Sunday, September 13, 2015

Hindi Story: एक सबक...एक आशा... !


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"माँ - बाप"
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"एक सबक" "एक आशा"
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एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया। खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया। रेस्टॉरेंट में बैठे दुसरे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे
लेकिन उस वृद्ध का बेटा शांत था। खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा, वृद्ध को वॉश रूम ले गया। उनके कपड़े साफ़ किये, उनका चेहरा साफ़ किया, उनके बालों में कंघी की, चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया। सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे। बेटे ने बिल पे किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा। तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को आवाज दी और उससे पूछा " क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँ अपने पीछे तुम कुछ छोड़ कर जा रहे हो ?? "
बेटे ने जवाब दिया "नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़ कर नहीं जा रहा।"
वृद्ध ने कहा "बेटे, तुम यहाँ छोड़ कर जा रहे हो, प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक) और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद (आशा)।" दोस्तो आमतौर पर हम लोग अपने बुजुर्ग माता पिता को अपने साथ बाहर ले जाना पसँद नही करते और कहते है क्या करोगो आप से चला तो जाता नही ठीक से खाया भी नही जाता आपतो घर पर ही रहो वही अच्छा होगा.

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क्या आप और हम ये भूल गये जब आप और हम छोटे थे और आपके माता पिता आप को अपनी गोद मे उठा कर ले जाया करते थे, अपने हाथ से खिलाया करते थे आपको टॉयलेट जाना होता था तो वो अपना खाना बिच में छोड़कर आपको बाथरूम ले जाया करते थे आपसे खाना गिर जाता था तो अपने हाथ से साफ़ करते थे आपके कपडे गंदे हो जाते थे तो वही अपने रुमाल से साफ़ कर दिया करते थे ।
ये सब क्या था ? ये सब उनका अपने बच्चों के लिए प्यार था क्या उन्होंने कभी ये सोचा की हम नादान हे समझदार नहीं हे तो अगली बार से हमें घर पर रहने दे ! नहीं ना । क्यों की वो माँ बाप हे तो फिर हमें वही माँ बाप बुढापे मे बोझ क्यो लगने लगते है ?? दोस्तों माँ बाप साक्षात् भगवान का रूप होते है क्या आपमें से किसी ने भगवान को देखा हे ! नहीं ना । तो जरा सोचिये अगर आप अपने माँ बाप को सुखी नहीं रखोगे तो आने वाले कल में आपका क्या होगा ये कभी सोचा हे आपने ।
इसलिए दोस्तों हमेशा जितना भी हो सके जब भी हो सके अपने माँ बाप की सेवा कीजिये उनको बहुत प्यार दीजिये उनको सहेजकर रखिये ये बड़े बुजुर्ग तो हमारे घर की शान होते हे अगर आप ऐसा नहीं सोचते तो आप एक बात का अवश्य ध्यान रखना की एक कल आपका भी होगा क्योकि एक दिन आप भी बुढे होगे तब फिर अपने बच्चो से सेवा की उम्मीद मत करना.. जिस तरह आप किसी के बच्चे थे आज आपके भी बच्चे हे और वो भी तो आप ही से सिखते है ।
बताना हमारा काम था आगे पालन करना न करना आपका ।

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