Source- Sparkpeople |
तो आइये जानें कि: कैसे दूर करे अपना आलस्य ?
दोस्तों मेरा यह कहना आपको कुछ आश्चर्यजनक लगेगा की आलसी व्यक्ति जैसी कोई चीज नही होती : वह या तो बीमार होता है या अप्रेरित होता है | अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए | अगर वह अप्रेरित है तो बहुत सी चीजे है जो उसे करनी चाहिए | उसे प्रेरक वक्ताओ को सुनना चाहिए या motivational articles पढने चाहिए या फिर प्रेरक लोगो का संग करना चाहिए | पूर्व ओलम्पिक चैंपियन और अमेरिका के महान वक्ताओ में गिने जाने वाले Bob Richards संगती (Accompaniment) से प्रेरणा पाने का एक सशक्त उदाहरण है | उनका कहना है की ओलम्पिक में खिलाडी बार-बार रिकॉर्ड तोड़ने के प्रदर्शन देते है क्युकी वे सब स्वयं को एक महानता के वातारण(The greatness of the environment) में पाते है |
जब कोई नौजवान पुरुष या महिला विश्व भर के दुसरे खिलाडियों को उनके पहले सर्वश्रेष्ट प्रदर्शनों से बार-बार अपना best करते हुए देखता है तो हर कोई 'अपने सर्वश्रेष्ट से आगे बढ़कर' प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हो जाता है | मानवजाति अपने Best efforts से कुछ Result प्राप्त करने में सक्षम है और रिचर्ड्स बताते है की champions का साथ champion वाला प्रदर्शन करने के लिए inspire करता है |
बहुत अधिक सरलीकरण का जोखिम उठाते हुए, मेरा मानना है की बहुत से "आलसी" लोगो को छवि व दृष्टिकोण की समस्या होती है | वे अपने काम या व्यवसाय में अपना पूर्ण प्रयास करने में हिचकिचाते है | यह सोचकर की अगर उन्होंने पूरा प्रयास किया और काम नही बन पाया तो वे असफल कहे जायेंगे | वे इसे तर्कसंगत(Rational) बना लेते है | की अगर वे आधे मन से प्रयास करे और काम नही बना तो उनके पास एक बना-बनाया बहाना होगा | वे अपने दिमाग में खुद को असफल महसूस नही करते क्युकी उन्होंने बास्तव में कोशिश ही नही की | वे अक्सर कंधे उचकाते हुए कहते है, "इससे मुझ पर कोई फर्क नही पड़ता" |
बहुत से कर्मचारियों के साथ यही बात लागु होती है
बहुत बार काम के प्रति अनिच्छा(reluctance)
दूसरी और गहरी समस्याओ से जुडी होती है |
बहुत बार काम के प्रति अनिच्छा(reluctance)
दूसरी और गहरी समस्याओ से जुडी होती है |
इस बात को ध्यान में रखकर मेरा आपसे आग्रह है
की आप खुद पर एक और नजर डाले |
और देखे की आप बीमार है या अप्रेरित |
अगर दोनों में कुछ भी है तो दोनों का इलाज संभव है |
की आप खुद पर एक और नजर डाले |
और देखे की आप बीमार है या अप्रेरित |
अगर दोनों में कुछ भी है तो दोनों का इलाज संभव है |
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