Friday, September 25, 2015

10 Motivational Quotes in Hindi

 दोस्तों आज में आपके साथ १० प्रेरणादायक उद्धरण ( 10 motivational quotes ) शेयर कर रहा हूँ पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे !                   

10 Motivational Quotes In Hindi 

Quote 1: A creative man is motivated by the desire to achieve, not by the desire to beat others. 

In Hindi: एक रचनात्मक व्यक्ति दुसरो के जितने की इच्छा से प्रेरित होता है ना की दुसरो को हराने की इच्छा से ।  
    Ayn Rand एयन रैण्ड
                                                                         

Quote 2: Always do your best. What you plant now, you will harvest later.

In Hindi::  हमेशा अपना सबसे बेहतरीन करो। जो आप अभी बोयेंगे, वहीँ आप बाद में काटेंगें।

   Og Mandino ओग मंडीनो

                                                                                                                                                  
Quote 3: In order to succeed, we must first believe that we can.
In Hindi:  अगर हमे सफल होना है तो हमे सबसे पहले ये विश्वास करना होगा की "हाँ में कर सकता हूँ" ।
  Nikos Kazantzakis निकोस कज़न्त्जाकिस
Quote 3: If you can dream it, you can do it.
In Hindi:  अगर आप यह सपना देख सकते हैं, तो आप यह कर भी सकते हैं।

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10 motivational Quotes in hindi
Walt Disney वाल्ट डिज्नी
Quote 4: The secret of getting ahead is getting started.
In Hindi:  आगे बढ़ने का रहस्य यही है की पहले आपको आरम्भ करना पड़ेगा। 
 Mark Twain मार्क ट्वेन

Quote 5: Believe in yourself! Have faith in your abilities! Without a humble but reasonable confidence in your own powers you cannot be successful or happy. 
In Hindi:  अपने आप पर यकीन रखो ! अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखो ! अपनी शक्तियों में एक विनम्र लेकिन उचित आत्मविश्वास के बिना आप कभी सफल या खुश नहीं हो सकते ।

 Norman Vincent Peale नोमान विन्सेंट पीले
Quote 6. What you get by achieving your goals is not as important as what you become by achieving your goals.
In Hindi: आपको अपने लक्ष्यों के प्राप्त होने से क्या मिलता है ये इतना महत्वपूर्ण नही है जितना की आप अपने लक्ष्यों के प्राप्त होने से क्या बनते है । 
     Zig Ziglar ज़िग ज़िग्लर

Quote 7. A goal is a dream with a deadline.
In Hindi: एक लक्ष्य एक समय सीमा के साथ एक सपना है।
  Napoleon Hill नेपोलियन हिल

In Hindi: क्या आप जानना चाहते हो की कौन हो ? पूछिये मत ! कार्य कीजिये! आपका कार्य ही आपको चित्रित और परिभाषित करेगा । 
 Thomas Jefferson थॉमस जेफरसन

Quote 9. Perseverance is failing 19 times and succeeding the 20th.
In Hindi: दृढ़ता 19 बार असफल हो सकती है पर 20वीं बार जरूर सफल होती है । 
 Julie Andrews जूली एंड्रयूज

Quote 10. Change your life today. Don't gamble on the future, act now, without delay.
In Hindi: आज ही अपने जीवन में परिवर्तन लाइए क्युकी भविष्य जुआ नही है इसलिए अभी बिना देरी के अपने कार्य पर लग जाये । 
 Simone de Beauvoir सिमोन डी बेऔवोइर 

                                                                                                                          
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Thursday, September 24, 2015

Professional Life में सफलता के 10 सूत्र

hi friends,  आज में आपके साथ professional life में सफलता के 10 सूत्र शेयर कर रहा हूँ पिछले पोस्ट में मेने आपके साथ Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi ) शेयर किया था उम्मीद करता हूँ की पोस्ट वो आपको पसंद आया होगा ।

कोई भी क्षेत्र में सफलता इस बात पर निर्भर करती है की आपका लक्ष्य क्या है ? आपका लक्ष्य पैसा कमाना है या सर्वश्रेष्ठ काम करना है ? यदि आपका लक्ष्य पैसा कमाना  है,तो आप कामचलाऊ effort करेंगे, नतीजा ये होगा की जल्द ही आप असफल हो जायेंगे । दूसरी और, यदि आपका लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ बनना है, तो निश्चित रूप से आप सफल होंगे और पैसे भी कमाएंगे ।

                            Professional  Life में सफलता के 10 सूत्र 

दोस्तों प्रतिस्पर्धा (competition) के मौजूदा दौर में success हासिल करना आसान नही है  इसके लिए कड़ी मेहनत करना जरुरी है । मेहनत के साथ - साथ कुछ खास नुस्खो पर अमल किया जाये तो कामयाबी की राह आसान हो सकती है ।
10 formulas to success in professional life
10 tips to success in professional life 

आइये जानते है Professional Life में सफलता के 10 सूत्र कौन कौनसे है -

1.  कामयाबी के लिए सुने (Listen for success)  -  आपके पास एक मुंह और दो कान है । इसी अनुपात में इनका इस्तेमाल करे ।  ♦ बोलने के मुकाबले अधिक सुनने से आपको ज्यादा सिखने का मौका मिलेगा ।


2.  जुनून जरुरी है (Passion is important) - ♦ जुनून आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए जरुरी ईंधन मुहैया कराता है । इसके रहते कोई भी मुश्किल आपको पीछे लौटने के लिए विवस नही करती ।


3.  लोगो की पसंद बने (remained people's choice) - ♦ लोगो के पसंदीदा होने का मतलब है समर्थन और शक्ति हासिल करना । पर इसमें 100 फीसदी सही के चक्क्रर में पड़े तो गिरना पड़ सकता है इसलिए जरा संभलकर ।


4.  नेतृत्वकारी भूमिका (Leadership role) - ♦ आपको ऐसा होना चाहिए की लोग प्रेरणा और आत्मविश्वास से आपकी और देखे । विकल्प पेश करना और कठिन चीजो को भी आसानी से समझाने की क्षमता रखे ।


5.  पहचान स्पष्ट रखे (Keep clear identity) - ♦ एक अधिकारी के रूप में आप जैसे लोगो की लोगो की भर्ती करेंगे वैसे ही आपकी पहचान बनेगी । जितना बेहतर आप कर रहे है, उससे कहीं बेहतर लोगो को जोड़ने की कोशिश करे ।

