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Sunday, November 22, 2015

जिंदगी में सफलता प्राप्त करनी हैं तो अपनाइये इन 4 आदतो को

दोस्तों आज में आपके साथ ऐसा पोस्ट शेयर कर रहा हूँ जो आपको जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा, कुछ लोग कैसे एक के बाद एक सफलता पा लेते है तो कुछ लोग बस हाथ मलते रह जाते है ? वो ऐसा क्या अलग करते हैं? आप कैसे उनसे प्रेरणा ले सकते हैं। यहां जानिए ऐसे ही कुछ तरीकों और आदतों के बारे में जो आपको सफलता की ओर ले जाती हैं...

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1. सफल लोग सफलता के लिए सिर्फ काम और मेहनत ही नहीं करते उसका आकलन भी करते हैं। वे अपने कामों को लगातार जांचते रहते हैं। दूसरों से सलाह भी लेते हैं। इस तरह उन्हें पता होता है कि आगे क्या करना है और कहां गलती हो गई। जब तक आप अपने काम का आकलन और जांच नहीं कर लेते, आप उसे नियंत्रित भी नहीं कर सकते।

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2. मुश्किल से मुश्किल काम भी अगर कई छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर किया जाए तो वह आसान हो जाता है। जैसे अगर आप खुद को बदलना चाहते हैं तो छोटे, सकारात्मक और लगातार बदलाव कीजिए। पौष्टिक भोजन कीजिए, कसरत कीजिए, धीरे-धीरे छोटी और प्रोडक्टिव आदतें विकसित कीजिए। यह आपमें उत्साह पैदा कर सकती हैं और आप सफलता की ओर बढ़ने लगते हैं।

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3. कई बार हमारी दिनचर्या काफी व्यस्त होती है। कई तरह की मीटिंग्स, फोन कॉल्स, ईमेल के जवाब और रोजाना के काम उन्हें लगातार व्यस्त रखते हैं। व्यस्त दिनचर्या महत्वपूर्ण होने का अहसास भी कराने लगती है, लेकिन कभी-कभी यह सिर्फ भ्रम होता है। इतनी व्यस्तता के बावजूद कुछ भी उत्पादक काम वे नहीं कर पाते। इसका समाधान है- थोड़ा रुकिए, अपने लक्ष्यों और उद्देश्य को दोहराइए, जो सबसे जरूरी हो, उसे सबसे पहले कीजिए। एक समय में एक ही काम कीजिए।


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4. कई बार हम नियमित और रोजमर्रा के काम करने में इतना ज्यादा आदी हो जाते हैं कि दूसरे काम करना और अपने दायरे के बाहर जाना पसंद नहीं करते। इस चक्कर में अवसर आते हैं और निकल जाते हैं। कोई मौका आता है तब उसे पकड़ने के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा पाते। हमें भ्रम हो जाता है कि इसके लिए खास तरह की योग्यता और ज्ञान की जरूरत है। हम असहज हो जाते हैं और अवसर निकल जाता है, जबकि सच्चाई यह है कि कोई भी आदमी कभी भी किसी अवसर को आजमाने के लिए सौ प्रतिशत तैयार नहीं होता है। सफल व्यक्ति अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलता है, जोखिम लेता है। नई चीजें सीखता है और आगे निकल जाता है।

Wednesday, November 4, 2015

निराश न हो भूलने की आदत से ! अपनाये ये उपाय

निराश न हो भूलने की आदत से ! अपनाये ये उपाय
Source- www.onlymyhealth.com

विज्ञान इस बात को सिद्ध कर चूका है की हमारे मस्तिष्क पर एक बार जिस वस्तु का बिम्ब बन जाता है, वह कभी नष्ट नही होता । आमतौर पर जिसे हम सभी सब भूलना कहते है, वह किसी जानकारी का खत्म हो जाना नही होता, बल्कि उस जानकारी का ग़ुम हो जाना होता है वह जानकारी हमारे दिमाग में तो है, लेकिन फ़िलहाल हमे मिल नही रही है । मिल इसलिए नही रही है, क्योंकि हमने रखते वक़्त बहुत ध्यान नही दिया था । मिल इसलिए नही रही है, क्योंकि एक बार रख देने के बाद हमने दोबारा उसे ढूंढने की कोशिश नही की, क्योंकि उसकी जरूरत ही नही पड़ी ।
विस्मृति(Forgetfulness) ठीक उसी तरह है, जिस तरह हम अपनी कोई छोटी-सी चीज घर में कहीं रखकर उसे भूल जाते है । जब जरूरत पड़ती है, तो उसे ढुँढनें के लिए मारामारी मच जाती है, लेकिन वह मिल नही पाती । है वह चीज वहीँ, लेकिन मिल नहीं रही है और आपने देखा होगा की अचानक एक दिन वह मिल भी जाती है ।
भूलने से निराश न हो । यह कोई बीमारी नही है । यह कोई अवगुण नही है । यह दिमाग की कमजोरी भी नही है । यह मुख्यतः हमारी सतर्कता से जुड़ी हुई बात है । जिन कामो को हम सतर्क होके करते है, वे काम लम्बे समय तक याद रहते है और जिन कामो को हम यूँ ही कर देते है, वे यदि यूँ ही गायब भी हो जाते है, तो फिर भला उसका का क्या दोष और दोष आपका भी नही है । ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसा होता ही नही है की हम सारे ही कामो को पूरी सतर्कता के साथ कर सके । यही कारण है की हमारा मस्तिष्क हर दिन की लगभग 95 प्रतिशत सूचनाओ को मिटा देता है ।
तो फिर सवाल यह है की इसके लिए दोषी कौन है ? असल में इसके लिए दोषी है - हमारी कार्यप्रणाली । मान लीजिये हम पढाई करने के बाद भी भूल जाते है तोे उसमे गलती यह होती है की पढ़ते समय जिन चीजो को हमे प्राथमिकता देनी चाहिए, हम उन्हें प्राथमिकता न देकर फालतू की चीजो को प्राथमिकता देने लगते है । अगर आप इतिहास पढ़ रहे है, तो चूँकि इतिहास की किस्से- कहानियां आपको अच्छे लगते है, इसलिए आप उसे प्राथमिकता दे देते है । कहानियां तो याद हो जाती है, लेकिन हम ये भूल जाते है की अकबर किस सन् में शासक बना था या फलन युद्ध कहाँ हुआ था । इसलिये आप विश्वास रखिये की यदि आप पढ़ते समय या किसी की बात को सुनते समय अपनी प्राथमिकताओं को ठीक कर ले, तो भूलने के संकट से मुक्त हो जायेंगे । यह तो थी उसी तरह से है, जैसे आप अलमारी में उन किताबो को और कपड़ो को सामने लगाते है, जिनकी आपको ज्यादा जरूरत पड़ती है । जिनकी शायद ही कभी जरूरत पड़ेगी, उन्हें आप अलमारी के सबसे ऊपर के खाने के सबसे पीछे रख देते है, जिन्हें निकालने के लिए आपको स्टूल पर चढ़ना पड़ता है। इसी प्रकार दिमाग को भी कम प्राथमिकताओं वाली बातो को याद रखने के लिए अलग से मेहनत करनी पड़ती है । विश्वास कीजिये की विस्मृति(Forgetfulness) इससे अधिक और कुछ नही है ।
एक बात और ! भूलना अभिशाप नही है । यह तो वरदान है ।
हाँ आपने सही पढ़ा वरदान ! आप खुद सोचकर देखिये की हमारी जिंदगी में जितनी भी बाते होती है, यदि वे सारी बाते हमे याद रहे, तो क्या हैं हम आगरा के प्रसिद्ध पागलखाने में भेजे जाने योग्य नही हो जायेंगे ? हमारे दिमाग  में बहुत-सी अच्छी बाते याद रहती है.तो बहुत सी बुरी बाते भी । कुछ कड़वे अनुभव होते है तो कुछ मीठे भी । यदि ये सारे कड़वे अनुभव हमे याद रहे, तो क्या हमारा दिमाग करेले के पानी जैसा कड़वा नही हो जायेगा ? निश्चित है की ऐसा ही होगा । इस बात पर संदेह मत किजिये कि याद रखने की अपेक्षा भूलना कहीं अधिक मुश्किल होता है और चाहकर भूलना तो और भी ज्यादा मुश्किल होता है, क्योंकि जब आप किसी बात को भूलना चाहते है, तो इसके लिए आप उस को पहले याद करते है और इस प्रकार भूलने को जगह उसे याद कर बैठते है । फलस्वरूप वह लगातार याद होती चली जाती है । प्रख्यात पार्श्व गायक स्वर्गीय मुकेश का गाया एक गीत भी है, जिन्हें हम भूलना चाहे, वो अक्सर याद आते है ।
हमारे दिमाग में नई चीजो के लिए जगह बन सके, उसके लिए जरुरी है की हम अपने दिमाग से उन कचरों को निकालकर बाहर फेंक दे, जो बेकार में दिमाग की जगह को घेरे हुए है । भूलने से यही काम होता है फालतू की चीजे निकल जाती है इसलिए याद रखिये की भुलने की प्रक्रिया से मुक्त नही होना है, बल्कि आवश्यक बातो को भूलने की आदत से मुक्त होना है और ऐसा हम कर सकते है -
bhulne ki aadat ka upay
Courtesy- vskbharat.com

