कहा जाता है कि हम ईश्वर का अंश है| सभी महान लोगों ने यह स्वीकार किया है कि अंतरात्मा की आवाज ईश्वर की आवाज है और यह बात किसी धर्म विशेष से सम्बंधित नहीं है|
खुश रहने का सीधा सा तरीका यह होता है कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें क्योंकि हमारी अंतरात्मा हमेशा हर परिस्थिति में सही होती है
हम जब कभी भी कुछ बुरा कर रहे होते है तो हमें कुछ अजीब सा लगता है मानो कोई हमें यह कह रहा हो कि वह बुरा काम मत करो| यह हमारी अंतरात्मा होती है जो हमें कुछ बुरा करने या किसी को दुःख पहुँचाने से रोकती है| और जब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना कर देते है तो हमारा अपनी अंतरात्मा से संपर्क कमजोर हो जाता है|
जब हम दूसरी बार कुछ बुरा करने जा रहे होते है तो हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज फिर महसूस होती है लेकिन इस बार वह आवाज इतनी मजबूत नहीं होती क्योंकि हमारा अपनी अंतरात्मा से संपर्क कमजोर हो चुका होता है|
जैसे जैसे हम अपनी अंतरात्मा की आवाज को अनसुना करते जाते है वैसे वैसे हमारा अपनी अंतरात्मा के साथ संपर्क कमजोर होता जाता है और एक दिन ऐसा आता है कि हमें वो आवाज बिल्कुल नहीं सुनाई देती|
जैसे जैसे हमारा अपनी अंतरात्मा के साथ संपर्क कमजोर होता जाता है वैसे वैसे हम उदास रहने लगते है और खुशियाँ भौतिक वस्तुओं में ढूंढने लगते है| हम समस्याओं को हल करने में असक्षम हो जाते है जिससे “तनाव” हमारा हमसफ़र बन जाता है|
और ऐसी परिस्थिति में हमें स्वंय को वापस अपनी अंतरात्मा के साथ जोड़ना होता है और इसका सबसे अच्छा तरीका ध्यान या मैडिटेशन है|

Meditation – Technique of Self Control and Self Realization

जैसे जैसे हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनाई देना बंद होती है वैसे वैसे हमारा स्वंय पर नियंत्रण नहीं रहता और हम सही गलत को पहचानना नहीं पाते| ऐसी स्थिति मैं हम खुद को नियंत्रित नहीं करते बल्कि परिस्थितियां हमें नियंत्रित करती है| हम वो करने लगते है जो आलस्य, डर, तनाव, लालच, क्रोध, घमंड और इर्ष्या हमसे करवाते है|
मैडिटेशन खुद पर नियंत्रित रखने एंव Self Realization की एक पद्धति है जो हमारी जिंदगी को आसान एंव खुशमय बनाता है| मैडिटेशन से हमारा आत्मविश्वास और Concentration बढ़ता है जिससे हमारा समस्याओं के प्रति नजरिया बदल जाता है| हम समस्याओं को रचनात्मक तरीकों से बड़ी आसानी हल कर पाते है जिससे तनाव कम होता है|

Meditation: Connect With God

सभी महान लोगों ने यह माना है कि हमारी अंतरात्मा में एक अद्भुत शक्ति होती है | हम भी कभी कभी महसूस करते है कि शायद हमारी अंतरात्मा एक ईश्वरीय अंश है या फिर हमारी अंतरात्मा ईश्वर से हमेशा जुड़ी रहती है तभी तो वो हर परिस्थिति में सही होती है|
स्वामी विवेकानंद ने कहा है –
“आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते|
इसलिए ईश्वर से जुड़ने से पहले हमें अपनी अंतरात्मा से जुड़ना होता है या यूं कहें कि जब हम अपनी अंतरात्मा से जुड़ जाते है तो उस अद्भुत ईश्वरीय शक्ति से स्वत: ही जुड़ जाते है और मैडिटेशन हमें अपनी अंतरात्मा से जोड़ता है|
लगातार रोज मैडिटेशन करने पर हमें अद्भुत अनुभव होने लगते है जिसे शब्दों द्वारा नहीं बताया जा सकता| हमें उन सवालों के जवाब मिलने लगते है जो अभी तक अनसुलझे थे| हमें ऐसा लगता है जैसे हमारे साथ एक शक्ति है जो हमेशा हमारी मदद करेगी|

Healing Power of Meditation: Happiness Unlimited

मन को शांत करने के लिए प्रयास करने की नहीं बल्कि प्रयास छोड़ने जरूरत होती है और यही ध्यान का उद्देश्य होता है|
मैडिटेशन मन की एक सहज अवस्था है जिससे हमारे भीतर का खालीपन दूर होता है| यह हमारी जिंदगी को बदल देता जिससे हम भौतिक वस्तुओं में खुशियाँ ढूँढना छोड़कर खुश रहना सीख जाते है| हमारे जीवन का हर पल खुशनुमा हो जाता है और हम वर्तमान में जीना सीख जाते है|
जब हमारा मन शांत एंव संतुष्ट होता है तो हमारा Concentration बढता है जिससे हम समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर पाते है और उन्ही समस्याओं में हमें संभावनाएं दिखने लगती है|

Meditation In Hindi
Source Happy Hindi

Healing Therapy: Meditation Can Cure Diseases

यह कहा जाता है कि ज्यादातर रोगों का कारण चिंता या तनाव (Stress) होता है| ध्यान के माध्यम से हम मन को सकारात्मक एंव तनावमुक्त बना सकते है जिससे की सकारात्मक उर्जा हमारे शरीर हमारे शरीर में प्रवेश करती है और हमारा शरीर स्वस्थ बनता है|
शोध में यह बात सामने आयी है कि Meditation और Healing Power कैंसर समेत कई रोगों में लाभकारी है और मैडिटेशन से कई तरह के रोगों को दूर किया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर रोग Stress or Anxiety  की वजह से होते है और मैडिटेशन Stress or Tension को दूर करता है|

Sunday, December 13, 2015

Sandeep Maheshwari- ये इंसान आपकी ज़िन्दगी बदल सकता है !


Sandeep Maheshwari
दोस्तों आज में आपके साथ ऐसी पोस्ट शेयर कर रहा हूँ जो आपके आत्मविश्वास में नई उमंग भर देगा । 
क्या आप Sandeep Maheshwari को जानते हैं?
अगर जानते हैं तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन अगर नहीं जानते हैं तो आज जान जाइए। क्योंकि वो एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें जानकर आप खुद को inspire कर सकते हैं, अपनी हताशा को एक नयी उर्जा में बदल सकते हैं, उन्हें जानकर आप अपनी लाइफ को हमेशा-हमेशा के लिए change कर सकते हैं !
तो आइये पहले short में उनका profile देख लेते हैं :
नाम :

संदीप महेश्वरी / Sandeep Maheshwari 

जन्म : 28 सितम्बर 1980, दिल्ली (Age: 34 Years)
क्यों famous हैं? अपनी कंपनी Imagesbazaar.com के लिए, और उससे अधिक अपनी motivational seminars के लिए, जिन्हें आप YouTube पर देख सकते हैं।
शिक्षा : College dropout, B.Com की पढाई अधूरी छोड़ दी।
Awards & Recognition Creative Entrepreneur of the Year 2013 by Entrepreneur India Summit
One of India’s Most Promising Entrepreneurs by “Business World” magazine

Star Youth Achiever Award instituted by the Global Youth Marketing Forum

Young Creative Entrepreneur Award by the British Council, a division of the British High Commission