6.  निष्पक्ष प्रबंधन (Fair Management) - ♦ अपने अधीनस्थो और समकक्षों से व्यवसाय की रणनीति व लक्ष्य के बारे में स्पष्ट बात करे । किसी व्यावसायिक मौके के बारे में विचार करते वक़्त बदलाव की सम्भावना पर जरूर गौर करे ।


7.  आत्म अनुशासन (Self-discipline) - ♦ हरेक लक्ष्य के लिए समयसीमा तय करे, नियमत रूप से मेहनत करे और समय पर आराम भी करे ।दुसरो के साथ वही व्यवहार करे जैसा आप अपने साथ किये जाने की उम्मीद करते है ।


8.  विनम्रता का लाभ (The advantage of humility) - ♦ कामयाबी अकेले अपनी चीज नही होती, इसमें हमेशा दुसरो की भूमिका होती है ऐसे में विनम्र व्यवहार जरुरी है क्युकी गुस्सैल को कोई भी पसंद नही करता ।


9. आजमाना सीखे (Learn to try) - ♦ बिना किस्मत आजमाए कामयाबी की बात करना ख्याली पुलाव पकाना है । किस्मत बनानी है तो अखाड़े में उतरना व खुद टिकाये रखना जरुरी है ।


10. सीमाये जाने (know limits)- ♦ एक आदमी सारे काम नही कर सकता, इसलिए अपनी क्षमता और सीमा को लेकर स्पष्ट रहे ।

दोस्तों हर व्यक्ति जीवन में success होने के लिए अनेक उपाय करता  है लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब हम अपना 100 फीसदी देंगे ।

दोस्तों आपको हमारे पोस्ट कैसे लगते है अपनी प्रतिक्रिया निचे कमेंट बॉक्स में जरूर दे । थैंक्स !!








Tuesday, September 22, 2015

कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi )

                                                                 
how to improve self confidance in hindi
Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi ) 

hi friends,

आज हम जानेगे की किसी भी कार्य को करने के लिए अपने आत्म विश्वास को बढ़ाना कितना जरुरी है ये हम सभी जानते है की बिना आत्मविश्वास कोई भी व्यक्ति सफल नही हो सकता । और सफलता का पैमाना अपने आत्मविश्वास से ही होके गुजरता है ।

यदि दलदली जमीन में खूंटा गाड़ा जाये तो वह कुछ समय तक तो खड़ा रहेगा, लेकिन बहुत जल्दी ही झुककर अंत में गिर जायेगा । दलदल में खूंटा गाड़ना तो आसान है, लेकिन उसे खड़ा रखना आसान नही है, जबकि ठीक इसके विपरीत ठोस जमीन में खूंटा गाड़ने के लिए मेहनत तो करनी पड़ेगी । गड्डा खोदना पड़ेगा और तब कहीं जाकर खूंटा गड़ेगा, लेकिन यदि एक बार गड़ गया, तो वह सेंकडो सालो तक उसी तरह खड़ा रहेगा, जैसा की आपने खड़ा किया था । 

आत्मविश्वास एक प्रकार से ठोस जमीन की तरह हैं, जिसमे हम अपने ज्ञान का खूंटा गाड़ते हैं। आत्मविश्वास का अर्थ अपनी आत्मा पर विश्वास करना नही हैं, बल्कि अपने आप पर विश्वास करना है । यहाँ "आत्म" शब्द का अर्थ "में" से है "आत्मा" से नहीं । जब हमारे अंदर आत्मविश्वास की ठोस जमीन तैयार हो जाती हो जाती है, तब हम जो कुछ भी सुनते है, पढ़ते है या कोई भी कार्य करते है उस पर हमारी पकड़ काफी मजबूत होती चली जाती है । इसके ठीक विपरीत यदि हम अंदर से डरे हुए हैं, हम हमेशा भूल जाने की आशंका से ग्रसित हैं, अपने को अंदर से कमजोर महसूस कर रहे हैं, तब इसका अर्थ ये हुआ की हमारे अंदर की जमीन दलदली है।  ऐसे दलदल में खूंटा मजबूती से नही गड़ेगा ।

ये भी पढ़े: जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

अपने आप पर विश्वास करना सीखिये की "हाँ में ये कर सकता हूँ", क्योंकि अपने आप पर विश्वास एक प्रकार की शक्ति होती है , ऊर्जा होती है । आपने महसूस किया होगा की जब आप विश्वास से भरे होते हैं, तब आपकी चाल बदल जाती है । आपके पैर अधिक मजबूती से उठते हैं और अधिक मजबूती से जमीन पर पड़ते है । ठीक इसी तरह जब आपमें आत्मविश्वास होता है, तब आपका मस्तिष्क भी पूरी तरह सतर्क और जागरूक हो जाता है । उसके पटल (screen) पर पड़ने वाली चीजो के बिम्ब बहुत गहरे और सपष्ट बनते है । यदि मन में यह भय रहेगा की " मुझे बात समझ में नही आ रही है", तो पक्का जानिए की वह बात समझ में नही आएगी । हो सकता है की आपको बात समझ में नही आ रही है । यदि ऐसा है तो आप खुद को सरेंडर मत कीजिये । परेशान न होइए की बात समझ में नही आ रही है, बल्कि अपने अंदर कुछ इस तरह की भावना लाइए की "मुझे इसे समझना है । मैं जानकर रहूँगा इसे ।" जैसे ही आप यह भावना लाएंगे, पाएंगे की आपका मन एक अलग ही तरह के जोश से भर गया है और जैसे ही यह होगा, आपका लक्ष्य सार्थक होने लगेगा ।

इसलिये हमेशा याद रखिये की जब भी कोई कार्य करे अपने आत्मविश्वास का दीपक जलाकर उस कार्य को करे । आत्मविश्वास की इसी रोशनी में अपने लक्ष्यों को अधिक चमक के साथ जिंदगी के पटल पर सफल हो सकेंगे । 

Thanks 

Monday, September 21, 2015

Hindi Story - जरूर पढ़े दिल को छूने वाली पोस्ट : सोम संवेदना- 1


hart touching hindi story
दोस्तों आज में आपके साथ शेयर कर रहा हूँ श्री वरुणेन्द्र त्रिवेदी जी लिखी हुई दिल को छूने वाली short hindi story- सोम संवेदना ! उम्मीद है ये short hindi story आपको जरूर पसंद आएगी ! आप वरुणेन्द्र त्रिवेदी से फेसबुक पर भी जुड़ सकते है !