अपनाएँ यह उपाय-
सुबह-सुबह सैर पर जाने से दिमाग की कोशिकाओं में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है जो मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाता है, तो मस्तिष्क को तनाव मुक्त करता है और याददाश्त की क्षमता को बढ़ाता है। दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखने का सबसे आसान उपाय है दिमागी कसरत, जो कई तरह दिमागी खेलों जैसे पजल, सुडोकू, क्रॉस वर्ड आदि के माध्यम से की जा सकती है। यह खेल मेमोरी पवार को बढ़ाते हैं जिससे जगह, नाम आदि आसानी से याद रखे जा सकते हैं।
विधार्थियो के लिए याद रखने के टिप्स-
• पढ़ते समय अपनी प्राथमिकताओं को निर्धारित करके ।
• दिमाग को फालतू की बातो से बचाकर ।
• पढ़ी हुई बातो को बार-बार दोहराकर, और
• पढ़ी हुई बातो लिखकर या किसी की सुनाकर-समझाकर ।
ऐसा करने से उस बात के बारे में हमारे दिमाग में बने हुए बिम्बो पर पड़ी हुई धुल उसी तरह साफ़ हो जाती है, जिस तरह पोलिश किये हुए जूते पर पड़ी हल्की-हल्की धुल । आप जूते पर हल्का सा ब्रश मारते है, जूता फिर झकाझक हो जाता है । हमारे दिमाग के साथ भी यही होता है ।

Saturday, October 17, 2015

जरुर पढ़े : कैसे दूर करे अपना आलस्य ? (How To Overcome Laziness In Hindi)

how to overcome laziness in Hindi
Source- Sparkpeople
 हममें से कई दोस्तों ने कभी ना कभी ये कोशिश ज़रूर की होगी कि अपना आलस दूर करके रोज़ सुबह जल्दी कैसे उठा जाये या फिर कोई भी कार्य को अभी न करके अगले दिन पर डाला जाये ! अब सवाल ये उठता है की इस आलस को दूर कैसे किया जाये ? हो सकता है कि आपमें से कुछ लोग इस आलस को दूर करने में कामयाब भी हुए हों, पर अगर majority की बात की जाये तो वो आलस को दूर करने में कामयाब नही हो पाते. लेकिन आज जो article  मैं आपसे share कर रहा हूँ इसे पढने के बाद आपकी आलस्य पर सफलता की संभावना निश्चित रूप से बढ़ जाएगी.  यह article इस विषय पर दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े गए लेखों में से एक का Hindi Translation है. इसे Mr. zig ziglar ने लिखा है . इसका  title है “There is no such thing as a lazy person“.

तो आइये जानें कि: कैसे दूर करे अपना आलस्य ?


दोस्तों मेरा यह कहना आपको कुछ आश्चर्यजनक लगेगा की आलसी व्यक्ति जैसी कोई चीज नही होती : वह या तो बीमार होता है या अप्रेरित होता है |  अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए | अगर वह अप्रेरित है तो बहुत सी चीजे है जो उसे करनी चाहिए | उसे प्रेरक वक्ताओ को सुनना चाहिए या motivational articles पढने चाहिए या फिर प्रेरक लोगो का संग करना चाहिए | पूर्व ओलम्पिक चैंपियन और अमेरिका के महान वक्ताओ में गिने जाने वाले Bob Richards संगती (Accompaniment) से प्रेरणा पाने का एक सशक्त उदाहरण है | उनका कहना है की ओलम्पिक में खिलाडी बार-बार रिकॉर्ड तोड़ने के प्रदर्शन देते है क्युकी वे सब स्वयं को एक महानता के वातारण(The greatness of the environment) में पाते है |

जब कोई नौजवान पुरुष या महिला विश्व भर के दुसरे खिलाडियों को उनके पहले सर्वश्रेष्ट प्रदर्शनों से बार-बार अपना best करते हुए देखता है तो हर कोई 'अपने सर्वश्रेष्ट से आगे बढ़कर' प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हो जाता है | मानवजाति अपने Best efforts से कुछ Result प्राप्त करने में सक्षम है और रिचर्ड्स बताते है की champions का साथ champion वाला प्रदर्शन करने के लिए inspire करता है |

how to overcome laziness in Hindi
source- Google Image
                                        
बहुत अधिक सरलीकरण का जोखिम उठाते हुए, मेरा मानना है की बहुत से "आलसी" लोगो को छवि व दृष्टिकोण की समस्या होती है | वे अपने काम या व्यवसाय में अपना पूर्ण प्रयास करने में हिचकिचाते है | यह सोचकर की अगर उन्होंने पूरा प्रयास किया और काम नही बन पाया तो वे असफल कहे जायेंगे | वे इसे तर्कसंगत(Rational) बना लेते है | की अगर वे आधे मन से प्रयास करे और काम नही बना तो उनके पास एक बना-बनाया बहाना होगा | वे अपने दिमाग में खुद को असफल महसूस नही करते क्युकी उन्होंने बास्तव में कोशिश ही नही की | वे अक्सर कंधे उचकाते हुए कहते है, "इससे मुझ पर कोई फर्क नही पड़ता" | 

बहुत से कर्मचारियों के साथ यही बात लागु होती है 
बहुत बार काम के प्रति अनिच्छा(reluctance) 
दूसरी और गहरी समस्याओ से जुडी होती है |

इस बात को ध्यान में रखकर मेरा आपसे आग्रह है 
की आप खुद पर एक और नजर डाले | 
और देखे की आप बीमार है या अप्रेरित | 
अगर दोनों में कुछ भी है तो दोनों का इलाज संभव है | 

                                ————————————————————————–
Note: इस  article को  Hindi में  translate कर  के Ignoredpost.Com पर  डालना  किसी   copyright का  उल्ल्हंघन  नहीं  है  क्योंकि  इसकी  अनुमति  zig ziglar ने  पहले  से  दे  रखी  है .

