Sunday, October 25, 2015

A Short Hindi Love Story- प्रेम की अनुभूति

feelings of love
Source- moralstories26

हाँ प्यार एक पल में नही हो सकता उसे हम crush या आकर्षण कह के भूल सकते है लेकिन जिन्दगी में कई बार ऐसे पल होते है जो चाहे कुछ पल के मोहताज हो उन्हें हम सारी जिन्दगी नही भूल सकते | ऐसे ही पल को समेटती एक Short Hindi Love Story पेश कर रहा हूँ पढ़िए और शेयर करिए !


कुछ सालों पहले की बात हैं , मैं सैदपुर बस स्टैण्ड में बस का इंतजार कर रहा था ।
बस आने में थोड़ी देरी थी तो सोचा कि पान खा लूं बहूत दिनों से पान नहीं खाया...
पान ठेले पर गया और चमन चटनी चार सौ बीस वीथ किमाम का ऑडर दे दिया...
पान मूंह में दबाया और हाथ बालों में फेर के हाथ में लगा कत्था पोंछ लिया...
तभी अजय परिवहन कि बस आयी और मैं बस में चढ़ गया...
बस में एक ही सीट खाली थी जिसमें पहले एक लड़की बैठी थी गुलाबी रंग के सलवार कमीज और दुपट्टे में काले रंग का गोल गोल डिजाइन बना था


...
लड़की का चेहरा अब तक मैं देखा न था वो मोबाइल में गाना सुन रही थी कानों में इयरफोन डाले और कुछ गेम खेल रही थी....
मैं सीट के पास खड़े रहा इंतजार कर रहा था कि वो मेरे तरफ देखे तो मैं इशारे से बैठने की इजाजत मांग लूं...
मैं भी मूंह में पान भर रखा था और उसने इयरफोन डाल रखा था...
मैं मन ही मन सोच रहा था आज किस्मत अच्छा हैं आज तक बस में किसी लड़की के साथ बैठा नहीं आज मौका मिला हैं ..


.
बस आगे बढ़ने लगी और कंडेक्टर चलती बस में दौड़ते हुए चढ़ते चढ़ते चिल्ला रहा गाजीपुर गाजीपुर....
कंडेक्टर बस में चढ़ा और मेरे पास आया और लड़की के सीट को ठक ठक बजा के लड़की का ध्यान भंग किया....
वो लड़की अपना सिर उठायी...
मैं देखते ही रह गया 
एक सुंदर कन्या गुलाबी रंग के पोशाक में एक दम गुलाब की कली लग रही थी...
लाल लाल होट आंखों में काजल पलके बड़ी बड़ी...
कुछ जुल्फें गालों को स्पर्श करती हुई...
कंडेक्टर के कहने पर उसने मुझे सीट में बिठा लिया...



मैं चुपचाप बैठ गया....
कंडेक्टर ने पीछे वाली सीट तरफ से किराया लेने चले गया...
मैंने अपनी जेब से फोन निकाला और फेसबुक चलाने लगा....
कुछ ही दूर चले थे कि कंडेक्टर आया और किराया मांगने लगा...
मुझे मजबुर होकर पान थूंकना था...
पुरा मूंह पान से भर गया था....
पर लड़की विंडो तरफ बैठी थी...
मैंने पान भरे मूंह से कहां थोड़ा हटियेगा प्लीज़,
और खिड़की से बाहर पिचकारी मार दी....
कंडेक्टर से बोला गाजीपुर का काटो और तलिया चट्टी पर उतार देना....
वो लड़की महाराजगंज तक जाऊंगी बोली...


चुप चाप रास्ता कट रहा था...
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे...
वो लड़की भी चोरी चोरी मेरे तरफ देख रही थी
शायद वो भी मेरी तरह ही कुछ सोच रही होगी..
पर कैसे बात करता अंजान लड़की से ????
जब बस नंदगंज पहूंची तो लड़की का फोन बंद हो गया लो बैटरी के कारण और दुबारा चालू हुआ ही नहीं....
माइक्रोमैक्स का सस्ता सा कोई सेट था....

tera bina zindagi
Source-ilovethewayusmile
लड़की थोड़ी घबरायी सी लगने लगी...
नंदगंज मुख्य बाजार पार हुआ तभी लड़की ने हिम्मत करके मुझसे फोन मांगा और कहा एक कॉल करना हैं पापा बस स्टैण्ड आयेगे लेने के लिए...
मैंने खुशी खुशी फोन दे दिया
वो अपने पापा को फोन लगायी और बोली लेने पहूंच जाना 15 मिनट में बस स्टैण्ड पहूंच जाऊंगी....
फिर लड़की ने मुझे थैंकू बोला...
मैं कुछ बोल न सका ।



महाराजगंज आ चूका था ... बस रुकी ... वो मुझे साइड करते हुए जाने लगी ... उसकी जुल्फें मेरे मुख को स्पर्श करते हुए निकल गई ...बस के गेट पर पहुँच कर एक नज़र उसने मुझे देखा, मेरा दिल ज़ोर से धड़क उठा ...!!


क्या एहसास था वो । वो बस से उतर चुकी थी, मैं खिड़की से उसे देखे जा रहा था ... बस चल पड़ी और कुछ ही क्षण में वो आँखों से ओझल हो गई । दिल कचोट कर रह गया, एक लंबी सांस ली और सोचने लगा काश कि ये लड़की अपने पापा के फोन से मेरा नम्बर निकाल कर मुझे फोन करें.....
पर काश तो काश ही होता हैं ----||



Story Writing and post editing by- पंकज विश्वजीत And Ignored Post Team... 


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