                                  Hindi Story : सोम संवेदना

"भक्क ! ना जाने कहां से चले आते हैं हर चौराहे पर ,, पता नहीं कहां की पैदाइश हैं ,, माँ बाप जब पाल नहीं पाते तो अय्याशी ही क्यूं करते हैं ?"
सुनकर मेरा ध्यान सिग्नल पर मुझसे कुछ दूर खड़ी कार की ओर गया ।
"बाबूजी खाली 25 रुपिया दई देओ ,, अम्मा की दवाई लेएक है ,, उनकर सीना मा दरद है ,, घर मा साबुत रोटी नाय है ,, दवाई कहां से करी ,, 85 रुपिया जमा करे हन सबेरे ते 110 की दवाई है।"
उस 11-12
की लड़की ने अपनी आंखों से मटमैले गालों पर ढरक आए टेसुओं को बांह से रगड़ते हुए कहा ।
वो पढ़ा लिखा "आदमी" पूरी तरह खीझ गया था ,, झटके से नीचे उतरकर उसकी ओर गाली बकता मारने की मुद्रा मे बढ़ा ।
"ओ हैलो ,, भाईसाब ,, छू ना देना ,, बच्चा है ,, गरीब है ,, लेकिन मार खाने के लिए नहीं ,, मदद नहीं कर सकते तो चोट भी मत दो !"
मैने आपा खोकर ना चाहते हुए भी साहब की तेजी से दौड़ती "हैसियत" वाली लग्जरी कार मे एकदम से ब्रेक लगा दिया ,, उस कार मे जो उस बच्ची की "औकत" की साइकिल को टक्कर मारने तेजी से बढ़ रही थी ।
सिग्नल कब ग्रीन हो गया पता ही नहीं चला ,,
वो साहब मुझे घूरते हुए अपनी कार मे बैठे और निकल गए ।
मैने उस लड़की को बुलाया ,,
"इधर आओ ! बैठो पीछे , दवाई दिला देता हूं !"
वो डरी डरी सी आगे बढ़ी और फिर एकदम से सहमकर रुक गई ,
"कोई गलत जगह , गलत काम पर तो ना लै जैहो भैयाजी?"

You are Reading hindi Story- सोम संवेदना

उसके इस प्रश्न ने एक और समाज की बुराई से सामना करा दिया मेरा , लेकिन खुद को सोच से बाहर निकालते हुए मैने फिर कहा ,,
"पगली ! भैयाजी भी बोल रही हो और बेकार का सवाल भी पूछ रही हो ,, भाई समझकर नहीं ,, भाई मानकर बैठ जाओ ।"
वो मुस्कुराकर बाइक पर बैठ गई ,,
"बहुत बड़े आदमी बनिहौ आप भैयाजी एक दिन!"
"अच्छा ? वो काहे ?"
"बस ऐसेई , हमारी दुआ लगिहै!"
"हा हा हा !"
उसको आटा , चावल , दाल तथा दवाई लेकर देने के बाद विदा किया ,, पगली दूर तक हाथ हिलाती गई ,, मुड़ मुड़कर देखती मुस्कुराती रही ,,
और मैं ,, मेडिकल स्टोर वाले की ओर मुखातिब हुआ ,,
"चाचा ! पैसे कमाने के साथ साथ कभी कुछ अच्छे काम भी किया करिए , खुशी मिलेगी , बच्ची के पास 25 रु कम थे लेकिन दवाई तो देनी थी ना आपको !"
"जी भैयाजी ! बिजनेस और पैसे की होड़ ने इंसानियत मार दी ,, अगली बार से कोशिश करूंगा इंसान बन सकूं ।"
You are Reading hindi Story- सोम संवेदना

चाचा ने मुस्कुराते हुए कहा
इस घटना के दो दिन बाद ही फिर उसी रास्ते से गुजर रहा था कि उसकी जानी पहचानी आवाज सुनाई दी ,,
"भैयाजी ओ भैयाजी ,, रुको तनिक!"
बाइक रोककर पीछे मुड़ा तो पाया कि वो ही पगलिया दौड़ती हुई आ रही थी ,,
"क्या हुआ ? अम्मा कैसी हैं अब ?"
"ठीक हैं ,, बहुत ,, हमनेऊ एक बाबूजी के हिंया साफ सफाई को काम चालू कर दओ !"
"अरे वाह! ये तुमने बहुत अच्छा किया  थोड़ा पढ़ना भी शुरू करो ।"
"आप ऊ सब छोड़ो , पइले घरै चलो , अम्मा मिलना चाती हैं !"

ये भी पढ़े -  जरूर पढ़े - दिल को छूने वाली कहानी "बस कंडक्टर"

ना जाने क्यूं उसे मना नहीं कर सका और उसे बिठाकर उसके बताए रास्ते उसके घर पहुंचा ,,
उसकी अम्मा अब ठीक थीं , और रोटी सेंक रही थीं , मैं उसके साथ ही उस टीन से ढके कमरे मे झुककर घुसा जिसे वो घर कहती थी ,
उसकी अम्मा रोटी छोड़कर आईं और उनके हाथ मेरे पैरों की ओर बढ़े ,,
"अरे अम्मा ! क्या कर रही हैं , बेटे के समान हूं मैं आपके ,, पाप मे ना डालिए ।"
इसके बावजूद भी वो मुझे खटिया पर बैठाकर खुद नीचे बैठी बैठी दुआओं का अंबार लगाती रहीं और पगलिया कह रही थी ,
"का खिलाई तुमका भैयाजी , आपके खाए लाएक कुछ नाय है घर मा ?"
"क्यूं ये रोटी तो दिख रही है मुझे , मैं नहीं खा सकता , जहर मिलाकर बनाई है क्या अम्मा ने ?"
वो हंसी और दो रोटी तेल नमक मे चुपड़ लाई ,,
वास्तव में , असीम प्रेम था उन रोटिओं में , गजब का स्वाद , जो किसी भी बेहतरीन रेस्तरां के खाने मे नहीं मिलेगा आपको
खैर मैं उठकर बाहर आया और उन दोनो से विदा लेते हुए बाइक स्टार्ट की ,, चलने ही वाला था कि कुछ याद आ गया ,,
"अरे पगली ! नाम क्या है तुम्हारा ?"
"कमली भैयाजी ,, और आपका ?"
मैने बाइक बढ़ाते हुए उसे मुड़कर मुस्कुराते हुए जवाब दिया ,,
"तुम्हारा भैयाजी !" :-)

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मित्रो आपको ये hindi Story सोम सवेंदना कैसी लगी आप हमे कमेंट करके जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ भी इस पोस्ट को शेयर करे ।