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Friday, October 16, 2015

नौकरी छोड़कर Amazon.com कंपनी बनाने वाले Jeff Bezos की प्रेरणादायक कहानी

दोस्तों आज में आपके साथ शेयर कर रहा हूँ Jeff Bezos की एक नौकरी छोड़कर amezon.com कंपनी बनाने  की कहानी ! जैफ़ बेज़ोस दुनिया की उन गिनी-चुनी हस्तियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने करामाती कामों से लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। ऐमज़ाॅन.काॅम की स्थापना कर उन्होंने लोगों की खरीदारी का तरीका ही बदल दिया। आपको जो कुछ भी चाहिए, आॅनलाइन आदेश कीजिए और सामान आपके दरवाजे पर हाजिर, वह भी बाजार से सस्ती कीमत पर। हाँ, वही जैफ़ बेज़ोस, जिनका जन्म एक नाबालिग माँ की कोख से हुआ और अठारह माह की उम्र में ही जिनका पिता उन्हें बेसहारा छोड़कर चला गया। जिन्होंने सौतले पिता की छत्रछाया में पढ़ाई की, नाना के यहाँ रहकर टेक्नोलाॅजी सीखी और फिर आकर्षक नौकरी छोड़कर आॅनलाइन बिजनेस में कूद पड़े। अपने गैरेज से ऐमज़ाॅन.काॅम की स्थापना की और अपनी मेहनत के बल पर एक प्रमुख डाॅट काॅम उद्यमी तथा अरबपति बन गए। ऐमज़ाॅन.काॅम आज अमेरिका की ही नहीं, पूरे विश्व की सबसे बड़ी आॅनलाइन रिटेलर कंपनी है।इस पोस्ट में आप जानेगे की कैसे बेजोस ने कम्पनी शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत की और कैसे Amazon.com कम्पनी को सफलता के शिखर पर पहुंचाया ! ये पोस्ट आपके लिए एक तरह से business tips भी साबित हो सकती है तो आइये जाने जेफ़ बेजोस के बारे में !







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Jeff Bezos
         


Name Jeff Bezos / जेफ़ बेजोस 
Born
 January 12, 1964
 Albuquerque, New Mexico, U.S.
NationalityAmerican
FieldTechnology Entrepreneur And Investor
Occupationfounder And CEO of Amazon.com
 "हमारा लक्ष्य संसार की सबसे ग्राहक-केन्द्रित कम्पनी बनना है"                                                                                 -जेफ़ बेजोस 

  जेफ़ बेजोस के अनमोल विचार एवं सफलता के मन्त्र   

 JEFF BEZOS QUOTES AND SUCCESS TIPS IN HINDI  



दीर्घकालीन सोच रखे: jeff Bezos कहते है, " यदि आप दीर्घकाल के बारे में सोचे, तो जीवन सम्बन्धी अच्छे निर्णय ले सकते है, जिन पर आपको बाद में अफ़सोस नही होगा |' jeff Bezos ने हमेशा दीर्घकालन सोच और 'न्यूनतम पश्चाताप' की नीति का पालन किया है | कोई भी नया काम करते वक़्त बेजोस तात्कालिक नफे-नुकसान के बारे में नही सोचते है | वे दूरदर्शिता का इस्तेमाल करते है और लम्बे समय के बारे में सोचते है, भले ही निकट भविष्य में नुकसान हो जाये |

 जब jeff Bezos नौकरी छोड़कर अमेज़न सुरु करने के बारे में सोच रहे थे, तब उन्होंने 'न्यूनतम पश्चाताप' की नीति के आधार पर निर्णय लिया | उन्होंने सोचा की 80 साल की उम्र में उन्हें नौकरी छोड़ने का अफ़सोस नही होगा; लेकिन इस बात का अफ़सोस जरुर होगा की उन्होंने ऑनलाइन गोल्ड रश से फायदा नही उठाया | उन्होंने बाद में कहा, 'में जानता था की यदि में नाकाम हुआ, तो मुझे उसका अफ़सोस नही होगा, लेकिन में यह बात अच्छी तरह जानता था की कोशिश न करने का अफ़सोस हमेशा रहेगा |' इसलिए उन्होंने कोशिश कर दी... और सफलता के शिखर पर पहुंच गये ! 

वाचार (innovation) करे : नया काम करना सफल होने का सबसे आसान रास्ता है | jeff Bezos की सफलता का मूल मन्त्र यही है की उन्होंने पुस्तको की ऑनलाइन सेलिंग का नया काम शुरू किया | यही नही, इसके बाद भी वे नये काम करते गये | अपनी वेबसाइट Amazon.com पर उन्होंने कई नई विशेषताए जोड़ी, जैसे वन क्लिक शौपिंग, ग्राहक समीक्षा और ईमेल आर्डर वेरिफिकेशन | jeff Bezos से कहा था, 'विकास न करना खतरनाक होता है |' उन्होंने लगातार नवाचार(innovation) और विकास किया | Bezos अपने कर्मचारियों को नया काम करने के लिए प्रोत्साहित करते है | कई नये काम कारगर होते है,  तो कई असफल भी हो जाते है | जैसे 1999 में अमेज़न ओक्सन के माध्यम से नीलामी सेवा का विचार पूरी तरह असफल रहा, लेकिन Bezos कहते है, 'हम बहुत से अंधरे रास्तो पर आगे बढ़ते है और कभी - कभार हम ऐसी चीजे खोज लेते है, जो सचमुच काम करती है |' किन्डल रीडर के माध्यम से E books की बिक्री Jeff Bezos का एक ऐसा नवाचार है, जिसने पुस्तक उधोग में क्रांति कर दी और अमेज़न को शिखर पर पहुंचा दिया | 


Photo Courtesy- Google Image 
 कम मार्जिन और ज्यादा वॉल्यूम की नीति पर चले: मार्जिन यानी मुनाफा | 10 रूपये की लागत के सामान को अगर आप 11 रूपये में बेचते है, तो मार्जिन कम है | अगर आप उसे 15 रूपये में बेचते है, तो मार्जिन ज्यादा है | अधिकांश सफल कम्पनियां कम मार्जिन और ज्यादा वॉल्यूम की नीति पर चलती है | अमेज़न की नीति भी यही है | Jeff Bezos का मानना है की ज्यादा मार्जिन में आदमी आलसी बन जाता है | कम मार्जिन पर सफल होने के लिए आपको मशक्कत करनी पड़ती है, कार्यकुशल बनना पड़ता है | अमेज़न ने लागत कम करने और कार्यकुशलता बढाने पर धयान केन्द्रित किया, ताकि ग्राहकों को कम कीमत में सामान मिल सके | इस नीति से फायदा ये होता है की अधिक ग्राहक आकर्षित होते है, ग्राहक बार बार सामान खरीदते है, मौखिक प्रचार होता है और कम्पनी की अच्छी छवि बनती है | कम मार्जिन की नीति की बदौलत ही अमेज़न ने इतना बड़ा कारोबार खड़ा किया है | शुरुआत में Jeff Bezos ने जो business plan बनाया, उसमे उन्होंने भविष्यवाणी की थी की पांच साल तक कंपनी को मुनाफा नही होगा | वाकई कंपनी को पहला मुनाफा 2001 में ही हुआ | Jeff Bezos ने इस बात को बड़े दिलचस्प अंदाज़ में व्यक्त किया है, 'हम मुनाफे में है या नही, ये हमारे ग्राहकों की समस्या नही है | हम अपनी अक्षमता के लिए अपने ग्राहकों की जेब नही काटेंगे |'  