Pioneer of Tomorrow Award by the “ET Now” television channel

Source: http://www.sandeepmaheshwari.com/thePerson.aspx


Sandeep Maheshwari Success Story & Biography in Hindi 
“संदीप“ एक आम सा नाम;  I am sure, आप संदीप नाम के कई लोगों को जानते होंगे। लेकिन मैं आज जिस संदीप के बारे में बात कर रहा हूँ वो special है, क्योंकि इस संदीप ने ना सिर्फ अपनी लाइफ बदली है बल्कि अपनी life changing seminars और YouTube channel के through लाखों-करोड़ों लोगों को एक बेहतर ज़िन्दगी जीने के लिए inspire किया है।
दोस्तों, जब कोई साधारण इंसान कुछ बड़ा करता है तो अपने आप ही वो हमारे–आपके जैसे common लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन जाता है। क्योंकि उसे देखकर लगता है यार ये तो बिलकुल अपनी तरह का बन्दा है, और जब ये कर सकता है तो हम क्यों नहीं? संदीप माहेश्वरी भी बिलकुल वैसा ही बन्दा है…. मिडल क्लास फैमिली का एक आम सा बंदा जिसने कुछ बड़ा किया है और जो हमें भी अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा देता है ।
तो आइये जानते हैं Sandeep Maheshwari की inspirational story:
 दिल्ली का एक मिडल क्लास लड़का, किराए के दो कमरे के छोटे से मकान में रहता था, जब बहुत छोटा था तब पड़ोस के एक बच्चे के पास लाल साइकिल देखकर मन मचल गया, पिता से साइकिल दिलाने की जिद्द की; जवाब आया “ मैं  कोई टाटा–बिड़ला नहीं हूँ जो इसकी सारी फ़रमाइशें पूरी करता रहूँ।”
 माँ से पुछा, “ ये टाटा-बिड़ला क्या होता है?
“ये ऐसे लोग होते हैं जिनके पास ढेर सारे पैसे होते हैं।”, माँ ने पीछा छुड़ाते हुए कहा।
बच्चे ने फैसला किया कि वो बड़ा होकर “टाटा-बिड़ला” बनेगा। मगर लोग उसका मजाक उड़ाने लगे, जोकि ज्यादातर cases में expected है।
पर ये मजाक उड़ाना, discourage करना जारी रहा कभी किसी चीज को लेकर तो कभी किसी चीज को लेकर और बड़े होते होते  ये बातें संदीप के दीमाग में इतनी बैठ चुकी थीं कि उन्हें लगने लगा कि कहीं से 10-15 हज़ार की नौकरी मिल जाए वही बहुत है।
जब संदीप 15-16 साल के थे तब उनके परिवार पर एक बड़ी मुसीबत आ गयी, उनके पिता का  20 साल पुराना अलुमुनियम का बिजनेस था, पार्टनर्स से हुई कुछ अनबन की वजह से उन्हें वो बिजनेस छोड़ना पड़ा।ये एक बड़ा संकट था, जब पैसा कम होता है तो परेशानियाँ  अधिक हो जाती हैं। संदीप का परिवार भी तमाम परेशानियों से जूझ रहा था। पिताजी भी depression में रहने लगे। संदीप को लगा कि उन्हें कुछ करना चाहिए, वो परिवार के साथ मिल कर छोटे-मोटे काम करने लगे –
माँ ने खजूर के पान बनाये, जिन्हें संदीप ने बेचने की कोशिश की नहीं बिका- FailureSTD-PCO चलाने का प्रयास किया, नहीं चला –FailureCall-Center और इधर-उधर इंटरव्यू दिए, कहीं selection नहीं हुआ- Failure
हर तरफ निराशा,disappointment,उम्मीद की कोई किरण नहीं, टाटा- बिड़ला बनने का ख्वाब देखने वाला लड़का अब 5-6 हज़ार की नौकरी के बारे में सोचने लगा।
Sandeep Maheshwari की life का Turning Point :
फिर संदीप की लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट आया, जब वे अठारह साल के थे तब किसी के बुलाने पर वे एक MLM company की seminar में गए। तीन घंटो में वहां उन्हें कुछ समझ नहीं आया लकिन अंत में जब एक लड़के ने स्टेज पे खड़े होकर बताया कि उसकी उम्र 21 साल है और वो महीने का ढाई लाख कमाता है तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गयी।
Sandeep आश्चर्य में थे, उन्हें लगा जब इस 21 साल के लड़के के लिए महीने का ढाई लाख कमाना आसान है तो उनके लिए भी है, जब ये कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूँ। और अचानक आई इस बिलीफ ने संदीप की लाइफ हमेशा-हमेशा के लिए बदल दी।
संदीप MLM company में successful होने के लिए जी जान से जुट गए, पर सफल न हो पाये ; एक बार फिर उन्हें failure का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार की विफलता से वे निराश नहीं हुए। ये काम उन्होंने दुसरे की मोटिवेशन से शुरू किया था, उनकी अपनी desire नहीं थी।
संदीप जल्द ही कुछ और करना चाहते थे, मन में आया की मॉडलिंग कर लेता हूँ।
संदीप ने कॉलेज लेवल पर modelling शुरू की, थोड़ा घुसे तो पता चला हर दूसरा आदमी मॉडल बनना चाहता है, संदीप यहाँ भी सफल ना हो पाए लेकिन इस फील्ड में जाना उनकी आगे आने वाली लाइफ को बदलने वाला था।
संदीप मॉडलिंग वर्ल्ड की बहुत सारी बातें समझने लगे, बहुत गंदगी थी इस field में, 99% मॉडलिंग एजेंसीज फ्रॉड थीं, जो models को सिर्फ exploit कर रही थीं,  तब संदीप के मन में  आया कि मॉडल्स के लिए कुछ किया जाए, पर ये समझ नहीं आ रहा था कैसे?
फिर एक दिन उनका एक model दोस्त अपना पोर्टफोलियो लेकर आया, उसकी images देखकर संदीप बहुत excited हो गए। उसी क्षण उन्होंने फैसला कर लिया कि  उन्हें photography सीखनी है।  साउथ दिल्ली में सिर्फ २ हफ़्तों का एक कोर्स किया और एक बढ़िया सा कैमरा खरीद कर शौकिया फोटोग्राफी करने लगे।  पर इस फील्ड में भी पहले से महारथियों की फ़ौज खड़ी थी, 2 हफ्ते क्या लोग 2-2 साल के कोर्स करके बैठे थे और कुछ ख़ास नहीं कर पा रहे थे।
संदीप के मन में एक आईडिया आया, वो अपने मॉडलिंग एक्सपीरियंस का यूज करते हुए  एक लिस्ट बांटने लगे जिसमे genuine और fraud modelling agencies के नाम थे। लोग इनका ये काम पसंद करने लगे। जब कुछ लोग जान गए तो संदीप ने पेपर में एक ऐड दिया कि “मुफ्त में पोर्टफोलियो बनवाएं”
संदीप ने इन्हें बनाने के लिए retail market के हिसाब से सिर्फ मटेरियल और processing cost ली, पर चूँकि उन्हें whole sales market के हिसाब से चीजें उपलब्ध थीं इसलिए उन्हें इस काम में करीब 20 हज़ार का फायदा हुआ, जो उनकी पहली मेजर कमाई थी और ये बात उन्होंने ने पोर्टफोलियो बनवाने वाले मॉडल्स को भी क्लियर कर दी।
संदीप का कहना है कि, “ज़िन्दगी में कभी भी कुछ करना है तो सच बोल दो, घुमा-फिरा के बात मत करो।”
इसके बाद फोटोग्राफी का उनका काम कुछ चल पड़ा, महीने के 20-30 हज़ार आने लगे। पर गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही थी।
संदीप कहते हैं कि ,“photography में सिर्फ काम नहीं बिकता नाम बिकता है”
और अब उन्हें नाम करना था।
21-22 साल की उम्र का कोई लड़का अमूमन क्या सोचता? यही ना कि ये तो बड़ा मुश्किल है ! पर संदीप तो मानते ही नहीं कि कुछ भी मुश्किल है, उनके ज़हन में ये बात बैठ चुकी थी कि सब आसान है!
दीमाग में आया कि एक world record बनाया जाए। जिससे सब लोग उनको जान जाएं। पहुँच गए, Limca Book Of World Records के office. अधिकारी ने समझाया; कोई इंडिया लेवल का रिकॉर्ड बनाओ… ये वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना मुश्किल है, इसके लिए कम से कम 100 मॉडल्स होने चाहियें जिनकी 12 घंटे के अन्दर 10,000 फोटो खींचनी होगी वो भी सब अलग-अलग पोज में..
“हो जाएगा”, संदीप ने जवाब दिया।
लेकिन क्या ये करना इतना आसान था, बिलकुल नहीं !
बहुत से challenges आये, मॉडल्स arrange करना, पैसों का इंतजाम, etc; लेकिन अपनी धुन के पक्के संदीप माहेश्वरी के सामने एक भी टिक न सका। और संदीप ने 22 साल की उम्र में year 2003 मे ये वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
World record बन जाने से अब उनका नाम भी हो गया, आम लोग, मॉडल्स, advertising agencies सब उनको जानने लगे, उनकी agency Delhi और India level पे भी top की एजेंसी बन गयी, दो-दो offices खुल गए, खूब पैसे भी आने लगे पर संदीप खुश नहीं थे।
एक बात उन्हें अभी भी परेशान कर रही थी, मॉडल्स का कुछ ख़ास नही हो रहा था , पोर्टफोलियो बनवाने में वे इतने पैसे खर्च करते पर उन्हें काम नहीं मिलता।
संदीप में उनकी हेल्प करने के लिए एक मैगज़ीन निकाली , वेबसाइट भी लांच की पर कुछ नहीं हुआ, संदीप परेशान थे।
वो 2006 का साल था, संदीप के अन्दर मॉडल को हेल्प करने की एक बहुत बड़ी urge आई, सोचा चाहे जो हो जाए इनके लिए कुछ करना है!