Sunday, September 20, 2015

Thought of the day in hindi : वक्त की नजाकत

thought of the day in hindi

 Thought of the day in hindi
अगर मेंढक को गर्मा गर्म उबलते पानी में डाल दें तो वो छलांग लगा कर बाहर आ जाएगा और उसी मेंढक को अगर सामान्य तापमान पर पानी से भरे बर्तन में रख दें और पानी धीरे धीरे गरम करने लगें तो क्या होगा ?
क्या मेंढक फौरन मर जाएगा ?
जी नहीं.... ऐसा बहुत देर के बाद होगा... दरअसल होता ये है कि जैसे जैसे पानी का तापमान बढता है, मेढक उस तापमान के हिसाब से अपने शरीर को उसके अनुकूल करने लगता है।
पानी का तापमान, खौलने लायक पहुंचने तक, वो ऐसा ही करता रहता है। अपनी पूरी उर्जा वो पानी के तापमान से तालमेल बनाने में खर्च करता रहता है। लेकिन जब पानी खौलने को होता है और वो अपने उच्चतम ताप तक पहुंच जाता है, तब मेढक अपने शरीर को उसके अनुसार समायोजित नहीं कर पाता है, और अब वो पानी से बाहर आने के लिए, छलांग लगाने की कोशिश करता है।
लेकिन अब ये मुमकिन नहीं है। क्योंकि अपनी छलाँग लगाने की क्षमता के बावजूद , मेंढक ने अपनी सारी ऊर्जा वातावरण के साथ खुद को उसके अनुरूप करने में खर्च कर दी है। अब पानी से बाहर आने के लिए छलांग लगाने की शक्ति, उस में बची ही नहीं I वो पानी से बाहर नहीं आ पायेगा, और मारा जायेगा I इस बारे में जरा ठीक से गौर फरमाये की --
* मेढक क्यों मर जाएगा ? * कौन मारता है उसको ?
* पानी का तापमान या गरमी ? या * उसका स्वभाव ?
मेढक को मार देती है, उसकी असमर्थता सही वक्त पर ही फैसला न लेने की अयोग्यता । यह तय करने की उसकी अक्षमता कि कब पानी से बाहर आने के लिये छलांग लगा देनी है।
इसी तरह हम भी अपने वातावरण और लोगो के साथ सामंजस्य बनाए रखने की तब तक कोशिश करते हैं, जब तक की छलांग लगा सकने कि हमारी सारी ताकत खत्म नहीं हो जाती ।
लोग हमारे तालमेल बनाए रखने की काबिलियत को कमजोरी समझ लेते हैं। वो इसे हमारी आदत और स्वभाव समझते हैं। उन्हें ये भरोसा होता है कि वो कुछ भी करें, हम तो सामंजस्य कर ही लेंगे और वो तापमान बढ़ाते जाते हैं।
हमारे सारे इंसानी रिश्ते, राजनीतिक और सामाजिक भी, ऐसे ही होते हैं, पानी, तापमान और मेंढक जैसे। ये तय हमे ही करना होता है कि हम जल मे मरें या सही वक्त पर बाहर कूद निकलें।

सार :-- विचार करें, गलत-गलत होता है, सही-सही, गलत सहने की सामंजस्यता ही हमारी मौलिकता को ख़त्म कर देती है इसलिए न गलत सहे न गलत करे और जब ऐसा कोई मौका आ जाये तो तुरंत सोच विचार कर सही फैसला ले और वहाँ से अपने आप को अलग कर ले अर्थात उस पानी के मेंढक की तरह न करे वरन कूद कर बाहर आ जाये ।

Saturday, September 19, 2015

short hindi story - शिक्षाप्रद कहानी: अवसर

short hindi story शिक्षाप्रद कहानी: अवसर
short hindi story शिक्षाप्रद कहानी: अवसर
: Short Hindi Story :
 शिक्षाप्रद कहानी: अवसर

एक नौजवान आदमी एक किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास गया.किसान ने उसकी ओर देखा और कहा," युवक, तुम मेरे खेत में जाओ. मैं एक एक करके तीन बैल छोड़ने वाला हूँ. अगर तुम तीनों बैलों में से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो तो मैं अपनी बेटी की शादी तुम से कर दूंगा."नौजवान खेत में बैल की पूँछ पकड़ने की मुद्रा लेकर खडा हो गया.

 किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा खोला और एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला. नौजवान ने ऐसा बैल पहले कभी नहीं देखा था. उससे डर कर नौजवान ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल गया.

 दरवाजा फिर खुला. आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा और भयंकर बैल निकला. नौजवान ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था. फिर उसने एक ओर होकर बैल को निकल जाने दिया.  दरवाजा तीसरी बार खुला. नौजवान के चेहरे पर मुस्कान आ गई. इस बार एक छोटा और मरियल बैल निकला. जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूँछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले. पर उस बैल की पूँछ थी ही नहीं !


कहानी से सीख : ज़िन्दगी अवसरों से भरी हुई है. कुछ सरल हैं और कुछ कठिन. पर अगर एक बार अवसर गवां दिया तो फिर वह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा. अतः हमेशा प्रथम अवसर को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए....

दोस्तों आपको ये Story कैसी लगी कृपया कमेंटस में जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे । अब आप गूगल में Short Hindi Story in ignoredpost.com सर्च करके भी पढ़ सकते है । 

व्यंग्य : सरकारी नौकरी और सरकारी स्कूल

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जब से पत्नी जी ने यह सुना है कि सरकारी नौकरों( government employees ) (बुरा न मानें पर मुझे इससे अच्छा शब्द नहीं मिला) के बच्चे सरकारी स्कूलों( government schools ) में पढ़ेंगे तब से वह मुझ से किसी प्राइवेट कंपनी( private company ) के बॉस सा बर्ताव कर रही हैं। उनकी नज़र में अब मैं दोयम दर्ज़े का प्राणी हो गया हूँ। ऐसा नहीं है कि पहले की स्थिति स्विट्ज़रलैंड सरीखी थी। अंतर यह है कि पहले मैं बद था, अब बदतर हो गया हूँ। बच्चों के future की चिंता में उन्होंने दो दिन से makeup भी नहीं किया है। यह अपने आप में चिंतनीय और शोध का विषय है। वे प्रिय शोधेच्छु जिन्हें शोध का topic न मिल पा रहा हो इससे लाभान्वित हो सकते हैं।

पत्नी जी ने मुझ से प्रश्न किया (पत्नियाँ सिर्फ़ प्रश्न करती हैं और पति सिर्फ़ उत्तर देते हैं वह भी असंतोषजनक) कि यदि हमारे बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने लगेंगे तो अपने status का क्या होगा? क्या society में हमारी नाक नहीं कट जाएगी?” मैंने झट से अपनी नाक को हाथ से स्पर्श कर के देखा। वह अभी भी सही जगह पर थी। मैं मुस्कुराया और बोला ― “प्रिये! इसमें बुरा क्या है। यदि IAS और PCs के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो इससे सरकारी शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और अपने देश की दशा सुधरेगी।”

पत्नी जी ― “और अपने बच्चों की?”