ग्राहक की सेवा पर ध्यान केन्द्रित करे: कारोबार में कहा जाता है, 'ग्राहक पहले नंबर पर आता है|' लेकिन अधिकतर कम्पनियों के काम इसके विपरीत होते है | अमेज़न ने ग्राहक की सेवा को सर्वोपरी माना है| Bezos मानते है की ग्राहक से महत्वपूर्ण कुछ नही है | इसलिए वे कम मार्जिन की नीति पर चले, क्युकी अधिक मार्जिन से ग्राहक असंतुष्ट महसूस करते है | Bezos की नज़र में ग्राहक सेवा ही अमेज़न की सफलता का सबसे बड़ा कारन है, 'यदि कोई एक कारन है, जिसकी बदौलत हमने पिछले छह सालो में इन्टरनेट पर हमारे साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया है, तो वह यही है की हमने लेजर की तरह ग्राहक अनुभव पर ध्यान केन्द्रित किया है |' उन्होंने अमेजन पर बिकने वाले सामान की संख्या भी इसलिए बढाई, ताकि ग्राहकों की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सके | उन्होंने कहा है,  ' Amazon E-commerce की वह मंजिल बनना चाहती है, जहाँ ग्राहकों को हर चीज वह चीज मिल जाये, जो वे ऑनलाइन खरीदना चाहते है |

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मौखिक प्रचार पर ध्यान केन्द्रित करे: जब bezos ने amazon शुरू किया, तब उनके पास marketing budget नही था, इसलिए advertisement देने का कोई प्रश्न भी नही था | बाद में उन्होंने सोचा की सबसे अच्छा advertisement यही है की customer अपने Friends and relevant के सामने उनकी प्रशंसा करे | वे यह बात अच्छी तरह जानते थे की उनकी केवल ग्राहकों के मौखिक प्रचार से ही सफल हो सकती थी उन्होंने कहा है, ' यदि आप बेहतरीन अनुभव प्रदान करते है, तो ग्राहक एक दुसरे को इसके बारे में जरुर बताते है | मौखिक प्रचार बहुत शक्तिशाली होता है |' इसलिए bezos ने अपने products  और service को इतना उत्क्रष्ट बनाया की ग्राहक इसकी प्रशंशा और मौखिक प्रचार करे |

जेफ़ बेजोस के बारे में :

संसार के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल  : amazon की सफलता के मन्त्र क्या है ? आखिर इसके संस्थापक जेफ़ बेजोस ने ऐसा क्या किया की amazon world में सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कम्पनी बन गई ? उन्हें eCommerce का पितामह क्यों माना जाता है और उन्होंने amazon को इन्टरनेट सेल्स के मोडल के रूप में कैसे विकसित किया ? ऐसा क्या हुआ की 3 कर्मचारियों से शुरू हुई कम्पनी में आज लगभग 200000 कर्मचारी काम करते है ? वे कौन से मन्त्र थे, जिन्हें पढ़कर वे संसार के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में आ गये ?

बचपन के सबक : पूत के पांव पालने में दिख जाते है, यह कहावत बेजोस के जीवन पर पूरी तरह चरितार्थ होती है है, क्युकी बचपन में बेजोस एक स्क्रुड्रायवर लेकर अपना पालना खोलने की कोशिश करते थे | जब वे थोड़े बड़े हुए, तो बिजली के उपकरणों में रूचि लेने लगे | उनके भाई कमरे में बगैर जानकारी के न घुसे, इसके लिए उन्होंने एक इलेक्ट्रिक अलार्म बनाया | जब वे चौथी कक्षा में थे, तो उनके स्कूल में मेनफ्रेम कंप्यूटर आया | बेजोस भला यह अवसर कैसे छोड़ देते , चूँकि किसी टीचर को कंप्यूटर चलाना नही आता था, इसलिए बेजोस और उनके साथियों ने मैन्युअल पढ-पढ़कर उसे चलाना सिखा | तब कौन जानता था की आगे चलकर वे कंप्यूटर पर ऑनलाइन रिटेल की क्रांति शुरू करने वाले है | 


कंपनी की स्थापना : जेफ़ बेजोस ने जुलाई 1994 में अपनी कंपनी की स्थापना की और 1995 में इसकी शुरू की | बेजोस पहले तो इसका नाम केडेब्रा डॉट कॉम चाहते थे, लेकिन तीन महीने बाद उन्होंने इसका नाम बदलकर अमेज़न डॉट कॉम कर दिया | उन्होंने संसार की सबसे बड़ी नदी अमेज़न का नाम इसलिए चुना, क्युकी वे worlds biggest online bookseller बनना चाहते थे उनकी वेबसाइट ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में शुरू हुई, लेकिन बाद में यहाँ डीवीडी, सॉफ्टवेर,इलेक्ट्रॉनिक्स,कपडे इत्यादि भी बिकने लगे | अमेज़न कम्पनी गेरेज में शुरू हुई थी और वह भी केवल तीन कंप्यूटर से | ऑनलाइन बिक्री का सॉफ्टवेयर खुद बेजोस ने बनाया था और तीन लाख डोलर की शुरूआती पूंजी उनके माता-पिता ने लगायी | कम्पनी की स्थापना के वक़्त उनके पिता ने उनसे पहला सवाल यह पूछा था, 'इन्टरनेट क्या होता है ?' उनकी माँ ने बाद में कहा, 'हम इन्टरनेट पर दांव नही लगा रहे थे हम तो जेफ़ पर दांव लगा रहे थे |' माता-पिता का यह विश्वास शत-प्रतिशत सही साबित हुआ और अमेज़न के 6 प्रतिशत शेयर्स के मालिक होने के कारन सन 2000 में माता-पिता अरबपति बन गये |


शुरूआती संघर्ष : 16 जुलाई 1995 को जेफ़ बेजोस ने अपनी वेबसाइट पर पुस्तके बेचना शुरू कर दिया | पहले ही महीने अमेज़न ने अमेरिका के 50 राज्यों और 45 अन्य देशो में पुस्तके बेच डाली, लेकिन ये काम आशन नही था | जमीं पर घुटनों के बल बैठकर पुस्तको को पैक करना पड़ता था और पार्शल देने के लिए खुद भी जाना पड़ता था | पुस्तक की पैकिंग करते समय एक दिन जेफ़ बेजोस ने अपने साथी से पुछा, 'तुम्हे पता है हमे इस काम को आसान बनाने के लिए क्या करना चाहिए ? ' साथी ने जवाब दिया, 'हाँ घुटनों के निचे तकिया रख लेना चाहिए |' जेफ़ बेजोस हंस पड़े और अगले ही दिन उन्होंने कुछ टेबल खरीद ली, ताकि उनपर किताबो की पैकिंग की जा सके | बेजोस की मेहनत रंग लायी और सितम्बर तक हर सप्ताह 20000 डोलर की बिक्री होने लगी | 

Net Banking का युग प्रारम्भ किया : Jeff bezos ने amazon.com website शुरू करके इतिहास रच दिया | उन्होंने हमे इन्टरनेट के माध्यम से घर बैठे मनचाही पुस्तकें खरीदने की सुविधा दी | उन्होंने इन्टरनेट क्रांति की  Beginning करते हुए online selling and net banking का युग शुरू किया | उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और Vision से एक ऐसा ब्रांड बनाया, जिसका Revenue  US$ 88.988 billion (2014)  है और दुनियाभर में 183,100 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है (जुलाई 2015 तक के आंकड़े) |
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Jeff Bezos Launching Kindle Reader in 2007
महत्वपूर्ण मोड़ : 2007 तक अमेज़न डॉट कॉम ऑनलाइन बिक्री का स्थापित ब्रांड बन चुकी थी, लेकिन कम्पनी के इतिहास में महत्वपूर्ण नवम्बर 2007 में आया, जब अमेज़न ने अमेज़न किन्डल नाम ई-बुक रीडर बाजार में उतारा, जिसके माध्यम से पुस्तक को तुरंत डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता था | इससे कम्पनी को भुत लाभ हुआ | इससे एक तो किन्डल की बिक्री बढ़ी, दुसरे किन्डल फोर्मेट में पढ़ी जाने वाली पुस्तको की बिक्री भी बढ़ी | ग्राहकों के लिए ये बहुत सुविधाजनक था, क्युकी अब उने पुस्तक के आने का इन्तजार नही करना पड़ता था और मनचाही पुस्तक मिनटों में उनके पास आ जाती थी किन्डल की सफलता आशातित थी नवम्बर 2007 में उतरने के छह घंटो के भीतर ही किन्डल का सारा स्टॉक बिक गया और अगले पांच महीनो तक यह out of stock रहा | किन्डल रीडर की बदौलत अमेज़न ने अमेरिका के 95 प्रतिशत ई-बुक व्यवसाय पर कब्ज़ा कर लिया | किन्डल अमेज़न कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ, क्युकी इससे पुस्तको की शिपिंग की झंझट नाची, खर्च बचा, और स्थायी ग्राहक भी बन गये |