संदीप कहते हैं, “जब हम बोलते हैं आसान है और जवाब मांगते हैं तो जवाब मिल जाता है।”
एक दिन उनके ऑफिस में एक ad agency वाला आया, एक मॉडल की फोटो देखी और बोला, “हमारे पास शूट-वूट का टाइम नहीं है,  हम इसी फोटो को स्कैन करेंगे और सीधा ऐड में छाप देंगे। और इसके हम बस ढाई हज़ार दे सकते हैं। ”
संदीप को और क्या चाहिए था, उनके मॉडल को एक ऐड में आने का मौका मिल रहा था और कुछ पैसे भी आ रहे थे। वे फ़ौरन तैयार हो गए।
और इस incident से ही उनके दिमाग मेंImagesBazaar का आईडिया आया। दरअसल, पहले क्या होता था कि ad agencies किसी मॉडल का पोर्टफोलियो देखकर उसे सेलेक्ट करती थीं , फिर जैसा ऐड होता था उस हिसाब से शूटिंग- फोटो सेशंस वगैरह किये जाते थे। पर इस बार तो सीधे पोर्टफोलियो वाली फोटो ही सेलेक्ट कर ली गयी थी। यानि अगर clients को directly उनके ऐड के मुताबिक ही फोटो मिल जाएं तो शूट करने में टाइम और पैसा खराब करना कौन चाहेगा। और इसी सोच ने Indian photos की सबसे बड़ी online repository ImagesBazaar को जन्म दिया। और आज आप अखबारों , मैगजीन्स, और बड़ी-बड़ी hoardings पे जितने भी ads देखते हैं, उनमे से ज्यादातर में ImagesBazaar की फोटोग्राफ्स use की गयी होती हैं। What an achievement ! Isn’t it?
दोस्तों, यहाँ एक बात गौर करने की है, जब संदीप को ये आईडिया आया तो वो already एक अच्छी position में थे, फिर भी उन्होंने तुरंत अपने दोनों offices बंद किये और अपना पूरा फोकस ImagesBazaar पर डाल दिया। ऐसा करने पर लोगों ने उन्हें पागल कहा, पर संदीप अक्सर कहते हैं , “जब भी कुछ बड़ा होना होता है तो आपको पागल होना पड़ेगा।” और उन्होंने ने यही किया, ImagesBazaar को लेकर वो पागलों की तरह काम करने लगे और उसे अपनी सबसे बड़ी success story बना दी।
 Sandeep Maheshwari के तीन सबसे बड़े failures:
Photography शुरू करने के कुछ दिनों बाद एक दोस्त ने संदीप को एक New Year Party organize करने के लिए तैयार किया। Deal ये थी कि वो दोस्त पैसा लगाएगा और संदीप सारा काम देखेंगे। दोस्त ने शुरू में तो पैसे लगाए पर बाद में पीछे हट गया। ऐसे में संदीप ने इधर-उधर से पैसे उधार लेकर 2-3 महीने जम कर इस event को सक्सेसफुल बनाने के लिए काम किया। 800 लोग इसमें आये, event बहुत सफल रहा , पर जब अंत में profit शेयर करने की बात आई तो वो दोस्त सारे पैसे लेकर गायब हो गया और फिर कभी नहीं मिला। ये एक बड़ा धक्का था , पर संदीप कहते हैं , “सक्सेस एक्सपीरियंस से आती है और एक्सपीरियंस बैड एक्सपीरियंस से।” वो इससे जरा भी हताश नहीं हुए और घर जाकर खूब enjoy किया कि चलो आज एक बहुत बड़ी सीख मिली है।फोटोग्राफी में घुसने के कुछ दिन बाद भी Sandeep Japan Life नाम की एक Multi-level marketing company से जुड़े हुए थे, और तुक्के में उनके महीने के एक लाख रुपये भी आने लगे। पर यहाँ भी उन्हें लगा कि लोग ठगे जा रहे हैं, तो कुछ down line के लोगों के साथ मिलकर एक दूसरी MLM company शुरू की। इसमें खूब लग कर काम किया , software बनवाना, operations manage करना, सबकुछ किया। और शुरू में सब सही चला, 6 महीनो में 1100 लोगों ने ज्वाइन भी कर लिया पर उसके बाद पार्टनर्स में हुई किसी dispute की वजह से कम्पनी बंद हो गयी।संदीप ने इसमें काफी पैसा लगा दिया था और अब जापान लाइफ भी नही थी और यहाँ भी कुछ नहीं था , एक बार फिर वो ZERO पे थे।जब संदीप MLM में भी फेल हो गए और अभी फोटोग्राफी में भी स्ट्रगल चल रहा था तभी संदीप के दीमाग में आया कि Marketing पे एक बुक लिखी जाए और लगभग 20 साल की उम्र में उन्होंने एक बुक लिख डाली। इसकी आनोखी बात ये थी कि इसे आगे से नहीं पीछे से पढना था  । पर इसे खरीदने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई, 1000 में से करीब 150 copies ही बिकीं और बाकी 850 को माँ ने कबाड़ वाले को बेच दिया।
 पर क्या ये failures सचमुच इतने बुरे थे?
संदीप कहते हैं कि , “मैं सिर्फ good luck को मानता हूँ, bad luck नाम की इस दुनिया में कोई चीज नहीं, क्योंकि जो होता है अच्छे के लिए होता है। इसका मतलब हमारे साथ कुछ बुरा भी हो रहा है तो बुरा लग रहा है बुरा है नहीं,आज बुरा लग रहा है आगे आने वाले टाइम पे पता चलता है कि वो भी अच्छे के लिए हुआ है।
और यही सीख हमें संदीप के इन तीन बड़े failures से मिलती है :
पहले failure की वजह से संदीप को event manage करने का confidence आ गया, जिस वजह से वो photography से related अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड बना पाए, जिसमे उन्होंने खुद ही सारा कुछ मैनेज किया, नहीं तो उन्हें किसी इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी को हायर करना पड़ता जिसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
दुसरा, MLM वाला फेलियर न होता तो ImagesBazaar ही नहीं बन पाती। क्योंकि, अपनी MLM कम्पनी बनाने की वजह से उन्हें software की knowledge हो गयी , और अगर ये knowledge ना होती तो वो ImagesBazaar की कल्पना भी नहीं कर पाते।
तीसरे फेलियर, जिसमे उनकी बुक फ्लॉप हो गयी , उसके लिए संदीप कहते हैं कि ,”आज मैं जो कुछ भी कर रहा हूँ इस बुक की वजह से कर रहा हूँ”, दरअसल इस बुक को लिखने के चक्कर में उन्होंने इतनी सारी बुक्स पढ़ डालीं कि उनका माइंड बहुत ब्रॉड हो गया, और वो बिजनेस रिलेटेड या और भी कई तरह की प्रोब्लम्स को बड़ी आसानी से सोल्व कर लेते हैं।
Sandeep Maheshwari की success का सबसे बड़ा secret?
संदीप की सफलता का सबसे बड़ा राज सिर्फ दो शब्दों में छिपा है –“आसान है”। वे किसी भी चीज को मुश्किल नहीं मानते, चाहे challenges बड़े हों या छोटे, हर बार वो यही सोचते हैं कि ये “आसान है”, और सचमुच वो उनके लिए आसान बन जाता है। और यही सलाह वो हर इंसान को देते हैं, उनका कहना है कि अगर किसी को उनसे सिर्फ और सिर्फ एक चीज सीखनी है तो वो है “आसान है” का फंडा।
Sandeep says, “अपनी  life की  छोटी  से  छोटी  problems बड़ी  से  बड़ी  problems उसमे   जा  कर के  इन  दो  words को  चिपका  दो , अंदर  से  जिस  दिन  आवाज  आने  लग  गयी  न.. “आसान  है ”, उस  दिन  सबकुछ  सबकुछ  सच मे  आसान  हो  जाएगा.. और  यही  मेरी life का  सबसे  बड़ा  secret है  सबसे  बड़ा… “आसान  है !” इसकी  power को  under estimate मत  करो … इसने  मेरी  ज़िन्दगी  बदली  है !”
क्या कोई भी कुछ भी कर सकता है?
संदीप – “अगर मेरे जैसा लड़का जो दब्बू था…जो शर्माता था…वो अगर स्टेज पे आकर बोल सकता है तो दुनिया का कोई भी आदमी कुछ भी कर सकता है।”
संदीप मानते हैं कि, “कामयाब होना कोई बड़ों का खेल नहीं… ये बच्चों का खेल है…और अगर तुम मान लो कि successful होना बच्चों का खेल है तो क्या होगा… successful हो जाओगे…
हम करना तो चाहते हैं पर डर लगता है कि लोग क्या कहेंगे?
संदीप-“वो क्या सोचेगा…ये मत सोचो…वो भी यही सोच रहा है. एक  समय  लोग  मुझसे  कहते  थे ये  ले  दस  रुपये  और  मेरी  photo खींच  दे अगर  मैं  यही  सोचता  कि  लोग  क्या  कहेंगे  तो  मैं  आज  यहाँ  नहीं  होता.. दुनिया  का  सबसे  बड़ा  रोग  क्या  कहेंगे  लोग !
आपके लिए सक्सेस का क्या मतलब है?
संदीप- “Success की सिर्फ एक definition है मेरे लिए, share करो….दिल से share करो…सबके साथ share करो… “
आपकी सबसे बड़ी सक्सेस क्या है?
संदीप- “एक बार एक बच्चे की फोटो प्रिंट हुई, मुझे इस बारे में पता भी नहीं था; उसकी माँ आई, उनकी आँखों में आंसूं थे, मुझसे बोलीं , “thank you”…यही मेरी सबसे बड़ी सक्सेस है।”
FriendsI hope Sandeep Maheshwari की ये कहानी मेरी तरह आपको भी ज़रूर inspire करेगी। ये पोस्ट लम्बी है इसकी सारी बातें याद रहे न रहे लेकिन दो बातें ज़रूर याद रखियेगा : आप जो भी करना चाहते हैं,छोटा…बड़ा…बहुत बड़ा… वो करना आसान है…आसान है…आसान है। और जब आपकी ज़िन्दगी सचमुच आसान बन जाए तो दूसरों की ज़िन्दगी आसान बनाना मत भूलियेगा….share करियेगा..दिल से share करियेगा…खूब share करियेगा…बार-बार share करियेगा  !
Thank You 