“जब शिक्षा की दशा सुधरेगी तो अपनों की भी अपने आप सुधर जाएगी।” मैंने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा।

“कोई जादू की छड़ी है क्या जो रातों रात स्थिति बदल जाएगी? इसे बदलने में कई वर्ष लग जाएंगे और कोई guarantee भी नहीं कि यह बदल ही जाए। तब तक अपने बच्चों का क्या होगा? सरकारी विद्यालयों में न तो शौचालय हैं और न ही पीने का साफ़ पानी। इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पे टपकती हुई छत और सीलन भरी दीवार भर है। मेरा बेटा क्या ऐसी जगह पढ़ेगा? और उसे क्या वहां का खाना भी खाना होगा? मैं तो अपने बेटे से साफ़ मना कर दूंगी कि वहाँ का कुछ भी न खाए। पता नहीं दाल में से कौन सा जीव कब बाहर निकल आए…”

“अरे तुम नाहक ही परेशान हो रही हो! कुछ दिनों में इन स्कूलों की दशा इतनी बेहतरीन हो जाएगी कि सरकार को आदेश पारित करवाना पड़ जाएगा कि सरकारी स्कूलों में सिर्फ़ सरकारी कर्मचारियों के बच्चे ही पढ़ेंगे। तब देखना कि टाटा, बिड़ला और अम्बानी के बच्चे भी इन स्कूलों में पढ़ने के लिए कैसे तरसते हैं। इनके बच्चे अपने पिता जी से निराश हो कर कहेंगे कि क्या पिता जी… आप भी न… कोई छोटी-मोटी सरकारी नौकरी नहीं सकते थे? देखना, तब तुम्हें मुझ पर गर्व होगा।” मैंने अपने कंधे उचकाते हुए कहा।

पत्नी जी बिफर पड़ीं ― “light चली जाने पर newspaper से हवा करने वालों के मुंह से हवादार बातें अच्छी नहीं लगतीं… जाओ पहले अपने महाविद्यालय की दशा सुधरवा लो! एक नल तक नहीं है तुम्हारे कॉलेज में… इतने पानीदार होते तो चुल्लू भर पानी में डूब मरते!”

तिनके की तलाश ज़रूरी हो चली थी। मैंने पाला बदला। “तुम शायद एक चीज भूल रही हो… हमारे साथ नेता भी हैं और जिसके साथ नेता हों उनका बाल भी बांका नहीं हो सकता। हमारे तुम्हारे बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ सकते हैं पर ऐसा बिलकुल भी नहीं हो सकता कि यही चीज वो अपने बच्चों के साथ भी होने दें। वे कुछ न कुछ रास्ता निकाल ही लेंगे। देखो पहले पोर्न पर प्रतिबन्ध लगा मगर फिर हटा लिया गया। इसलिए आशावादी बनो। चीजें आती हैं और जाती रहती हैं। यह तो सृष्टि का नियम है और पृथ्वी पर नेता सृष्टिकर्ता से कम नहीं।”

पत्नी जी की चिंता कुछ कम हुई। “हाँ अब तो उन्हीं का भरोसा है। काश! मेरी भी शादी किसी नेता से हुई होती…” यह कहते हुए पत्नी जी चाय बनाने चली गयीं।

मेरे छोटे से मस्तिष्क में कुछ बड़े-बड़े प्रश्न टहल रहे थे मसलन क्या सरकारी नौकरी मिलने की ख़ुशी में अब भी मिठाई बांटी जाएगी…

Business में Success होना है तो याद रखिये ये 4 सबक

tips to success in business
4 tips to success in business

World की कुछ जानी-मानी companies के CEO's दे रहे हैं कुछ बेहद ज़रूरी tips जो हमें भी अपना Business सफल बनाने में मदद कर सकती हैं। आइये देखते हैं इन्हे :

टाइम को करें मैनेज :

स्टारबक्स के चेयरमैन और सीईओ हावर्ड डी शुल्ज़ समय के पाबन्द हैं और अपनी टीम से भी यही अपेक्षा रखते है की समय का पूरा ख़याल रखा जाए | वह कहते है कि  समय को मैनेज करना एक कला है ज्यादातर लोग इसे नजरंदाज कर  देते हैं  जबकि जो  सफल लोग होते है वह कभी भी समय न होने का बहाना नहीं बनातें है | क्यूंकि अगर आप समय पर काम पूरा करने के लिए एक योजना बनातें है तो आप कभी भी असफल या विफल नही होंगे | इसका सीधा सीधा तात्पर्य पहले से तैयारी करने से है यदि आप किसी कार्य के लिए पहले से तैयारी करते है तो आपके सफल होने के चांस और बढ़ जाते है और इससे आपको सफल होने का एक मार्ग मिल जाता है |

पैसे को समझें :



बिजनेसमैन और इन्वेस्टर मार्क क्यूबन कहते हैं  कि  अगर आपको पता नही है कि पैसा कैसे काम करता है तो आप पैसा नही कमा सकते आज इन्टरनेट पर ऐसी कई साईटस हैं , जहाँ आप फाइनेंसियल जगत की गतिविधियों को समझ सकते है | आपको पता होना चाहिए कि  दुनियाभर के लोग कैसे पैसा कमा रहे हैं  | इससे आप खुद के लिए एक बेस तैयार कर पाते है| अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते है तो आपको समझना जरूरी है कि दुनिया में किस तरह से पैसा बढ़ रहा है  | यह आपको अपना काम एक अच्छे ढंग से करने में काफी मदद कर सकता है क्यूंकि यदि आपको पैसे की समझ ही नही तो आप कैसे जानेंगे कि आप क्या कैसे करेंगे और आपका भविष्य का प्लान क्या होगा | क्यूंकि यह सब पैसे पर निर्भर करता है तो इसलिए आपको इसे समझना बेहद जरूरी है |

बिजनेस में रिस्क लें :



स्पेसएक्स के संस्थापक एलान मॉस्क कहते हैं  कि चाहे आपको पहले से पता हो की सफलता नही मिलेगी तो भी  आप रुकिए नही बल्कि प्रयास करिए जब आप प्रयास करते है तो काम की बारीकियों को सीखने लगते है और अगर आपका आधार  मजबूत है, तो आप  जरूर सफल होंगे इसका सीधा-सीधा कारण यह है कि  जब आप प्रयास करेंगे तो आप चीजों को अच्छे तरीके से जानेंगे और अच्छी तरह से समझ पायेंगे जो की आपकी सफलता में  काफी सहायक होगी ।