नायब विचार : कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ जेफ़ बेजोस पढाई पूरी करके न्यूयॉर्क में फण्ड मेनेजर बन गये | अप्रेल 1994 में एक दिन नेट सर्फिंग के दौरान उन्हें पता चला की वेब का उपयोग करने वालो की संख्या हर साल 2300 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है | पलक झपकते ही उनके मन में विचार आया, क्यों न ऑनलाइन बिज़नस शुरू किया जाये ? इस विचार को साकार करने के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी | यकीनन यह बहुत बड़ा जोखिम था ! खास तौर पर तब, जब उनकी नई-नई शादी हुई थी | अब सवाल यह था की नेट पर बेचा क्या जाये ? घहरे विचार मंथन के बाद, अन्तत बेजोस ने पुस्तको को चुना... और बाकि इतहास है |

 Timeline


1964 :  Jeff bezos का जन्म हुआ |

1994 :  Jeff bezos ने amazon.com नामक company की स्थापना की | उन्होंने इसका नाम 'A" अक्षर से इसलिए रखा, ताकि internet search alphabetical order में यह जल्दी आये |

1995 : Amazon.com website शुरू हुई | 

1997 :  Amazon का IPO stock market में list हुआ |

1999 :  First international website शुरू हुई |

2001 :  कंपनी को पहली बार profit हुआ |

2007 : Amazon किंडल नामक e-book reader बाज़ार में आया |

2011 :  टेबलेट कंप्यूटर के क्षेत्र में प्रवेश

 दोस्तों आपको Amazon - Online Marketing Ka Badshah: Jeff Bezos Ki Adbhoot Den Book Recommend कर रहा हूँ इसको जरुर पढ़िए इस पुस्तक में पढि़ए आॅनलाइल मार्केटिंग के बेताज बादशाह जैफ़ बेज़ोस और उनकी दिग्गज कंपनी Amazon.com की रोचक और प्रेरक दास्तान सरल भाषा में ! 

                                                                      

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Thursday, September 24, 2015

Professional Life में सफलता के 10 सूत्र

hi friends,  आज में आपके साथ professional life में सफलता के 10 सूत्र शेयर कर रहा हूँ पिछले पोस्ट में मेने आपके साथ Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi ) शेयर किया था उम्मीद करता हूँ की पोस्ट वो आपको पसंद आया होगा ।

कोई भी क्षेत्र में सफलता इस बात पर निर्भर करती है की आपका लक्ष्य क्या है ? आपका लक्ष्य पैसा कमाना है या सर्वश्रेष्ठ काम करना है ? यदि आपका लक्ष्य पैसा कमाना  है,तो आप कामचलाऊ effort करेंगे, नतीजा ये होगा की जल्द ही आप असफल हो जायेंगे । दूसरी और, यदि आपका लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ बनना है, तो निश्चित रूप से आप सफल होंगे और पैसे भी कमाएंगे ।

                            Professional  Life में सफलता के 10 सूत्र 

दोस्तों प्रतिस्पर्धा (competition) के मौजूदा दौर में success हासिल करना आसान नही है  इसके लिए कड़ी मेहनत करना जरुरी है । मेहनत के साथ - साथ कुछ खास नुस्खो पर अमल किया जाये तो कामयाबी की राह आसान हो सकती है ।
10 formulas to success in professional life
10 tips to success in professional life 

आइये जानते है Professional Life में सफलता के 10 सूत्र कौन कौनसे है -

1.  कामयाबी के लिए सुने (Listen for success)  -  आपके पास एक मुंह और दो कान है । इसी अनुपात में इनका इस्तेमाल करे ।  ♦ बोलने के मुकाबले अधिक सुनने से आपको ज्यादा सिखने का मौका मिलेगा ।


2.  जुनून जरुरी है (Passion is important) - ♦ जुनून आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए जरुरी ईंधन मुहैया कराता है । इसके रहते कोई भी मुश्किल आपको पीछे लौटने के लिए विवस नही करती ।


3.  लोगो की पसंद बने (remained people's choice) - ♦ लोगो के पसंदीदा होने का मतलब है समर्थन और शक्ति हासिल करना । पर इसमें 100 फीसदी सही के चक्क्रर में पड़े तो गिरना पड़ सकता है इसलिए जरा संभलकर ।


4.  नेतृत्वकारी भूमिका (Leadership role) - ♦ आपको ऐसा होना चाहिए की लोग प्रेरणा और आत्मविश्वास से आपकी और देखे । विकल्प पेश करना और कठिन चीजो को भी आसानी से समझाने की क्षमता रखे ।


5.  पहचान स्पष्ट रखे (Keep clear identity) - ♦ एक अधिकारी के रूप में आप जैसे लोगो की लोगो की भर्ती करेंगे वैसे ही आपकी पहचान बनेगी । जितना बेहतर आप कर रहे है, उससे कहीं बेहतर लोगो को जोड़ने की कोशिश करे ।

6.  निष्पक्ष प्रबंधन (Fair Management) - ♦ अपने अधीनस्थो और समकक्षों से व्यवसाय की रणनीति व लक्ष्य के बारे में स्पष्ट बात करे । किसी व्यावसायिक मौके के बारे में विचार करते वक़्त बदलाव की सम्भावना पर जरूर गौर करे ।


7.  आत्म अनुशासन (Self-discipline) - ♦ हरेक लक्ष्य के लिए समयसीमा तय करे, नियमत रूप से मेहनत करे और समय पर आराम भी करे ।दुसरो के साथ वही व्यवहार करे जैसा आप अपने साथ किये जाने की उम्मीद करते है ।


8.  विनम्रता का लाभ (The advantage of humility) - ♦ कामयाबी अकेले अपनी चीज नही होती, इसमें हमेशा दुसरो की भूमिका होती है ऐसे में विनम्र व्यवहार जरुरी है क्युकी गुस्सैल को कोई भी पसंद नही करता ।


9. आजमाना सीखे (Learn to try) - ♦ बिना किस्मत आजमाए कामयाबी की बात करना ख्याली पुलाव पकाना है । किस्मत बनानी है तो अखाड़े में उतरना व खुद टिकाये रखना जरुरी है ।


10. सीमाये जाने (know limits)- ♦ एक आदमी सारे काम नही कर सकता, इसलिए अपनी क्षमता और सीमा को लेकर स्पष्ट रहे ।

दोस्तों हर व्यक्ति जीवन में success होने के लिए अनेक उपाय करता  है लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब हम अपना 100 फीसदी देंगे ।

दोस्तों आपको हमारे पोस्ट कैसे लगते है अपनी प्रतिक्रिया निचे कमेंट बॉक्स में जरूर दे । थैंक्स !!