Wednesday, November 4, 2015

निराश न हो भूलने की आदत से ! अपनाये ये उपाय

निराश न हो भूलने की आदत से ! अपनाये ये उपाय
Source- www.onlymyhealth.com

विज्ञान इस बात को सिद्ध कर चूका है की हमारे मस्तिष्क पर एक बार जिस वस्तु का बिम्ब बन जाता है, वह कभी नष्ट नही होता । आमतौर पर जिसे हम सभी सब भूलना कहते है, वह किसी जानकारी का खत्म हो जाना नही होता, बल्कि उस जानकारी का ग़ुम हो जाना होता है वह जानकारी हमारे दिमाग में तो है, लेकिन फ़िलहाल हमे मिल नही रही है । मिल इसलिए नही रही है, क्योंकि हमने रखते वक़्त बहुत ध्यान नही दिया था । मिल इसलिए नही रही है, क्योंकि एक बार रख देने के बाद हमने दोबारा उसे ढूंढने की कोशिश नही की, क्योंकि उसकी जरूरत ही नही पड़ी ।
विस्मृति(Forgetfulness) ठीक उसी तरह है, जिस तरह हम अपनी कोई छोटी-सी चीज घर में कहीं रखकर उसे भूल जाते है । जब जरूरत पड़ती है, तो उसे ढुँढनें के लिए मारामारी मच जाती है, लेकिन वह मिल नही पाती । है वह चीज वहीँ, लेकिन मिल नहीं रही है और आपने देखा होगा की अचानक एक दिन वह मिल भी जाती है ।
भूलने से निराश न हो । यह कोई बीमारी नही है । यह कोई अवगुण नही है । यह दिमाग की कमजोरी भी नही है । यह मुख्यतः हमारी सतर्कता से जुड़ी हुई बात है । जिन कामो को हम सतर्क होके करते है, वे काम लम्बे समय तक याद रहते है और जिन कामो को हम यूँ ही कर देते है, वे यदि यूँ ही गायब भी हो जाते है, तो फिर भला उसका का क्या दोष और दोष आपका भी नही है । ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा होता ही नही है की हम सारे ही कामो को पूरी सतर्कता के साथ कर सके । यही कारण है की हमारा मस्तिष्क हर दिन की लगभग 95 प्रतिशत सूचनाओ को मिटा देता है ।
तो फिर सवाल यह है की इसके लिए दोषी कौन है ? असल में इसके लिए दोषी है - हमारी कार्यप्रणाली । मान लीजिये हम पढाई करने के बाद भी भूल जाते है तोे उसमे गलती यह होती है की पढ़ते समय जिन चीजो को हमे प्राथमिकता देनी चाहिए, हम उन्हें प्राथमिकता न देकर फालतू की चीजो को प्राथमिकता देने लगते है । अगर आप इतिहास पढ़ रहे है, तो चूँकि इतिहास की किस्से- कहानियां आपको अच्छे लगते है, इसलिए आप उसे प्राथमिकता दे देते है । कहानियां तो याद हो जाती है, लेकिन हम ये भूल जाते है की अकबर किस सन् में शासक बना था या फलन युद्ध कहाँ हुआ था । इसलिये आप विश्वास रखिये की यदि आप पढ़ते समय या किसी की बात को सुनते समय अपनी प्राथमिकताओं को ठीक कर ले, तो भूलने के संकट से मुक्त हो जायेंगे । यह तो थी उसी तरह से है, जैसे आप अलमारी में उन किताबो को और कपड़ो को सामने लगाते है, जिनकी आपको ज्यादा जरूरत पड़ती है । जिनकी शायद ही कभी जरूरत पड़ेगी, उन्हें आप अलमारी के सबसे ऊपर के खाने के सबसे पीछे रख देते है, जिन्हें निकालने के लिए आपको स्टूल पर चढ़ना पड़ता है। इसी प्रकार दिमाग को भी कम प्राथमिकताओं वाली बातो को याद रखने के लिए अलग से मेहनत करनी पड़ती है । विश्वास कीजिये की विस्मृति(Forgetfulness) इससे अधिक और कुछ नही है ।
एक बात और ! भूलना अभिशाप नही है । यह तो वरदान है ।
हाँ आपने सही पढ़ा वरदान ! आप खुद सोचकर देखिये की हमारी जिंदगी में जितनी भी बाते होती है, यदि वे सारी बाते हमे याद रहे, तो क्या हैं हम आगरा के प्रसिद्ध पागलखाने में भेजे जाने योग्य नही हो जायेंगे ? हमारे दिमाग  में बहुत-सी अच्छी बाते याद रहती है.तो बहुत सी बुरी बाते भी । कुछ कड़वे अनुभव होते है तो कुछ मीठे भी । यदि ये सारे कड़वे अनुभव हमे याद रहे, तो क्या हमारा दिमाग करेले के पानी जैसा कड़वा नही हो जायेगा ? निश्चित है की ऐसा ही होगा । इस बात पर संदेह मत किजिये कि याद रखने की अपेक्षा भूलना कहीं अधिक मुश्किल होता है और चाहकर भूलना तो और भी ज्यादा मुश्किल होता है, क्योंकि जब आप किसी बात को भूलना चाहते है, तो इसके लिए आप उस को पहले याद करते है और इस प्रकार भूलने को जगह उसे याद कर बैठते है । फलस्वरूप वह लगातार याद होती चली जाती है । प्रख्यात पार्श्व गायक स्वर्गीय मुकेश का गाया एक गीत भी है, जिन्हें हम भूलना चाहे, वो अक्सर याद आते है ।
हमारे दिमाग में नई चीजो के लिए जगह बन सके, उसके लिए जरुरी है की हम अपने दिमाग से उन कचरों को निकालकर बाहर फेंक दे, जो बेकार में दिमाग की जगह को घेरे हुए है । भूलने से यही काम होता है फालतू की चीजे निकल जाती है इसलिए याद रखिये की भुलने की प्रक्रिया से मुक्त नही होना है, बल्कि आवश्यक बातो को भूलने की आदत से मुक्त होना है और ऐसा हम कर सकते है -
bhulne ki aadat ka upay
Courtesy- vskbharat.com

अपनाएँ यह उपाय-
सुबह-सुबह सैर पर जाने से दिमाग की कोशिकाओं में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है जो मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाता है, तो मस्तिष्क को तनाव मुक्त करता है और याददाश्त की क्षमता को बढ़ाता है। दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखने का सबसे आसान उपाय है दिमागी कसरत, जो कई तरह दिमागी खेलों जैसे पजल, सुडोकू, क्रॉस वर्ड आदि के माध्यम से की जा सकती है। यह खेल मेमोरी पवार को बढ़ाते हैं जिससे जगह, नाम आदि आसानी से याद रखे जा सकते हैं।
विधार्थियो के लिए याद रखने के टिप्स-
• पढ़ते समय अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करके ।
• दिमाग को फालतू की बातो से बचाकर ।
• पढ़ी हुई बातो को बार-बार दोहराकर, और
• पढ़ी हुई बातो लिखकर या किसी की सुनाकर-समझाकर ।
ऐसा करने से उस बात के बारे में हमारे दिमाग में बने हुए बिम्बो पर पड़ी हुई धुल उसी तरह साफ़ हो जाती है, जिस तरह पोलिश किये हुए जूते पर पड़ी हल्की-हल्की धुल । आप जूते पर हल्का सा ब्रश मारते है, जूता फिर झकाझक हो जाता है । हमारे दिमाग के साथ भी यही होता है ।

Saturday, September 19, 2015

Business में Success होना है तो याद रखिये ये 4 सबक

tips to success in business
4 tips to success in business

World की कुछ जानी-मानी companies के CEO's दे रहे हैं कुछ बेहद ज़रूरी tips जो हमें भी अपना Business सफल बनाने में मदद कर सकती हैं। आइये देखते हैं इन्हे :

टाइम को करें मैनेज :

स्टारबक्स के चेयरमैन और सीईओ हावर्ड डी शुल्ज़ समय के पाबन्द हैं और अपनी टीम से भी यही अपेक्षा रखते है की समय का पूरा ख़याल रखा जाए | वह कहते है कि  समय को मैनेज करना एक कला है ज्यादातर लोग इसे नजरंदाज कर  देते हैं  जबकि जो  सफल लोग होते है वह कभी भी समय न होने का बहाना नहीं बनातें है | क्यूंकि अगर आप समय पर काम पूरा करने के लिए एक योजना बनातें है तो आप कभी भी असफल या विफल नही होंगे | इसका सीधा सीधा तात्पर्य पहले से तैयारी करने से है यदि आप किसी कार्य के लिए पहले से तैयारी करते है तो आपके सफल होने के चांस और बढ़ जाते है और इससे आपको सफल होने का एक मार्ग मिल जाता है |

पैसे को समझें :



बिजनेसमैन और इन्वेस्टर मार्क क्यूबन कहते हैं  कि  अगर आपको पता नही है कि पैसा कैसे काम करता है तो आप पैसा नही कमा सकते आज इन्टरनेट पर ऐसी कई साईटस हैं , जहाँ आप फाइनेंसियल जगत की गतिविधियों को समझ सकते है | आपको पता होना चाहिए कि  दुनियाभर के लोग कैसे पैसा कमा रहे हैं  | इससे आप खुद के लिए एक बेस तैयार कर पाते है| अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते है तो आपको समझना जरूरी है कि दुनिया में किस तरह से पैसा बढ़ रहा है  | यह आपको अपना काम एक अच्छे ढंग से करने में काफी मदद कर सकता है क्यूंकि यदि आपको पैसे की समझ ही नही तो आप कैसे जानेंगे कि आप क्या कैसे करेंगे और आपका भविष्य का प्लान क्या होगा | क्यूंकि यह सब पैसे पर निर्भर करता है तो इसलिए आपको इसे समझना बेहद जरूरी है |

बिजनेस में रिस्क लें :



स्पेसएक्स के संस्थापक एलान मॉस्क कहते हैं  कि चाहे आपको पहले से पता हो की सफलता नही मिलेगी तो भी  आप रुकिए नही बल्कि प्रयास करिए जब आप प्रयास करते है तो काम की बारीकियों को सीखने लगते है और अगर आपका आधार  मजबूत है, तो आप  जरूर सफल होंगे इसका सीधा-सीधा कारण यह है कि  जब आप प्रयास करेंगे तो आप चीजों को अच्छे तरीके से जानेंगे और अच्छी तरह से समझ पायेंगे जो की आपकी सफलता में  काफी सहायक होगी ।

सेल्फ मोटिवेशन जरूरी :



याहू! की सीईओ मारिसा मेयर कहती हैं कि  दुनिया मैं दो तरह की  प्रेरणा है – : अंदरूनी और बाहरी। अगर बाहरी प्रेरणा न मिले तो अंदरूनी प्रेरणा को कायम जरूर रखे | मारिसा कहती हैं कि जब आप अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर असल दुनिया की अपेक्षाओं के साथ तालमेल बैठते हैं तो आप दोगुनी गति से सफल होते है और यही आपको सफल बनाने में काफी मददगार होगा |




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Tuesday, September 15, 2015

Interview Tips in Hindi: Interview में सफल होने के 10 Tips

              Job Interview में सफल होने के 10 Tips

Hi friends,

आज  मैं  आपके  साथ  जॉब  इंटरव्यू  में  सफलता  पाने  के  लिए  ऐसी  10 बातें  share करूँगा  जो  मुझे  बेहद  ज़रूरी  लगती  हैं . इन  बातों के  अलावा  भी  कुछ  important tips हैं यह Post थोड़ी लंबी  है.  इसलिए यदि आप चाहें तो IgnoredPost.com को Bookmark या Favourites में list कर लें . ताकि यदि आप एक बार में पूरी post  न पढ़ पायें तो आसानी से फिर इस पेज पर आ सकें. वैसे Google में IgnoredPost.com search  करने पर भी आप दुबारा इस Page  पर आ सकते हैं.