सेल्फ मोटिवेशन जरूरी :



याहू! की सीईओ मारिसा मेयर कहती हैं कि  दुनिया मैं दो तरह की  प्रेरणा है – : अंदरूनी और बाहरी। अगर बाहरी प्रेरणा न मिले तो अंदरूनी प्रेरणा को कायम जरूर रखे | मारिसा कहती हैं कि जब आप अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर असल दुनिया की अपेक्षाओं के साथ तालमेल बैठते हैं तो आप दोगुनी गति से सफल होते है और यही आपको सफल बनाने में काफी मददगार होगा |




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Post Courtesy -  AchchiKhabar


Friday, September 18, 2015

Hindi Story - एक बच्चे का आत्मसम्मान


         Must Read : Hart touching Hindi Story

किसी कोठी के गेट पर पङी गाय को खिलाने वाली दो रोटी उस मैले कुचैले बच्चे ने उठा ली है !
मुस्करा रहा है वो, संतुष्ट है, लगता है जैसे पगले ने अरबों की दौलत कमा ली है !!
बहुत छोटी सी सुकुमार उम्र, पर आँखे भीतर को धँसी हुई हैं!


फटी अद्धी शर्ट पैंट देह पर बेतरतीब लटकी,, नहीं नहीं,, फँसी हुई है !! मैने सोचा वो पगला भूखा होगा,,, रोटी मिली है,, शायद अभी बैठकर खाएगा !


hindi-story-ek-bache-ka-aatmsamman

लेकिन ये क्या,,, वो तो रोटियाँ झोले में रख रहा है,,, ना जाने कहाँ ले जाएगा ?? मेरा मन बस इसी प्रश्न का उत्तर जानने हेतु उत्सुक बड़ा था,,, बरबस ही मुख से "ओय" निकल गया और वो डरा-डरा सा मेरी गाड़ी के पास खड़ा था ! वो इतना भयभीत था कि उसका पूरा शरीर कांप रहा था,,, मैं भी उसकी मनोदशा को भली भांति भाँप रहा था ! 


मैंने उससे प्यार से पूछा बेटा इन रोटियों का तुम क्या करोगे,, किसको खिलाओगे ये रोटियाँ और खुद भूखे मरोगे ? पता नहीं कौन सा दर्द भरा था उसके अन्दर ,,, फफक कर रो दिया,,, "साहब घर मे एक साल भर की बहन है और परसो मैने माँ को खो दिया" हे ईश्वर ! हे महाकाल ! ये नन्हा कितना जिम्मेदार कितना दिलेर है,,


 लोग मानते नहीं हैं भगवान पर आपके घर में भी अंधेर है ! कुछ सोचकर , 50 का एक नोट निकालकर उसकी ओर बढ़ाया ,, वो बोला , ना साहब ! अगर भीख मांगकर गुड्डी को खिलाया तो क्या खिलाया? इतना कहकर वो आत्मसम्मान से मानो थोड़ा सा अकड़ गया,, मुझे वहाँ विस्मित,,चिंतित,,ठगा सा छोड़ वो गरीब आगे बढ़ गया!! :-)

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Tuesday, September 15, 2015

Interview Tips in Hindi: Interview में सफल होने के 10 Tips

              Job Interview में सफल होने के 10 Tips

Hi friends,

आज  मैं  आपके  साथ  जॉब  इंटरव्यू  में  सफलता  पाने  के  लिए  ऐसी  10 बातें  share करूँगा  जो  मुझे  बेहद  ज़रूरी  लगती  हैं . इन  बातों के  अलावा  भी  कुछ  important tips हैं यह Post थोड़ी लंबी  है.  इसलिए यदि आप चाहें तो IgnoredPost.com को Bookmark या Favourites में list कर लें . ताकि यदि आप एक बार में पूरी post  न पढ़ पायें तो आसानी से फिर इस पेज पर आ सकें. वैसे Google में IgnoredPost.com search  करने पर भी आप दुबारा इस Page  पर आ सकते हैं.

इन  10 Tips में  आप  मेरे  Interview से  related अब  तक  के  experience का  निचोड़  देखेंगे . तो  आइये  जानते  हैं  इंटरव्यू  में  सफल   होने  के  लिए  किन  10 बातों  पर  ध्यान  देना  आवश्यक  है .
10-interview-tips-in-hindi
 success tips for job interview 


1)  CV /  Resume  को  बनाने  में   पूरी  सावधानी  बरतें :

आपकी  CV का  मकसद  अपने  potential employer को  यह  दिखाना  होना  चाहिए  की  क्यों  आप  इस  जॉब  के  लिए  best person हैं .आपकी  CV ही  आपसे  related वो  पहली  चीज  होती  है  जो  Interviewer के  सामने  जाती  है .कह  सकते  हैं  कि  उनकी  नज़रों  में  यही  आपका  first impression होता  है . अगर  interviewer को  CV अच्छी  नहीं  लगी , या  उसमे  बचकानी  mistakes दिखीं  तो  आपके  लिए  उसका  perception खाराब  हो  सकता  है . और  ये  भी  ध्यान  रखें कि  आपकी  छोटी  छोटी  बातें  कहीं   ना  कहीं  आपकी  बड़ी -बड़ी  हरकतों  की  ओर  भी  इशारा  करती  हैं . अगर  कोई  व्यक्ति  अपनी  CV बनाने   में  असावधान  है  तो  job में  भी  उसके  ऐसा  करने  के  काफी  chances हैं , और  ये  बात  interviewer अच्छी  तरह  से  जानता  है .

CV अच्छे  से  बनाना  इसलिए  भी  ज़रूरी  है  क्योंकि  ज्यादातर  companies में  पहले  CV के  basis पर  ही  candidates को  छांट दिया  जाता  है , और  अगर  आप   यहीं  छांट  गए  तो  बाकी  tips रखी  की  रखी  रह  जायेंगी . इसलिए  इस  most important step को  कत्तई  miss ना  करें .
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मैं  यहाँ  CV कैसे  बनाएं , ये  तो  नहीं  बता  सकता  पर  कुछ  important points ज़रूर  share कर  सकता  हूँ  जिस  पर  आपको  ध्यान  देना  चाहिए :

         आपकी  CV का  look professional होना  चाहिए .
         बड़े -बड़े  paragraph की  जगह  bullet points use करें  , ये   interviewer को  CV पढने  के  लिए  ज्यादा  प्रेरित  करते  हैं .
         कोई  भी  Spelling mistake नहीं  होनी  चाहिए .
         अगर  CV दो  page में  बन   सकती  है  तो  जबरदस्ती  उसे  चार  page का  ना  बनाएं .
         अलग -अलग  job के  हिसाब  से  अपनी  CV में  थोड़े – बहुत  बदलाव  करें .
         उन  points को  highlight करने  की  कोशिश  करें  जो  इस  job से  related हों.
         CV बनाने  के  बाद  दो-चार  लोगों  से  उसे  पढवा  लें .

