Thursday, October 22, 2015

जरुर पढ़े : रावण की वो तीन गलतियाँ ! जिससे हमे सीख लेनी चाहिए

दोस्तों सबसे पहले आप सभी को विजयादशमी की ढेर सारी शुभकामनायें ! 

आज में आपके साथ राजा रावण के बारे में ही कुछ पोस्ट कर रहा हूँ उम्मीद करता हूँ आपको अच्छा लगे ! दोस्तो रावण में वैसे तो अनेक बुराइयां रही होगी लेकिन अगर सूर्पनखा के सम्मान और अहंकार का सवाल न होता तो रावण की गिनती एक प्रकांड विद्वान और एक समृद्ध राजा के रूप में होती । 
दोस्तों रावण इस बात का प्रमाण है कि विद्वान होने का मतलब ये नही कि आप गलत नही हो सकते ! 

यदि आप में अंहकार है तो विद्वता उसके नेपथ्य में विलीन हो जाती है !


जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में था उस समय रावण ने लक्ष्मण को तीन बातें बताई थी जो जीवन में सफलता की कुंजी साबित हो सकते है।

1- पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण को बताई वह ये थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो वह कर डालना और अशुभ को जितना टाल सकते हो टाल देना चाहिए यानी शुभस्य शीघ्रम्। मैं श्रीराम को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देरी कर दी, इसी कारण मेरी यह हालत हुई।
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Source - ajitvadakayil.blogspot.com


2- दूसरी बात यह कि अपने प्रतिद्वंद्वी, अपने शत्रु को कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए, मैं यह भूल कर गया। मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया। मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा था तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध न कर सके ऐसा कहा था क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था। मेरी गलती हुई।
3- रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और अंतिम बात ये बताई कि अपने जीवन का कोई राज हो तो उसे किसी को भी नहीं बताना चाहिए। यहां भी मैं चूक गया क्योंकि विभीषण मेरी मृत्यु का राज जानता था। ये मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती थी।
Source - Youtube
दोस्तों आपको ये पोस्ट कैसा लगा comment के through जरुर बताये !

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