Tuesday, September 22, 2015

कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi )

                                                                 
how to improve self confidance in hindi
Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi ) 

hi friends,

आज हम जानेगे की किसी भी कार्य को करने के लिए अपने आत्म विश्वास को बढ़ाना कितना जरुरी है ये हम सभी जानते है की बिना आत्मविश्वास कोई भी व्यक्ति सफल नही हो सकता । और सफलता का पैमाना अपने आत्मविश्वास से ही होके गुजरता है ।

यदि दलदली जमीन में खूंटा गाड़ा जाये तो वह कुछ समय तक तो खड़ा रहेगा, लेकिन बहुत जल्दी ही झुककर अंत में गिर जायेगा । दलदल में खूंटा गाड़ना तो आसान है, लेकिन उसे खड़ा रखना आसान नही है, जबकि ठीक इसके विपरीत ठोस जमीन में खूंटा गाड़ने के लिए मेहनत तो करनी पड़ेगी । गड्डा खोदना पड़ेगा और तब कहीं जाकर खूंटा गड़ेगा, लेकिन यदि एक बार गड़ गया, तो वह सेंकडो सालो तक उसी तरह खड़ा रहेगा, जैसा की आपने खड़ा किया था । 

आत्मविश्वास एक प्रकार से ठोस जमीन की तरह हैं, जिसमे हम अपने ज्ञान का खूंटा गाड़ते हैं। आत्मविश्वास का अर्थ अपनी आत्मा पर विश्वास करना नही हैं, बल्कि अपने आप पर विश्वास करना है । यहाँ "आत्म" शब्द का अर्थ "में" से है "आत्मा" से नहीं । जब हमारे अंदर आत्मविश्वास की ठोस जमीन तैयार हो जाती हो जाती है, तब हम जो कुछ भी सुनते है, पढ़ते है या कोई भी कार्य करते है उस पर हमारी पकड़ काफी मजबूत होती चली जाती है । इसके ठीक विपरीत यदि हम अंदर से डरे हुए हैं, हम हमेशा भूल जाने की आशंका से ग्रसित हैं, अपने को अंदर से कमजोर महसूस कर रहे हैं, तब इसका अर्थ ये हुआ की हमारे अंदर की जमीन दलदली है।  ऐसे दलदल में खूंटा मजबूती से नही गड़ेगा ।

ये भी पढ़े: जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

अपने आप पर विश्वास करना सीखिये की "हाँ में ये कर सकता हूँ", क्योंकि अपने आप पर विश्वास एक प्रकार की शक्ति होती है , ऊर्जा होती है । आपने महसूस किया होगा की जब आप विश्वास से भरे होते हैं, तब आपकी चाल बदल जाती है । आपके पैर अधिक मजबूती से उठते हैं और अधिक मजबूती से जमीन पर पड़ते है । ठीक इसी तरह जब आपमें आत्मविश्वास होता है, तब आपका मस्तिष्क भी पूरी तरह सतर्क और जागरूक हो जाता है । उसके पटल (screen) पर पड़ने वाली चीजो के बिम्ब बहुत गहरे और सपष्ट बनते है । यदि मन में यह भय रहेगा की " मुझे बात समझ में नही आ रही है", तो पक्का जानिए की वह बात समझ में नही आएगी । हो सकता है की आपको बात समझ में नही आ रही है । यदि ऐसा है तो आप खुद को सरेंडर मत कीजिये । परेशान न होइए की बात समझ में नही आ रही है, बल्कि अपने अंदर कुछ इस तरह की भावना लाइए की "मुझे इसे समझना है । मैं जानकर रहूँगा इसे ।" जैसे ही आप यह भावना लाएंगे, पाएंगे की आपका मन एक अलग ही तरह के जोश से भर गया है और जैसे ही यह होगा, आपका लक्ष्य सार्थक होने लगेगा ।

इसलिये हमेशा याद रखिये की जब भी कोई कार्य करे अपने आत्मविश्वास का दीपक जलाकर उस कार्य को करे । आत्मविश्वास की इसी रोशनी में अपने लक्ष्यों को अधिक चमक के साथ जिंदगी के पटल पर सफल हो सकेंगे । 

Thanks 

Saturday, July 18, 2015

जरूर पढ़े - एक ऐसी पोस्ट जो बदल सकती हैं आपकी ज़िन्दगी !

पढ़िए iPod और iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के founder Steve Jobs के जीवन की तीन कहानिया जो  बदल सकती हैं आपकी भी ज़िन्दगी.

Steve jobs motivational speech and quotes in hindi
Steve Jobs
जब कभी दुनिया के सबसे प्रभावशाली entrepreneurs का नाम लिया जाता है तो उसमे कोई और नाम हो न हो ,
एक नाम ज़रूर आता है. और वो नाम है STEVE JOBS (स्टीव जोब्स) का. APPLE Company के co-founder इस अमेरिकी को दुनिया सिर्फ एक successful entrepreneur , inventor और businessman के रूप में ही नहीं जानती है बल्कि उन्हें world के अग्रणी motivators और speakers  में भी गिना जाता है. और आज आपके साथ good quality Hindi articles share करने की अपनी commitment को पूरा करते हुए हम Ignored Post ब्लॉग पर आपके साथ  Steve Jobs की अब तक की one of the best speech “Stay Hungry Stay Foolish” Hindi में share कर रहे हैं. यह speech उन्होंने Stanford  University के convocation ceremony (दीक्षांत समारोह) में 12 June 2005 को दी थी.

यह Post थोड़ी लंबी  है. लगभग 3000 शब्दों की, इसलिए यदि आप चाहें तो EkUmmid.wordpress.Com को Bookmark या Favourites में list कर लें . ताकि यदि आप एक बार में पूरी post  न पढ़ पायें तो आसानी से फिर इस पेज पर आ सकें. वैसे Google में Ignoredpost.com search  करने पर भी आप दुबारा इस Page  पर आ सकते हैं.

तो चलिए पढते हैं – One of the best speech ever by Steve Jobs , translated in Hindi:

STEVE JOBS CONVOCATION SPEECH AT STANFORD

“Stay Hungry Stay Foolish”

“Thank You;  आज world की सबसे बहेतरीन Universities में से एक के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस  कर रहा हूँ. मैं आपको एक सच बता दूं ; मैं कभी किसी college से pass  नहीं हुआ; और आज पहली बार मैंकिसी college graduation ceremony के इतना करीब पहुंचा हूँ. आज मैं आपको अपने जीवन की तीन कहानिया सुनाना  चाहूँगा… ज्यादा कुछ नहीं बस तीन कहानिया.

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मेरी पहली कहानी , dots connect करने के बारे में है. Reed College में दाखिला लेने के 6 महीने के अंदर ही मैंने पढाई छोड़ दी, पर मैं उसके 18 महीने बाद तक वहाँ किसी तरह आता-जाता रहा. तो सवाल उठता है कि मैंने college क्यों छोड़ा? ….Actually, इसकी शुरुआत मेरे  जन्म से पहले की है.

मेरी biological mother*  एक young , अविवाहित  graduate student थी, और वह मुझे किसी और को adoption के लिए देना चाहती थी. पर उनकी एक ख्वाईश थी की कोई college graduate ही मुझे adopt करे. सबकुछ बिलकुल set था और मैं एक वकील और उसकी wife  के द्वारा adopt किया जाने वाला था कि अचानक उस couple  ने अपना विचार बदल दिया और decide किया कि उन्हें एक लड़की चाहिए. इसलिए तब आधी-रात को मेरे parents, जो तब waiting list में थे,को call  करके बोला गया कि , “हमारे पास एक baby-boy है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?” और उन्होंने झट से हाँ कर दी. बाद में मेरी biological mother  को पता चला कि मेरी माँ college pass नहीं हैं और पिता तो High School  पास भी नहीं हैं. इसलिए उन्होंने Adoption Papers sign करने से मना कर दिया; पर कुछ महीनो बाद मेरे होने वाले parents के मुझे college भेजने के आश्वाशनके बाद वो मान गयीं. तो मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई और सत्रह साल बाद मैं college गया..पर गलती से मैंने Stanford जितना ही महंगा college चुन लिया. मेरे working-class parents  की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में जाने लगी. 6 महीने बाद मुझे इस पढाई में कोई value नहीं दिखी.मुझे कुछ idea नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ, और college मुझे किस तरह से इसमें help करेगा..और ऊपर से मैं अपनी parents की जीवन भर कि कमाई खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज drop-out करने का निर्णय लिए…और सोचा जो होगा अच्छा होगा. उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए काफी डरावना था पर जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे लगता है ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा decision था.