2)   Job से  related theoretical knowledge को  special attention दें :

मैं  पिछले  5-6 साल  से  Insurance field से  related हूँ . इस  sector की  मुझे  ठीक – ठाक  knowledge है , पर  जब  कभी  कोई  interview schedule होता  है  तो  मैं  अपनी  पुरानी  books, PPTs, और  अन्य  resource material अच्छी  तरह  से  दोहराता  हूँ .

Job से  सम्बंधित  theoretical knowledge को  बराबर  importance दें , मैं  कुछ  ऐसे  लोगों  को  जानता  हूँ  जिनके  पास  practically काम  कैसे  होता  है  इस  बात  की  अच्छी  knowledge है  , पर  वो  technical terms और  theory में  lack करते  हैं  , और  इस  वजह  से  उन्हें  interview में  उतनी   सफलता  नहीं  मिल  पाती . आप  इस  तरह  की  गलती  ना  करें , और  theoretical knowledge को  कम  ना  आंकें .
अगर  मैं  अपनी  बात  करूँ  तो  interview की  पूरी  preparation का  60% time इसी  काम  में  देता  हूँ . यहाँ  पर  दिया  गया  effort और  चीजों  को  आसान  बना  देता  है , आपका  confidence बढ़  जाता  है , और  आप  जो  answers देते  हैं  उसमे  ये  साफ़  झलकता  भी  है . Interviewer भी  शुरआती  answers की  quality से   ही  जान  लेता  है  कि  आप  एक  well prepared candidate हैं  या  एक  casual candidate.

Interview को  कभी  casually नहीं  लेना  चाहिए , यह  एक  competition है , आपको  खुद  को  दूसरों  से  बेहतर  साबित  करना  होता  है . और  आप  किसी  भी  department में  कोताही नहीं  बरत  सकते .  इसलिए आप  जो भी  interview देने  जा  रहे  हैं  उस  field से  related theoretical knowledge पर  अतिरिक्त   ध्यान  दें .

मैं  यहाँ  practical knowledge को  इसलिए  emphasize नहीं  कर  रहा  हूँ  क्योंकि  यदि  आप  एक  fresher हैं  तो  आपसे  practical knowledge expected नहीं  है  और  यदि  आप  exeperienced हैं  तो  definitely आपके  पास  practical knowledge होगी  ही .

3) खुद  को  Employer की  जगह  रख  कर  देखें :

ये  सोचिये  कि  अगर  आप  Interviewer होते  तो  एक  ideal candidate के अन्दर क्या  खोजते . जो  job vacancy है  उसकी  specific need को  समझने  की  कोशिश  कीजिये , और  उन  needs को  पूरा  करने  के  लिए  जो  qualities चाहिएं  उसे  interview में   showcase कर  सकते  हैं.दूसरी तरफ आप उन qualities को छुपा भी सकते हैं जो इस जॉब के लिए फिट नहीं बैठतीं.

For example: अगर  Marketing जॉब  के  लिए  जा  रहे  हैं , तो  आपकी  travelling की  hobby को  आप  highlight कर  सकते  हैं , पर  यदि  आप  operations की  जॉब  के  लिए  जा  रहे  हैं  तो  आपको  इसे  highlight नहीं  करना  चाहिए . अलग -अलग  job requirements के  हिसाब से  आप  अपनी  CV में  बदलाव कर  सकते  हैं , और  उसे  और  भी  effective बना  सकते  हैं .

आम तौर  पर  कोई  interviewer आपके  confidence, subject knowledge और  stability , team में काम करने की क्षमता, इत्यादि  check करते  है .

कई  बार  ये  भी  होता  है  कि  आप  किसी  काम  के  लिए  overqualified होते  हैं  , जैसे  कि  अगर computer operator का  काम  है  और  कोई  MCA उस  जॉब के  लिए  interview दे  रहा  है , तो  भी  Employer उसे  select करने  में  हिचकेगा  , क्योंकि  उसकी  इस  job में  टिकने  के  आसार  कम  होंगे . इसलिए  अगर  job के  हिसाब  से  आपकी  qualification अधिक  है  तो  उसे  mention नहीं  करना  ही  ठीक  रहता  है .

इसी  तरह  जब  आप  खुद  को  employer की  जगह  रखकर  देखते हैं तो आपके  दिमाग  में  कई  बातें  आएँगी  और  आप उस  हिसाब  से  खुद को  तैयार  कर  सकते  हैं .
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4) Frequently Asked Questions( FAQs) की  तैयारी  ठीक  से  कर  लें :

Job  interviews में  कुछ  questions बहुत  ही  common होते  हैं , जो  लगभग  हर एक  interview में  पूछे  जाते  हैं . ऐसे  questions की  तैयारी  अच्छे  से   कर  लें  , और  साथ  ही साथ उन  questions के  बारे  में  भी  सोच  लें  जो  आपके  जवाब  के  बदले  आपसे  पूछे  जा  सकते  हैं .

यहाँ  मैं  ऐसे  questions की  एक  छोटी  सी  list दे  रहा  हूँ :

Tell me about Yourself ? / Walk me through you CV?/ Introduce yourself/ अपने  बारे  में  हमें  बताएं ?
Do you want to ask any question? / क्या आप  कोई  प्रश्न    पूछना  चाहते  हैं  .  ( Inerview के  अंत  में  ये  पूछा  जा  सकता  है .)
Tell us about your  current  job, what is your role?/  अपनी  मौजूदा  नौकरी  के  बारे  में  बताएं , आपका  काम  क्या  है ?
Why do you want to join this company? / आप  ये  company क्यों  join करना  चाहते  हैं ?
Why is there a gap in your studies/ job ? आपकी  पढाई /job में  gap क्यों  है ?
Why do you want to leave your current job? / आप  अपनी  मौजूदा  नौकरी  क्यों  छोड़ना  चाहते  हैं ?
What are your weaknesses / strengths ? / आपकी  weakness/ strength क्या  है ?
Why should we select you? /हम  आपका  चयन  क्यों करें  ?
Why did you chose this specialization? आपने  यह  specialization क्यों  किया ?
Why your marks are very low in xyz exam? Xyz exam में  आपके  marks इतने  कम  क्यों  हैं ?
What has been your biggest achievement till date? / अब  तक  की  आपकी  सबसे  बड़ी  achievement क्या  रही  है ?
इसके  अलावा  आपकी  industry से   related कुछ  common questions भी  पूछे  जा  सकते  हैं , इसलिए  ऐसे  प्रश्नों  की  study पहले  से  ही detail में  कर  लें .