इन  10 Tips में  आप  मेरे  Interview से  related अब  तक  के  experience का  निचोड़  देखेंगे . तो  आइये  जानते  हैं  इंटरव्यू  में  सफल   होने  के  लिए  किन  10 बातों  पर  ध्यान  देना  आवश्यक  है .
10-interview-tips-in-hindi
 success tips for job interview 


1)  CV /  Resume  को  बनाने  में   पूरी  सावधानी  बरतें :

आपकी  CV का  मकसद  अपने  potential employer को  यह  दिखाना  होना  चाहिए  की  क्यों  आप  इस  जॉब  के  लिए  best person हैं .आपकी  CV ही  आपसे  related वो  पहली  चीज  होती  है  जो  Interviewer के  सामने  जाती  है .कह  सकते  हैं  कि  उनकी  नज़रों  में  यही  आपका  first impression होता  है . अगर  interviewer को  CV अच्छी  नहीं  लगी , या  उसमे  बचकानी  mistakes दिखीं  तो  आपके  लिए  उसका  perception खाराब  हो  सकता  है . और  ये  भी  ध्यान  रखें कि  आपकी  छोटी  छोटी  बातें  कहीं   ना  कहीं  आपकी  बड़ी -बड़ी  हरकतों  की  ओर  भी  इशारा  करती  हैं . अगर  कोई  व्यक्ति  अपनी  CV बनाने   में  असावधान  है  तो  job में  भी  उसके  ऐसा  करने  के  काफी  chances हैं , और  ये  बात  interviewer अच्छी  तरह  से  जानता  है .

CV अच्छे  से  बनाना  इसलिए  भी  ज़रूरी  है  क्योंकि  ज्यादातर  companies में  पहले  CV के  basis पर  ही  candidates को  छांट दिया  जाता  है , और  अगर  आप   यहीं  छांट  गए  तो  बाकी  tips रखी  की  रखी  रह  जायेंगी . इसलिए  इस  most important step को  कत्तई  miss ना  करें .
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मैं  यहाँ  CV कैसे  बनाएं , ये  तो  नहीं  बता  सकता  पर  कुछ  important points ज़रूर  share कर  सकता  हूँ  जिस  पर  आपको  ध्यान  देना  चाहिए :

         आपकी  CV का  look professional होना  चाहिए .
         बड़े -बड़े  paragraph की  जगह  bullet points use करें  , ये   interviewer को  CV पढने  के  लिए  ज्यादा  प्रेरित  करते  हैं .
         कोई  भी  Spelling mistake नहीं  होनी  चाहिए .
         अगर  CV दो  page में  बन   सकती  है  तो  जबरदस्ती  उसे  चार  page का  ना  बनाएं .
         अलग -अलग  job के  हिसाब  से  अपनी  CV में  थोड़े – बहुत  बदलाव  करें .
         उन  points को  highlight करने  की  कोशिश  करें  जो  इस  job से  related हों.
         CV बनाने  के  बाद  दो-चार  लोगों  से  उसे  पढवा  लें .

2)   Job से  related theoretical knowledge को  special attention दें :

मैं  पिछले  5-6 साल  से  Insurance field से  related हूँ . इस  sector की  मुझे  ठीक – ठाक  knowledge है , पर  जब  कभी  कोई  interview schedule होता  है  तो  मैं  अपनी  पुरानी  books, PPTs, और  अन्य  resource material अच्छी  तरह  से  दोहराता  हूँ .

Job से  सम्बंधित  theoretical knowledge को  बराबर  importance दें , मैं  कुछ  ऐसे  लोगों  को  जानता  हूँ  जिनके  पास  practically काम  कैसे  होता  है  इस  बात  की  अच्छी  knowledge है  , पर  वो  technical terms और  theory में  lack करते  हैं  , और  इस  वजह  से  उन्हें  interview में  उतनी   सफलता  नहीं  मिल  पाती . आप  इस  तरह  की  गलती  ना  करें , और  theoretical knowledge को  कम  ना  आंकें .
अगर  मैं  अपनी  बात  करूँ  तो  interview की  पूरी  preparation का  60% time इसी  काम  में  देता  हूँ . यहाँ  पर  दिया  गया  effort और  चीजों  को  आसान  बना  देता  है , आपका  confidence बढ़  जाता  है , और  आप  जो  answers देते  हैं  उसमे  ये  साफ़  झलकता  भी  है . Interviewer भी  शुरआती  answers की  quality से   ही  जान  लेता  है  कि  आप  एक  well prepared candidate हैं  या  एक  casual candidate.

Interview को  कभी  casually नहीं  लेना  चाहिए , यह  एक  competition है , आपको  खुद  को  दूसरों  से  बेहतर  साबित  करना  होता  है . और  आप  किसी  भी  department में  कोताही नहीं  बरत  सकते .  इसलिए आप  जो भी  interview देने  जा  रहे  हैं  उस  field से  related theoretical knowledge पर  अतिरिक्त   ध्यान  दें .

मैं  यहाँ  practical knowledge को  इसलिए  emphasize नहीं  कर  रहा  हूँ  क्योंकि  यदि  आप  एक  fresher हैं  तो  आपसे  practical knowledge expected नहीं  है  और  यदि  आप  exeperienced हैं  तो  definitely आपके  पास  practical knowledge होगी  ही .

3) खुद  को  Employer की  जगह  रख  कर  देखें :

ये  सोचिये  कि  अगर  आप  Interviewer होते  तो  एक  ideal candidate के अन्दर क्या  खोजते . जो  job vacancy है  उसकी  specific need को  समझने  की  कोशिश  कीजिये , और  उन  needs को  पूरा  करने  के  लिए  जो  qualities चाहिएं  उसे  interview में   showcase कर  सकते  हैं.दूसरी तरफ आप उन qualities को छुपा भी सकते हैं जो इस जॉब के लिए फिट नहीं बैठतीं.

For example: अगर  Marketing जॉब  के  लिए  जा  रहे  हैं , तो  आपकी  travelling की  hobby को  आप  highlight कर  सकते  हैं , पर  यदि  आप  operations की  जॉब  के  लिए  जा  रहे  हैं  तो  आपको  इसे  highlight नहीं  करना  चाहिए . अलग -अलग  job requirements के  हिसाब से  आप  अपनी  CV में  बदलाव कर  सकते  हैं , और  उसे  और  भी  effective बना  सकते  हैं .

आम तौर  पर  कोई  interviewer आपके  confidence, subject knowledge और  stability , team में काम करने की क्षमता, इत्यादि  check करते  है .

कई  बार  ये  भी  होता  है  कि  आप  किसी  काम  के  लिए  overqualified होते  हैं  , जैसे  कि  अगर computer operator का  काम  है  और  कोई  MCA उस  जॉब के  लिए  interview दे  रहा  है , तो  भी  Employer उसे  select करने  में  हिचकेगा  , क्योंकि  उसकी  इस  job में  टिकने  के  आसार  कम  होंगे . इसलिए  अगर  job के  हिसाब  से  आपकी  qualification अधिक  है  तो  उसे  mention नहीं  करना  ही  ठीक  रहता  है .

इसी  तरह  जब  आप  खुद  को  employer की  जगह  रखकर  देखते हैं तो आपके  दिमाग  में  कई  बातें  आएँगी  और  आप उस  हिसाब  से  खुद को  तैयार  कर  सकते  हैं .
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4) Frequently Asked Questions( FAQs) की  तैयारी  ठीक  से  कर  लें :

Job  interviews में  कुछ  questions बहुत  ही  common होते  हैं , जो  लगभग  हर एक  interview में  पूछे  जाते  हैं . ऐसे  questions की  तैयारी  अच्छे  से   कर  लें  , और  साथ  ही साथ उन  questions के  बारे  में  भी  सोच  लें  जो  आपके  जवाब  के  बदले  आपसे  पूछे  जा  सकते  हैं .

यहाँ  मैं  ऐसे  questions की  एक  छोटी  सी  list दे  रहा  हूँ :

Tell me about Yourself ? / Walk me through you CV?/ Introduce yourself/ अपने  बारे  में  हमें  बताएं ?
Do you want to ask any question? / क्या आप  कोई  प्रश्न    पूछना  चाहते  हैं  .  ( Inerview के  अंत  में  ये  पूछा  जा  सकता  है .)
Tell us about your  current  job, what is your role?/  अपनी  मौजूदा  नौकरी  के  बारे  में  बताएं , आपका  काम  क्या  है ?
Why do you want to join this company? / आप  ये  company क्यों  join करना  चाहते  हैं ?
Why is there a gap in your studies/ job ? आपकी  पढाई /job में  gap क्यों  है ?
Why do you want to leave your current job? / आप  अपनी  मौजूदा  नौकरी  क्यों  छोड़ना  चाहते  हैं ?
What are your weaknesses / strengths ? / आपकी  weakness/ strength क्या  है ?
Why should we select you? /हम  आपका  चयन  क्यों करें  ?
Why did you chose this specialization? आपने  यह  specialization क्यों  किया ?
Why your marks are very low in xyz exam? Xyz exam में  आपके  marks इतने  कम  क्यों  हैं ?
What has been your biggest achievement till date? / अब  तक  की  आपकी  सबसे  बड़ी  achievement क्या  रही  है ?
इसके  अलावा  आपकी  industry से   related कुछ  common questions भी  पूछे  जा  सकते  हैं , इसलिए  ऐसे  प्रश्नों  की  study पहले  से  ही detail में  कर  लें .

In questions की  तैयारी  करने  का  मतलब  ये  नहीं  है  कि  इन्हें  रटा जाए . ये  इसलिए  है  कि  आपकी  mental clarity बनी  रहे . In questions के  answers की  एक  outline आपके  mind में  तैयार  होनी  चाहिए  , और  interview के  समय  उसे  अपने  शब्दों  में  बोलने  के  लिए  तैयार  रहना  चाहिए .

For example: अगर  कोई  अचानक  ही  आपसे  आपकी  strength पूछ  ले  तो  आप  कोई  ना  कोई  उत्तर  ज़रूर  दे  लेंगे  पर  हो  सकता  है   बाद  में   आपको  लगे  की  आप  अपनी  सबसे  बड़ी  खूबी  बताने  से  ही  चूक  गए  हैं , लेकिन  अगर  आप  पहले  से  prepared रहेंगे  तो  ऐसी  गलती  नहीं  होगी .
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5) Mind में  पूरा  interview process कई  बार  run कर  लें :

जब  भी  मुझे  interview देना  होता  है  तो उससे  पहले  मैं  4-5 बार  पूरा  का  पूरा  interview अपने  mind में  run कर  लेता  हूँ . और  ये  बहुत  ही  detailed होता  है .