जैसे ही मैंने college छोड़ा मेरे ऊपर से ज़रूरी classes  करने की बाध्यता खत्म हो गयी . और मैं चुप-चाप सिर्फ अपने interest की classes करने लगा. ये सब कुछ इतना आसान नहीं था. मेरे पास रहने के लिए कोई room नहीं था , इसलिए मुझे दोस्तों के room में फर्श पे सोना पड़ता था.मैं coke  की bottle को लौटाने से मिलने वाले पैसों से खाना खता था.,मैं हर Sunday  7 मील पैदल चल कर Hare Krishna Temple  जाता था ,ताकि कम से कम हफ्ते में एक दिन पेट भर कर खाना खा सकूं. यह मुझे काफी अच्छा लगता था.

.मैंने अपनी life में जो भी अपनी curiosity और intuition की वजह से किया वह बाद में मेरे लिए priceless साबित हुआ. Let me give an example. उस समय Reed College  शायद दुनिया की सबसे अच्छी जगह थी जहाँ Calligraphy* सिखाई जाती थी. पूरे campus में हर एक poster , हर एक label  बड़ी खूबसूरती से हांथों से calligraph  किया होता था .चूँकि मैं college से drop-out कर चुका था इसलिए मुझे normal classes करने की कोई ज़रूरत नहीं थी. मैंने तय किया की मैं calligraphy की classes करूँगा और इसे अछ्छी तरह से सीखूंगा. मैंने serif और sans-serif type-faces के बारे में  सीखा.; अलग-अलग letter-combination के बीच में space vary करना और किसी अच्छी  typography को क्या चीज अच्छा बनाती है , यह भी सीखा . यह खूबसूरत था, इतना artistic था कि इसे science द्वारा capture  नहीं किया जा सकता था, और ये मुझे बेहद अच्छा लगता था. उस समय ज़रा सी भी उम्मीद नहीं थी कि मैं इन चीजों का use कभी अपनी life में करूँगा. लेकिन जब दस साल बाद हम पहला Macintosh Computer बना रहे थे तब मैंने इसे Mac में design कर दिया. और Mac  खूबसूरत typography युक्त दुनिया का पहला computer बन गया.अगर मैंने college से drop-out नहीं किया होता तो Mac मैं कभी multiple-typefaces या  proportionally spaced fonts नहीं होते , और चूँकि Windows ने Mac की copy  की थी तो शायद ये  किसी भी personal computer में ये चीजें नहीं होतीं. अगर मैंने कभी drop-out ही नहीं किया होता तो मैं कभी calligraphy की  वो classes  नहीं कर पाता और फिर शायद personal computers में जो fonts होते हैं , वो होते ही नहीं.

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Of course,  जब मैं college में था तब भविष्य में देख कर इन dots  को connect करना  impossible था; लेकिन दस साल बाद जब मैं पीछे मुड़  कर देखता हूँ तो सब कुछ बिलकुल साफ़ नज़र आता है. आप कभी भी future  में झांक कर dots connect नहीं कर सकते हैं. आप सिर्फ past देखकर ही dots connect कर सकते हैं; इसलिए आपको यकीन करना होगा की अभी जो हो रहा है वह आगे चल कर किसी न किसी तरह आपके future से connect हो जायेगा. आपको किसी न किसी चीज में विश्ववास करना ही होगा —अपने guts में, अपनी destiny में, अपनी जिंदगी या फिर अपने कर्म में…किसी न किसी चीज मैं विश्वास करना ही होगा…क्योंकि इस बात में believe करना की आगे चल कर dots connect होंगे आपको अपने दिल की आवाज़ सुनने की हिम्मत देगा…तब भी जब आप बिलकुल अलग रास्ते पर चल रहे होंगे…and that will make the difference.

मेरी दूसरी कहानी , love और loss  के बारे में है. मैं जिस चीज को चाहता था वह मुझे जल्दी ही मिल गयी. Woz और मैंने अपने parents के गराज से  Apple  शरू की तब मैं 20 साल का था. हमने बहुत मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़ कर $2 Billion  और 4000 लोगों की company हो गयी. हमने अभी एक साल पहले ही अपनी finest creation Macintosh release की , मैं तीस का हो गया था और मुझे company से fire  कर दिया गया.

Steve jobs Motivational speech

आप अपनी बनायीं हुई company से fire कैसे हो सकते हैं ? Well, जैसे-जैसे company grow की, हमने एक ऐसे talented आदमी को hire किया ,जिसे मैंने सोचा कि वो मेरे साथ company run करेगा , पहले एक साल सब-कुछ ठीक-ठाक चला…. लेकिन फिर company के future vision  को लेके हम दोनों में मतभेद होने लगे. बात Board Of Directors तक पहुँच गयी, और उन लोगों ने उसका साथ दिया,so at thirty , मुझे निकाल दिया गया…publicly निकाल दिया गया. जो मेरी पूरी adult life का focus था वह अब खत्म हो चुका था, और ये बिलकुल ही तबाह करने वाला था. मुझे सचमुच अगले कुछ महीनो तक समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं.

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मुझे महसूस हुआ कि ये सबकुछ इतनी आसानी से accept  करके मैंने अपने पहले कि generation के entrepreneurs को नीचा दिखाया है. मैं David Packard* और Bob Noyce* से मिला और उनसे सबकुछ ऐसे हो जाने पर माफ़ी मांगी. मैं एक बहुत बड़ा public failure था, एक बार तो मैंने valley* छोड़ कर जाने की भी सोची.पर धीरे – धीरे मुझे अहसास हुआ की मैं जो काम करता हूं, उसके लिए मैं अभी भी  passionate हूँ. Apple में जो कुछ हुआ उसकी वजह से मेरे passion में ज़रा भी कमी नहीं आई है….मुझे reject कर दिया गया है, पर मैं अभी भी अपने काम से प्यार करता हूँ. इसलिए मैंने एक बार फिर से शुरुआत करने की सोची. मैंने तब नहीं सोचा पर अब मुझे लगता है की Apple से fire किये जाने से अच्छी चीज मेरे साथ हो ही नहीं सकती थी. Successful होने का बोझ   अब beginner होने के हल्केपन में बदल चूका था , मैं एक बार फिर खुद को बहुत free महसूस कर रहा था…इस स्वछंदता की वज़ह से मैं अपनी life  की सबसे creative period  में जा पाया.

