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सहिष्णुता'शाहरुख की नज़र में 'दिलवाले' से पहले ही क्यों ?
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कल रिलीज हो रही फिल्म 'दिलवाले' पर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के "असहिष्णुता" वाले बयान का असर जरूर पड़ेगा.
याद है न, 'टाटा स्काई' का क्या हाल चल रहा है ? जितने पैसों मे छह महीने का पैकेज दिया जाता था टाटा स्काई पर, पिछले दिनों उतने ही पैसे मे एक साल तक का पैकेज दिया गया. मैं बहुत खुश हूं देश के खिलाफ कुछ भी गलत करने या बोलने वालों का यह हश्र देखकर .
असल में इस फिल्म के हीरो शाहरुख खान हैं, ये वही शाहरुख खान है जिन्होंने पिछले दिनों देश में असहिष्णुता होने की बात कही थी।
इसके बाद से ही शाहरुख पर लगातार जुबानी हमले हो रहे हैं।
आम लोगों की यह पीड़ा रही कि जिस शाहरुख ने एक सर्कस में अभिनय से अपनी जिन्दगी शुरू की थी, उस शाहरुख को इस देश के लोगों ने अपनी आंखों की पलकों पर बैठाया और आज वही शाहरुख देश में साम्रदायिक माहौल खराब होने की बात कह रहे हैं।
यदि देश के आम लोगों के मन में शाहरुख के प्रति दुर्भावाना होती तो उनकी अनेक फिल्में हिट होने के बजाए फ्लाप होती।
शाहरुख ने जब से असहिष्णुता वाला बयान दिया, तब से समाचार माध्यमों से शाहरुख की आलोचना हो रही हे। यहां तक कि उनकी फिल्में देखने वाले भी नाराज हैं।
जनभावनाओं को भांपते हुए दिलवाले के रिलीज होने से पहले शाहरुख ने फिल्मी स्टाइल में असहिष्णुता वाले बयान पर माफी भी मांग ली है।
शाहरुख को डर है कि यदि उनमें प्रशंसक नाराज होकर फिल्म नहीं देखेंगे तो दिलवाले फ्लॉप हो जाएगी। हालांकि इस फिल्म को हिट करने में शाहरुख खान कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
जितने भी टीवी सीरियल हैं, उन सभी में अभिनेत्री काजोल को लेकर जा रहे हैं। भले ही किसी सीरियल की लोकप्रियता न हो, लेकिन फिर भी शाहरुख कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
इसी सिलसिले में बहुत कम टीआरपी वाले न्यूज चैनलों के स्टूडियो में भी शहारुख खान दस्तक दे रहे हैं जबकि इससे पहले शाहरुख की जितनी भी फिल्में रिलीज हुई तो चुनिंदा सीरियलों और न्यूज चैनलों में ही जाते थे। शाहरुख खान उम्र के जिस मुकाम पर खड़े हैं, उसमें दिलवाले के फ्लाप हो जाने पर शाहरुख की स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
हो सकता है कि फिल्म के निर्माता को घाटा उठाना पड़े लेकिन देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता का जो माहौल चल रहा है, उस पर इस फिल्म को लेकर जरूर असर होगा।
एक ओर शाहरुख जहां इस फिल्म को हिट करने में सारे तौर तरीके अपना रहे हैं, वहीं उनके खिलाफ प्रचार माध्यमों में एक बड़ा अभियान चल रहा है, जिसके अंतर्गत यह अपील की जा रही है कि शाहरुख की 18 दिसम्बर को रिलीज होने वाले फिल्म दिलवाले को न देखा जाए।
सवाल किसी एक फिल्म के हिट और फ्लॉप होने का नहीं है, बल्कि देश के माहौल का है। शाहरुख समझें या नहीं, लेकिन शाहरुख की फिल्म के फ्लॉप होने पर वे ताकते सक्रिय होंगी, जिनकी सियासत वाली सोच है।
सवाल यह भी है कि यदि देश में असहिष्णुता थी तो उसे खत्म करने की जिम्मेदारी भी शाहरुख खान जैसे कलाकारों की है क्योंकि इसी देश के लोगों ने सर्कस में काम करने वाले एक कलाकार को आसमान की ऊंचाइयों पर बैठाया है।
यदि शाहरुख खान जैसे कलाकार कथित तौर पर देश के बिगड़े माहौल को नहीं सुधारेंगे तो फिर कौन आगे आएगा ?
अच्छा होता कि शाहरुख खान असहिष्णुता वाला बयान देने से बचते .
लेखिका- मधु देव शर्मा
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