इसमें  मैं  सुबह  उठने  से  लेकर  interview खत्म होने  तक  की  छोटी  से  छोटी  बात  के  बारे  में  सोचता  हूँ .ऐसा  करने  से  mind कई  चीजों  को  लेकर  बिलकुल  clear हो  जाता  है . जैसे  कि  कब  उठाना  है , क्या  revise करना  है , क्या  पहन  कर  जाना  है , कैसे  जाना  है , कब  तक  पहुचना  है , क्या -क्या  लेकर  जाना  है , कैसा  gesture रखना  है , कैसे  खुद  को  introduce करना  है , etc.

इसमें  सबसे  ज़रूरी  part होता  है  खुद  को  interviewer से  interact करते  हुए  visualize करना . मैं  अपने  मन में  सोचता  हूँ  कि  interviewer कोई  question पूछ  रहा  है , और  फिर  मैं  उसका  answer दे  रहा  हूँ .  ऐसा  करने  से  कई  बार  ऐसे  questions दिमाग  में  आ   जाते  हैं  जिनका  answer ठीक  से  नहीं   पता  होता ,और  तब  मैं  उन्हें  अच्छे  से  तैयार  कर  लेता  हूँ .

पता  नही  आपको  ये  technique कैसी  लगे  पर  मैं  जब  भी  इसे  करता  हूँ  इसका  कुछ  ना  कुछ  फायदा  ज़रूर  होता  है . अब  चाहे  वो  कोई  interview से  expected किसी  question का  दिमाग  में  आना  या  कोई  छोटी  सी  चीज  जैसे  कि  interview के  लिए  कपडे  प्रेस  करवाना …पर  कुछ  ना  कुछ  फायदा  होता  ज़रूर है .

6) Mock & Mirror Practice

MBA के  दौरान  campus selection से  पहले  मैंने  कई  बार  mock interviews दिए  थे , और  अपने  friend Dheeraj के  साथ  मिलकर  बहुत लोगों  के  mock interviews लिए  भी  थे , हमने  इन  interviews को  web-cam से  record भी  किया  था , जिसे  देखकर  लोगों  को  काफी  फायदा  हुआ   था . अगर  आपको  Interview देने  का  अधिक  अनुभव  नहीं  है  तो  आपको  भी  Mock Interviews जरूर  देने  चाहियें . मौक   interview conduct करने  के   लिए  आप  अपने  किसी  ऐसे  friend या  senior से  request कर  सकते  हैं  जो  आपको  एक   सही  feedback दे  सके . इस  activity को  बहुत  seriously कीजिये , ये  आपको  बहुत  कुछ  सीखा  सकती  है . क्योंकि  अक्सर  हम  खुद  जो  गलतियाँ  करते  हैं  वो  हमें  दिखाई  नहीं  देतीं , लेकिन  और  कोई  उन्ही  चीजों  को   आसानी  से  point कर  सकता  है .

ये  ध्यान  दें  कि  कहीं  इस  activity से   आपका  confidence कम  ना  हो .  यहाँ  interview लेने  वाले  को  समझदारी  दिखानी  होगी  कि  वो  आपकी  improvement areas भी  बताये  और  आपका  confidence भी  बढ़ाये . अगर  आपको  लगता  है  कि  इस  activity से  आपका  confidence lose हो  सकता  है  तो  इसे  ना  करें . इसकी  जगह  आप  खुद  शीशे  के  सामने  बैठ  कर  अपना  interview दें , और  चाहें  तो  उसे  अपने  mobile में  record भी  कर  लें . जब  आप  अपने  answers सुनेंगे  तो  आपको  खुद -बखुद  कुछ  improvement areas दिख  जायेंगी .

7) Non-Verbal Communication पर  ध्यान  दें :

हम  जो  communicate करते  हैं  वो  सामने  वाले  तक  दो  तरह  से  पहुँचता  है . Verbally और  Non-Verbally.

Verbally , यानि  जो  हम   बोलते  हैं  , या  लिखते  हैं , और  Non-Verbally बाकी  चीजें , हम  कैसे, किस  tone में  बोलते  हैं , हमारे  बैठने  का  तरीका , eye contact, even  हमारा  dressing sense. अलग -अलग  research के  मुताबिक़  हमारे  total communication में  सिर्फ  20% verbal होता  है  और  80% Non-verbal.

इसलिए  इस  80% पर  ध्यान  देना  बहुत  ज़रूरी  है . आपको   interviewer से  interact करते  वक़्त  कुछ  बातों  का  ध्यान  देना  होगा :

आपको  देखकर  लगे  की  आप  इस  job में  genuinely interested हैं .ऐसा  आप  अच्छे  से  dress up होकर  , time से  venue पर  पहुंच  कर  कर  सकते  हैं .
आपकी  आवाज़  dull नहीं  होनी  चाहिए , enthusiasm और  confidence show करना  बहुत  ज़रूरी  है .
पहली  बार  मिलते  वक़्त    हलकी  सी  smile ज़रूरी  है , और  interview के  दौरान  भी  आपको  एक  friendly gesture रखना  चाहिए .

Job के  लिए  आपका  जोश  आपकी  तैयारी  से  साफ़  झलकेगा , इसलिए  अपना  homework अच्छे  से  कर  के  interview देने  जाएं . Specially, company के  बारे  में  आपको  अच्छी  जानकारी  होनी  चाहिए  , और  आपकी  field से  related current developments भी  पता  होने  चाहिएं .

Note:अपना confidence level improve करने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.

8 ) Contradictory answers ना  दें  :

Interviewer आपकी  honesty  check करने  के  लिए  , या  बस  यूहीं  कुछ  ऐसे  प्रश्न    पूछ  सकते  हैं  जिनका  उत्तर  एक -दूसरे  से   related हो .

For example: अगर  आप  पहले  कह  चुके  हैं  कि  ये  आपकी  dream company है , पर  जब  ये  पूछा  जाता  है  कि  ये  company क्या – क्या   service देती  है  , और  आप  ठीक   से  नहीं  बता  पाते  हैं , तो  येही  message जाता  है  कि  एक  तरफ  तो  ये  आपकी  dream company है  और  दूसरी  तरफ  आप  इसके  बारे  में basic जानकारी भी नहीं रखते हैं तो  इसका  मतलब   आप  honest नहीं  हैं .

या  मान  लीजिये आपने  CV में  अपनी  hobby Playing Cricket लिखी  है , और  interview में  Playing Chess बताते  हैं  तो  definitely interviewer को  आप  पर  doubt होगा .

Interview में  सच  बोलना  ही  सही  रहता  है , पर  यदि  आप  excitement या  nervousness में  कुछ  अधिक  बोल  गए  हों  तो  उस  उत्तर पर टिके रहिये , और  पूरे  interview के  दौरान  उसे  contradict मत  करिए .
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9) जिस   भाषा   में  comfortable हों   उसी   में   इंटरव्यू  दें :

यदि  आप  English और हिंदी दोनों में  बात  करने  में  निपुण  हैं  तो  आप  ये  point skip कर  सकते  हैं  लेकिन  अगर  आप  अंग्रेजी में  comfortable नहीं  हैं  तो  आपके  लिए  एक  important point हो  सकता  है .

अगर  देखें  तो  आज -कल  ज्यादातर  job interviews English में  होते  हैं , लेकिन  कई  जगह  जहां  Hindi में  भी  interview हो  सकते  हैं  वहां  भी  लोग  English में  ही  interview देने  की  कोशिश  करते  हैं . देखिये , गलत  अंग्रेजी  बोलने  से  अच्छा  है  सही  हिंदी  बोलें.

हाँ , अगर  job ही  ऐसी  है  जहाँ  बिना  English के  काम  नहीं  चलने  वाला , जैसे  कि  International Call center, etc में ,तब  आप अंग्रेजी  में  ही  बात  करने  की  कोशिश  करें ,  लेकिन  अगर  कोई  ऐसी   job है  जहाँ  Hindi से  भी  काम  चल  सकता  है  तो  Hindi में  ही  बात  करें .  In fact interview के  शुरू  में  ही  आप  साक्षातकर्ता  से  पूछ  सकते  हैं  कि  Can I answer the questions in Hindi ? क्या  मैं  अपने  उत्तर  हिंदी  में  दे  सकता  हूँ ? ज्यादातर  case में  आपको  हाँ  में  ही  उत्तर  मिलना चाहिए  . और  फिर  आप  अपना  पूरा  Interview Hindi +English मिला  कर  दे  सकते  हैं . Actually, बहुत  सारी  jobs में  बस  आपको  English के  समझ  की  आवश्यकता  होती  है , भले  आप  उसे  बोल  ना  पाएं  लेकिन , सुनकर  या  पढ़कर  समझने  की  काबिलियत  भी  उस  काम   को  करने  के  लिए  पर्याप्त  होती  है , और  Interviewer भी  इस  बात  को  समझता  है.

ऐसा  करने  का  सबसे  बड़ा  लाभ  ये  है  कि  आप  स्वयं  को  अच्छे  से  व्यक्त  कर  पायेंगे  और  आपकी उस नौकरी   से  related जो भी  knowledge है  उसे  interviewer के  सामने  आसानी  से  ला  पाएंगे . और  जब  आप  ऐसा  करेंगे  तो  आपके  success के  chance निश्चित  रूप  से  बढ़  जायेंगे .

Note: अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.

10) ये  सोच  कर  चलें  कि  Selection हुआ   तो  अच्छा  नहीं  तो  कुछ  इससे  भी  अच्छा  होगा :

Interview में  select होने  के  लिए  बहुत  over conscious मत  होइए . अगर  आप  select नहीं  होते  हैं  तो  भी  दुनिया  इधर  की  उधर  नहीं  होने  वाली , in fact कुछ  महीनों  बाद  शायद  आपको  याद  भी  ना  रहे  कि  आप  ऐसे किसी  interview में  appear हुए  थे . Positive attitude रखने  वाले  ये  मान  कर  चलते  हैं  कि  जो  होता है  अच्छा  होता  है.