अगले पांच सालों में मैंने एक company … NeXT  और एक दूसरी कंपनी Pixar start की और इसी दौरान मेरी मुलाक़ात एक बहुत ही amazing lady  से हुई ,जो आगे चलकर मेरी wife बनी. Pixar ने दुनिया की पहली computer animated movie , “ Toy Story”  बनायीं, और इस वक्त यह दुनिया का सबसे सफल animation studio है. Apple ने  एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए NeXT को खरीद लिया और मैं Apple में वापस चला गया. आज Apple, NeXT  द्वारा develop की गयी technology use करती है….अब Lorene और मेरा एक सुन्दर सा परिवार है. मैं बिलकुल surety के साथ कह सकता हूँ की अगर मुझे Apple से नहीं निकाला गया होता तो मेरे साथ ये सब-कुछ नहीं होता. ये एक कड़वी दवा थी …पर शायद patient को इसकी ज़रूरत थी.कभी-कभी जिंदगी आपको इसी तरह ठोकर मारती है. अपना विश्वाश मत खोइए. मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि मैं सिर्फ इसलिए आगे बढ़ता गया क्योंकि मैं अपने काम से प्यार करता था…I loved my work.

आप really क्या करना पसंद करते हैं यह आपको जानना होगा, जितना अपने love को find करना ज़रूरी है, उतना ही उस काम को ढूँढना ज़रूरी जिसे आप सच-मुच enjoy करते हों आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है की आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम  समझते हों...और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है की आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों.यदि आपको अभी तक वो काम नहीं मिला है तो आप रूकिये मत..उसे खोजते रहिये. जैसा कि दिल से जुडी हर चीज में होता है…वो जब आपको मिलेगा तब आपको पता चल जायेगा…और जैसा की किसी अच्छी relationship में होता है वो समय के साथ-साथ और अच्छा होता जायेगा ….इसलिए खोजते रहिये…रूकिये मत.

मेरी तीसरी कहानी death  के बारे में है. जब मैं 17  साल का था तो मैंने एक quote पढ़ा , जो कुछ इस तरह था, “ यदि आप हर रोज ऐसे जियें जैसे की ये आपकी जिंदगी का आखीरी दिन है ..तो आप किसी न किसी दिन सही साबित हो जायेंगे.” इसने मेरे दिमाग पे एक  impression बना दी, और तबसे…पिछले 33  सालों से , मैंने  हर सुबह उठ कर शीशे में देखा है और खुद से एक सवाल किया है , “ अगर ये  मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होता तो क्या मैं आज वो करता जो मैं करने वाला हूँ?” और जब भी लगातार कई दिनों तक जवाब “नहीं” होता है , मैं समझ जाता हूँ की कुछ बदलने की ज़रूरत है. इस बात को याद रखना की मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी life  के बड़े decisions लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार death  के बारे में सोचता हूँ तब सारी expectations, सारा pride, fail होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है.इस बात को याद करना की एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा  तरीका है.आप पहले से ही नंगे हैं.ऐसा कोई reason नहीं है की आप अपने दिल की ना सुने.

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करीब एक साल पहले पता चला की मुझे cancer है . सुबह 7:30 बजे मेरा scan हुआ, जिसमे साफ़-साफ़ दिख रहा था की मेरे pancreas में tumor  है. मुझे तो पता भी नहीं था की pancreas क्या होता है. Doctor ने लग-भग यकीन के साथ बताया की मुझे एक ऐसा cancer है जिसका इलाज़ संभव नहीं है..और अब मैं बस 3 से 6 महीने का मेहमान हूँ. Doctor  ने सलाह दी की मैं घर जाऊं और अपनी सारी चीजें व्यवस्थित कर लूं, जिसका indirect मतलब होता है कि , “आप मरने की तैयरी कर लीजिए.”  इसका मतलब कि आप कोशिश करिये कि आप अपने बच्चों से जो बातें अगले दस साल में करते , वो अगले कुछ ही महीनों में कर लीजिए. इसका ये मतलब होता है कि आप सब-कुछ सुव्यवस्थित कर लीजिए की आपके बाद आपकी family को कम से कम परेशानी हो.इसका ये मतलब होता है की आप सबको गुड-बाय कर दीजिए.

मैंने इस diagnosis के साथ पूरा दिन बिता दिया फिर शाम को मेरी biopsy हुई जहाँ मेरे मेरे गले के रास्ते, पेट से होते हुए मेरी intestine में एक endoscope डाला गया और एक सुई से tumor से कुछ cells  निकाले गए. मैं तो बेहोश था , पर मेरी wife , जो वहाँ मौजूद थी उसने बताया की जब doctor ने microscope से मेरे cells देखे तो वह रो पड़ा…दरअसल cells देखकर doctor समझ गया की मुझे एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का  pancreatic cancer है जो surgery से ठीक हो सकता है. मेरी surgery हुई और सौभाग्य से अब मैं ठीक हूँ.

मौत के इतना करीब मैं इससे पहले कभी नहीं पहुंचा , और उम्मीद करता हूँ की अगले कुछ दशकों तक   पहुँचूं भी नहीं. ये सब देखने के बाद मैं ओर भी विश्वाश के साथ कह सकता हूँ की death एक useful but intellectual concept है.कोई मरना नहीं चाहता है, यहाँ तक की जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं वो भी…फिर भी मौत वो मजिल है जिसे हम सब share  करते हैं.आज तक इससे कोई बचा नहीं है. और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है .  ये जिंदगी को बदलती है, पुराने को हटा कर नए का रास्ता खोलती है. और इस समय नए आप हैं. पर ज्यादा नहीं… कुछ ही दिनों में आप भी पुराने हो जायेंगे और रस्ते से साफ़ हो जायेंगे. इतना dramatic होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ पर ये सच है.आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने intuition को मत डूबने दीजिए. वे पहले से ही जानते हैं की तुम सच में क्या बनना चाहते हो. बाकि सब गौड़ है.

जब मैं छोटा था तब एक अद्भुत publication, “The Whole Earth Catalogue”  हुआ करता था, जो मेरी generations की bibles में से एक था.इसे Stuart Brand नाम के एक व्यक्ति, जो यहाँ … MelonPark से ज्यादा दूर नहीं रहता था, और उसने इसे अपना poetic touch दे के बड़ा ही जीवंत बना दिया था. ये साठ के दशक की बात है, जब computer और desktop publishing  नहीं हुआ करती थीं., पूरा catalogue ..typewriters, scissors और  Polaroid cameras की मदद से बनाया जाता था. वो कुछ-कुछ ऐसा था मानो Google को एक book के form में कर दिया गया हो….वो भी गूगल के आने के 35 साल पहले.वह एक आदर्श था, अच्छे tools और महान विचारों से भरा हुआ था.

Stuart और उनकी team ने “The Whole Earth Catalogue”के कई issues  निकाले और अंत में एक final issue  निकाला. ये सत्तर के दशक का मध्य था और तब मैं आपके  जितना था. Final issue के back cover पे प्रातः काल का किसी गाँव की सड़क का द्दृश्य था…वो कुछ ऐसी सड़क थी जिसपे यदि आप adventurous हों तो किसी से lift माँगना चाहेंगे. और उस picture के नीचे लिखा था, “Stay Hungry, Stay Foolish”..  ये उनका farewell message था जब उन्होंने sign-off  किया…,“Stay Hungry, Stay Foolish” और मैंने अपने लिए हमेशा यही wish किया है, और अब जब आप लोग यहाँ से graduate हो रहे हैं तो मैं आपके लिए भी यही wish करता हूँ , stay hungry, stay foolish. Thank you all very much.”

The GREAT STEVE JOBS died on 5th Oct 2011 after a years-long battle with pancreatic cancer. Such great men are born once in a century, and they have no where to go but to Heaven.

क्यों है न कमाल की speech!!!

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Note: It was a HINDI TRANSLATION of STEVE JOBS   “STAY HUNGRY STAY FOOLISH” INSPIRATIONAL SPEECH delivered at Stanford University in 2005.

Note: हिंदी में अनुवाद करने में  सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.

निवेदन :कृपया अपने comments के through बताएं की Steve Jobs की “Stay Hungry Stay Foolish” inspirational speech का Hindi अनुवाद आपको कैसा लगा.

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