मैंने  2010 में  Max Newyork Life में  trainer के  लिए  interview दिया  था , पर  सौभाग्य   से  मेरा selection उसमे  नहीं  हुआ . सौभाग्य   इसलिए  क्योंकि  उस  समय  जितने  भी  लोगों  को  as a trainer लिया  गया  था  उन्हें  market conditions ख़राब  होने  की  वजह से  6 महीने  के  अन्दर  निकाल  दिया  गया .वहीँ  दूसरी  ओर कुछ  दिनों  बाद  ही  मेरा  selection HCL Technologies में  हो  गया , जो  कि  work culture और  monetarily दोनों  तरह  से  मेरे  लिए  अच्छा  रहा , और  इस  job की  बदौलत  मुझे   Finland,Europe जाने  का  भी  मौका  मिला .

Friends, I hope कि  यहाँ  share की  गयी  बातें  आपके  काम  आएँगी  और  आप  इंटरव्यू  में  अपनी  success rate को  पहले  से  improve कर  पायेंगे .  मुझे  आपके  feedback और  इंटरव्यू   से  related questions का  इंतज़ार  रहेगा .

आप  comments के  द्वारा  questions पूछ  सकते  हैं  या  ekummid067@gmail.com पर  अपने  question mail कर  सकते  हैं . आपके  questions जितने   generic और  संक्षिप्त  हों  उतना  अच्छा  रहेगा .

आज  की  पोस्ट  मैं  यहीं conclude करूँगा , जल्द ही आपके लिए नई पोस्ट लेकर  फिर  हाज़िर  होऊंगा . Take care.
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Post Courtesy - Achhikhabar
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Success Tips in Hindi: जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

Must Read : How to get success in life in hindi

How to get success in life in hindi
दोस्तों आज में आपके साथ ऐसा पोस्ट शेयर कर रहा हूँ जो आपकी जिंदगी बदल सकता है अगर आप इस पोस्ट के हर पॉइंट्स को ध्यान से पढेंगे और उसे अपनी जिन्दगी में अपनाओगे तो निश्चित रूप से आप कोई भी लक्ष्य को पूरा करने में सफल होंगे | ये पोस्ट स्टेफन कवे की लिखी किताब The 7 Habits of Highly Effective People का हिंदी translation है और शायद आपको पता होगा की स्टेफन कवे की ये किताब दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद और खरीदी जाने वाली किताबो में से एक है में इस पूरी किताब का सार आपके साथ शेयर कर रहा हूँ !

दोस्तों ये पोस्ट पढकर यदि आपको लगता है कि वाकई करोड़ों लोगों की तरह आप भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं तो बिना किसी झिझक के इस book को ज़रूर खरीदें.
                                                        
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जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने काअर्थ है खुद को renew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करके renew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentally और spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.

आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.

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Note: It was a summary of “The Seven Habits of Highly Effective People”in Hindi. Please read the complete book to benefit more.
Note: हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.

निवेदन : कृपया अपने comments के through बताएं की Stephen R Covey की लिखी book “The Seven Habits of Highly Effective People” की summary Hindi में आपको कैसी लगी.

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आपकी ज़िन्दगी बस यूँ ही नहीं घट जाती. चाहे आप जानते हों या नहीं , ये आप ही के द्वारा डिजाईन की जाती है. आखिरकार आप ही अपने विकल्प चुनते हैं. आप खुशियाँ चुनते हैं . आप दुःख चुनते हैं.आप निश्चितता चुनते हैं. आप अपनी अनिश्चितता चुनते हैं.आप अपनी सफलता चुनते हैं. आप अपनी असफलता चुनते हैं.आप साहस चुनते हैं.आप डर चुनते हैं.इतना याद रखिये कि हर एक क्षण, हर एक परिस्थिति आपको एक नया विकल्प देती है.और ऐसे में आपके पास हमेशा ये opportunity होती है कि आप चीजों को अलग तेरीके से करें और अपने लिए और positive result produce  करें.

Habit 1 : Be Proactive / प्रोएक्टिव बनिए
Proactive  होने का मतलब है कि अपनी life के लिए खुद ज़िम्मेदार बनना. आप हर चीज के लिए अपने parents  या  grandparents  को नही blame कर सकते . Proactive  लोग इस बात को समझते हैं कि वो “response-able” हैं . वो अपने आचरण के लिए जेनेटिक्स , परिस्थितियों, या परिवेष को दोष नहीं देते हैं.उन्हें पता होताहै कि वो अपना व्यवहार खुद चुनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ जो लोग reactive  होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावितहोते हैं. वो अपने behaviour  के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं. अगर मौसम अच्छा है, तोउन्हें अच्छा लगता है.और अगर नहीं है तो यह उनके attitude और  performance  को प्रभावित करता है, और वो मौसम को दोष देते हैं. सभी बाहरी ताकतें एक उत्तेजना  की तरह काम करती हैं , जिन पर हम react करते हैं. इसी उत्तेजना और आप उसपर जो प्रतिक्रिया करते हैं के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है- और वो होती है इस बात कि स्वतंत्रता कि आप  अपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयम कर सकते हैं. एक बेहद महत्त्वपूर्ण चीज होती है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं.आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को indicate  करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं.एक proactive व्यक्ति proactive भाषा का प्रयोग करता है.–मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा, etc. एक reactive  व्यक्ति reactive  भाषा का प्रयोग करता है- मैं नहीं कर सकता, काश अगर ऐसा होता , etc. Reactive  लोग  सोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं-उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत control किया जा सकता है , उसपर react या चिंता करने के बजाये proactive  लोग अपना time  और  energy  ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो  control  कर सकें. हमारे सामने जो भी समस्याएं ,चुनतिया या अवसर होते हैं उन्हें हम दो क्षेत्रों में बाँट सकते हैं:

1)Circle of Concern ( चिंता का क्षेत्र )

2)Circle of Influence. (प्रभाव का क्षेत्र )

Proactive  लोग अपना प्रयत्न Circle of Influence पर केन्द्रित करते हैं.वो ऐसी चीजों पर काम करते हैं जिनके बारे में वो कुछ कर सकते हैं: स्वास्थ्य , बच्चे , कार्य क्षेत्र कि समस्याएं. Reactive  लोग अपना प्रयत्न Circle of Concern पर केन्द्रित करते हैं: देश पर ऋण , आतंकवाद, मौसम. इसबात कि जानकारी होना कि हम अपनी energy किन चीजों में खर्च करते हैं, Proactive  बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है

Habit 2: Begin with the End in Mind  अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें.

तो , आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? शायद यह सवाल थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन आप इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिये. क्या आप अभी वो हैं जो आप बनना चाहते थे, जिसका सपना आपने देखा था, क्या आप वो कर रहे हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे. इमानदारी से सोचिये. कई बार ऐसा होता है कि लोग खुद को ऐसी जीत हांसिल करते हुए देखते हैं जो दरअसल खोखली होती हैं–ऐसी सफलता, जिसके बदले में उससे कहीं बड़ी चीजों को  गवाना पड़ा. यदि आपकी सीढ़ी सही दीवार पर नहीं लगी है तो आप जो भी कदम उठाते हैं वो आपको गलत जगह पर लेकर जाता है.

Habit 2  आपके imagination या  कल्पना  पर आधारित है– imagination , यानि आपकी वो क्षमता जो आपको अपने दिमाग में उन चीजों को दिखा सके जो आप अभी अपनी आँखों से नहीं देख सकते. यह इस सिधांत पर आधारित है कि हर एक चीज का निर्माण दो बार होता है. पहला mental creation, और दूसरा physical creation. जिस  तरह blue-print तैयार होने केबाद मकान बनता है , उसी प्रकार mental  creation  होने के बाद ही physical creation होती है.अगर आप खुद  visualize  नहीं करते हैं कि आप क्या हैं और क्या बनना चाहते हैं तो आप, आपकी life कैसी होगी इस बात का फैसला औरों पर और परिस्थितियों पर छोड़ देते हैं. Habit 2  इस बारे में है कि आप किस तरह से अपनी विशेषता को पहचानते हैं,और फिर अपनी personal, moral और  ethical  guidelines के अन्दर खुद को खुश रख सकते और पूर्ण कर सकते हैं.अंत को ध्यान में रख कर आरम्भ करने का अर्थ है, हर दिन ,काम या project  की शुरआत एक clear vision  के साथ करना कि हमारी क्या दिशा और क्या मंजिल होनी चाहिए, और फिर proactively  उस काम को पूर्ण करने में लग जाना.
Habit 2  को practice मेंलाने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपना खुद का एक Personal Mission Statement बनाना. इसका फोकस इस बात पर होगा कि आप क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं.ये success के लिए की गयी आपकी planning है.ये इस बात की पुष्टिकरता है कि आप कौन हैं,आपके goals को focus  में रखता है, और आपके ideas  को इस दुनिया में लाता है. आपका Mission Statement आपको अपनी ज़िन्दगी का leader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैं, और जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं.

Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें

एक balanced life  जीने के लिए, आपको इस बात को समझना होगा कि आप इस ज़िन्दगीमें हर एक चीज नहीं कर सकते. खुद को अपनी क्षमता से अधिक कामो में व्यस्त करने की ज़रुरत नहीं है. जब ज़रूरी हो तो “ना” कहने में मत हिचकिये, और फिर अपनी important priorities पर focus  कीजिये.
Habit 1  कहतीहै कि , ” आप in charge हैं .आप creator हैं”. Proactive होना आपकी अपनी choice है. Habit 2 पहले दिमाग में चीजों को visualize  करने के बारे में है. अंत को ध्यान में रख कर शुरआत करना vision से सम्बंधित है. Habit 3  दूसरी creation , यानि  physical creation  के बारे में है. इस habit में Habit 1 और Habit 2  का समागम होता है. और यह हर समय हर क्षण होता है. यह Time Management  से related कई प्रश्नों को  deal  करता है.

लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है. Habit 3  life management  के बारे में भी है—आपका purpose, values, roles ,और priorities. “प्राथमिक चीजें” क्या हैं?  प्राथमिक चीजें वह हैं , जिसको आप व्यक्तिगत रूप से सबसे मूल्यवान मानते हों. यदि आप प्राथमिक कार्यों को तरजीह देने का मतलब है कि , आप अपना समय , अपनी उर्जा Habit 2  में अपने द्वारा set की गयीं priorities पर लगा रहे हैं.

Habit 4: Think Win-Win  हमेशा जीत के बारे में सोचें
Think Win-Win अच्छा होने के बारे में नहीं है, ना ही यह कोईshort-cut है. यहcharacter पर आधारित एक कोड है जो आपको बाकी लोगों सेinteract और सहयोग करने के लिए है.
हममे से ज्यादातर लोग अपना मुल्यांकन दूसरों सेcomparison और  competition  के आधार पर करते हैं. हम अपनी सफलता दूसरों की असफलता में देखते हैं—यानि अगर मैं जीता, तो तुम हारे, तुम जीते तो मैं हारा. इस तरह life एकzero-sum game बन जाती है. मानो एक ही रोटी हो, और अगर दूसरा बड़ा हिस्सा ले लेता है तो मुझे कम मिलेगा, और मेरी कोशिश होगी कि दूसरा अधिक ना पाए. हम सभी येgame  खेलते हैं, लेकिन आप ही सोचिये कि इसमें कितना मज़ा है?
Win -Win ज़िन्दगी कोco-operation की तरह देखती है, competition कीतरह नहीं.Win-Win दिल और दिमाग की ऐसी स्थिति है जो हमेंलगातार सभी काहित सोचने के लिए प्रेरित करती है.Win-Win का अर्थ है ऐसे समझौते और समाधान जो सभी के लिए लाभप्रद और संतोषजनक हैं. इसमें सभी   खाने को मिलती है, और वो काफी अच्छाtaste  करती है.
एक व्यक्ति या संगठन जो Win-Win attitude  के साथ समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है उसके अन्दर तीन मुख्य बातें होती हैं:
Integrity / वफादारी :अपने values, commitments औरfeelings के साथ समझौता ना करना.
Maturity / परिपक्वता :  अपने ideas और feelings  को साहस के साथ दूसरों के सामने रखना और दूसरों के विचारों और भावनाओं की भी कद्र करना.
Abundance Mentality / प्रचुरता की मानसिकता :इस बात में यकीन रखना की सभी के लिए बहुत कुछ है.
बहुत लोग either/or  केterms  में सोचते हैं: या तो आप अच्छे हैं या आप सख्त हैं. Win-Win में दोनों की आवश्यकता होती है. यह साहस और सूझबूझ के बीच balance  करने जैसा है.Win-Win को अपनाने के लिए आपको सिर्फ सहानभूतिपूर्ण ही नहीं बल्कि आत्मविश्वाश से लबरेज़ भी होना होगा.आपको सिर्फ विचारशील और संवेदनशील ही नहीं बल्कि बहादुर भी होना होगा.ऐसा करनाकि –courage और  consideration में balance  स्थापित हो, यही real maturity  है, और Win-Win  के लिए बेहद ज़रूरी है.

ये भी पढ़े - Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi )

Habit 5: Seek First to Understand, Then to Be Understood / पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ.
Communication  लाइफ की सबसे ज़रूरी skill  है. आप अपने कई साल पढना-लिखना और बोलना सीखने में लगा देते हैं. लेकिन सुनने का क्या है? आपको ऐसी कौनसी training  मिली है, जो आपको दूसरों को सुनना सीखाती है,ताकि आप सामने वाले को सच-मुच अच्छे से समझ सकें? शायद कोई नहीं? क्यों?
अगर आप ज्यादातर लोगों की तरह हैं तो शायद आप भी पहले खुद आपनी बात समझाना चाहते होंगे. और ऐसा करने में आप दुसरे व्यक्तिको पूरी तरह ignore कर देते होंगे , ऐसा दिखाते होंगे कि आप सुन रहे हैं,पर दरअसल आप बस शब्दों को सुनते हैं परउनके असली मतलब को पूरी तरह से miss  कर जाते हैं.

सोचिये ऐसा क्यों होता है? क्योंकि ज्यादातर लोग इस intention  के साथ सुनते हैं कि उन्हें reply  करना है, समझना नहीं है.आप अन्दर ही अन्दर खुद को सुनते हैं और तैयारी  करते हैं कि आपको आगे क्या कहना है,क्या सवाल पूछने हैं, etc. आप जो कुछ भी सुनते हैं वो आपके life-experiences  से छनकर आप तक पहुचता है.
आप जो सुनते हैं उसे अपनी आत्मकथा से तुलना कर देखते हैं कि ये सही है या गलत. और इस वजह से आप दुसरे की बात ख़तम होने से पहले ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि अगला क्या कहना चाहता है.  क्या ये वाक्य कुछ सुने-सुने से लगते है?
“अरे, मुझे पता है कि तुम कैसा feel  कर रहे हो.मुझे भी ऐसा ही लगा था.” “मेरे साथ भी भी ऐसा ही हुआ था.” ” मैं तुम्हे बताता हूँ कि ऐसे वक़्तमें मैंने क्या किया था.”
चूँकि आप अपने जीवन के अनुभवों के हिसाब से ही दूसरों को सुनते हैं. आप इन चारों में से किसी एक तरीके से ज़वाब देते हैं:
Evaluating/ मूल्यांकन:पहले आप judge करते हैं उसके बाद सहमत या असहमत होते हैं.
Probing / जाँच :आप अपने हिसाब से सवाल-जवाब करते हैं.
Advising/ सलाह :आप सलाह देते हैं और उपाय सुझाते हैं.
Interpreting/ व्याख्या :आप दूसरों के मकसद और व्यवहार को अपने experience के हिसाब से analyze करते हैं.
शायदआप सोच रहे हों कि, अपनेexperience के हिसाब से किसी सेrelate करने में बुराई क्याहै?कुछsituations में ऐसा करना उचित हो सकत है, जैसे कि जब कोई आपसे आपके अनुभवों के आधार पर कुछ बतानेके लिए कहे, जब आप दोनों के बीच एकtrust कीrelationship हो. पर हमेशा ऐसा करना उचित नहीं है.

Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना

सरल शब्दों में समझें तो , “दो दिमाग एक से बेहतर हैं ” Synergize करने का अर्थ है रचनात्मक सहयोग देना. यह team-work है. यह खुले दिमाग से पुरानी समस्याओं के नए निदान ढूँढना है.

पर ये युहीं बस अपने आप ही नहीं हो जाता. यह एक process है , और उसी process से, लोग अपनेexperience और expertise को उपयोग में ला पाते हैं .अकेले की अपेक्षा वो एक साथ कहीं अच्छाresult दे पाते हैं. Synergy से हम एक साथ ऐसा बहुत कुछ खोज पाते हैं जो हमारे अकेले खोजने पर शायद ही कभी मिलता. ये वो idea है जिसमे the whole is greater than the sum of the parts. One plus one equals three, or six, or sixty–या उससे भी ज्यादा.

जब लोग आपस में इमानदारी से interact करने लगते हैं, और एक दुसरे से प्रभावित होने के लिए खुले होते हैं , तब उन्हें नयी जानकारीयाँ मिलना प्रारम्भ हो जाता है. आपस में मतभेद नए तरीकों के आविष्कार की क्षमता कई गुना बढ़ा देते हैं.

मतभेदों को महत्त्व देना synergy का मूल है. क्या आप सच-मुच लोगों के बीच जो mental, emotional, और psychological differences होते हैं, उन्हें महत्त्व देते हैं? या फिर आप ये चाहते हैं कि सभी लोग आपकी बात मान जायें ताकि आप आसानी से आगे बढ़ सकें? कई लोग एकरूपता को एकता समझ लेते हैं. आपसी मतभेदों को weakness नहीं strength के रूप में देखना चाहिए. वो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं.

Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें

Sharpen the Saw का मतलब है अपने सबसे बड़ी सम्पत्ति यानि खुद को सुरक्षित रखना. इसका अर्थ है अपने लिए एक प्रोग्राम डिजाईन करना जो आपके जीवन के चार क्षेत्रों physical, social/emotional, mental, and spiritual में आपका नवीनीकरण करे. नीचे ऐसी कुछ activities केexample दिए गए हैं:

 Physical / शारीरिक :अच्छा खाना, व्यायाम करना, आराम करना
 Social/Emotional /:सामजिक/भावनात्मक :औरों के ससाथ सामाजिक और अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना.
 Mental / मानसिक :पढना-लिखना, सीखना , सीखना.
 Spiritual / आध्यात्मिक :प्रकृति के साथ समय बीताना , ध्यान करना, सेवा करना.

आप जैसे -जैसे हर एक क्षेत्र में खुद को सुधारेंगे, आप अपने जीवन में प्रगति और बदलाव लायेंगे.Sharpen the Saw आपको fresh रखता है ताकि आप बाकी की six habits अच्छे से practice कर सकें. ऐसा करने से आप challenges face करने की अपनी क्षमता को बढ़ा लेते हैं. बिना ऐसा किये आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है , मस्तिष्क बुद्धिरहित हो जाता है, भावनाए ठंडी पड़ जाती हैं,स्वाभाव असंवेदनशील हो जाता है,और इंसान स्वार्थी हो जाता है. और यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है, क्यों?

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने का अर्थ है खुद को renew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करके renew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentally और spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.

आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.

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Note: 1) It was a summary of“The Seven Habits of Highly Effective People”in Hindi. Please read the complete book to benefit more.

Note:हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.

निवेदन : कृपया अपने comments के through बताएं की Stephen R Covey की लिखी book “The Seven Habits of Highly Effective People” की summary Hindi में आपको कैसी लगी.

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Post Courtesy- Achhikhabar