In questions की  तैयारी  करने  का  मतलब  ये  नहीं  है  कि  इन्हें  रटा जाए . ये  इसलिए  है  कि  आपकी  mental clarity बनी  रहे . In questions के  answers की  एक  outline आपके  mind में  तैयार  होनी  चाहिए  , और  interview के  समय  उसे  अपने  शब्दों  में  बोलने  के  लिए  तैयार  रहना  चाहिए .

For example: अगर  कोई  अचानक  ही  आपसे  आपकी  strength पूछ  ले  तो  आप  कोई  ना  कोई  उत्तर  ज़रूर  दे  लेंगे  पर  हो  सकता  है   बाद  में   आपको  लगे  की  आप  अपनी  सबसे  बड़ी  खूबी  बताने  से  ही  चूक  गए  हैं , लेकिन  अगर  आप  पहले  से  prepared रहेंगे  तो  ऐसी  गलती  नहीं  होगी .
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5) Mind में  पूरा  interview process कई  बार  run कर  लें :

जब  भी  मुझे  interview देना  होता  है  तो उससे  पहले  मैं  4-5 बार  पूरा  का  पूरा  interview अपने  mind में  run कर  लेता  हूँ . और  ये  बहुत  ही  detailed होता  है .

इसमें  मैं  सुबह  उठने  से  लेकर  interview खत्म होने  तक  की  छोटी  से  छोटी  बात  के  बारे  में  सोचता  हूँ .ऐसा  करने  से  mind कई  चीजों  को  लेकर  बिलकुल  clear हो  जाता  है . जैसे  कि  कब  उठाना  है , क्या  revise करना  है , क्या  पहन  कर  जाना  है , कैसे  जाना  है , कब  तक  पहुचना  है , क्या -क्या  लेकर  जाना  है , कैसा  gesture रखना  है , कैसे  खुद  को  introduce करना  है , etc.

इसमें  सबसे  ज़रूरी  part होता  है  खुद  को  interviewer से  interact करते  हुए  visualize करना . मैं  अपने  मन में  सोचता  हूँ  कि  interviewer कोई  question पूछ  रहा  है , और  फिर  मैं  उसका  answer दे  रहा  हूँ .  ऐसा  करने  से  कई  बार  ऐसे  questions दिमाग  में  आ   जाते  हैं  जिनका  answer ठीक  से  नहीं   पता  होता ,और  तब  मैं  उन्हें  अच्छे  से  तैयार  कर  लेता  हूँ .

पता  नही  आपको  ये  technique कैसी  लगे  पर  मैं  जब  भी  इसे  करता  हूँ  इसका  कुछ  ना  कुछ  फायदा  ज़रूर  होता  है . अब  चाहे  वो  कोई  interview से  expected किसी  question का  दिमाग  में  आना  या  कोई  छोटी  सी  चीज  जैसे  कि  interview के  लिए  कपडे  प्रेस  करवाना …पर  कुछ  ना  कुछ  फायदा  होता  ज़रूर है .

6) Mock & Mirror Practice

MBA के  दौरान  campus selection से  पहले  मैंने  कई  बार  mock interviews दिए  थे , और  अपने  friend Dheeraj के  साथ  मिलकर  बहुत लोगों  के  mock interviews लिए  भी  थे , हमने  इन  interviews को  web-cam से  record भी  किया  था , जिसे  देखकर  लोगों  को  काफी  फायदा  हुआ   था . अगर  आपको  Interview देने  का  अधिक  अनुभव  नहीं  है  तो  आपको  भी  Mock Interviews जरूर  देने  चाहियें . मौक   interview conduct करने  के   लिए  आप  अपने  किसी  ऐसे  friend या  senior से  request कर  सकते  हैं  जो  आपको  एक   सही  feedback दे  सके . इस  activity को  बहुत  seriously कीजिये , ये  आपको  बहुत  कुछ  सीखा  सकती  है . क्योंकि  अक्सर  हम  खुद  जो  गलतियाँ  करते  हैं  वो  हमें  दिखाई  नहीं  देतीं , लेकिन  और  कोई  उन्ही  चीजों  को   आसानी  से  point कर  सकता  है .

ये  ध्यान  दें  कि  कहीं  इस  activity से   आपका  confidence कम  ना  हो .  यहाँ  interview लेने  वाले  को  समझदारी  दिखानी  होगी  कि  वो  आपकी  improvement areas भी  बताये  और  आपका  confidence भी  बढ़ाये . अगर  आपको  लगता  है  कि  इस  activity से  आपका  confidence lose हो  सकता  है  तो  इसे  ना  करें . इसकी  जगह  आप  खुद  शीशे  के  सामने  बैठ  कर  अपना  interview दें , और  चाहें  तो  उसे  अपने  mobile में  record भी  कर  लें . जब  आप  अपने  answers सुनेंगे  तो  आपको  खुद -बखुद  कुछ  improvement areas दिख  जायेंगी .

7) Non-Verbal Communication पर  ध्यान  दें :

हम  जो  communicate करते  हैं  वो  सामने  वाले  तक  दो  तरह  से  पहुँचता  है . Verbally और  Non-Verbally.

Verbally , यानि  जो  हम   बोलते  हैं  , या  लिखते  हैं , और  Non-Verbally बाकी  चीजें , हम  कैसे, किस  tone में  बोलते  हैं , हमारे  बैठने  का  तरीका , eye contact, even  हमारा  dressing sense. अलग -अलग  research के  मुताबिक़  हमारे  total communication में  सिर्फ  20% verbal होता  है  और  80% Non-verbal.

इसलिए  इस  80% पर  ध्यान  देना  बहुत  ज़रूरी  है . आपको   interviewer से  interact करते  वक़्त  कुछ  बातों  का  ध्यान  देना  होगा :

आपको  देखकर  लगे  की  आप  इस  job में  genuinely interested हैं .ऐसा  आप  अच्छे  से  dress up होकर  , time से  venue पर  पहुंच  कर  कर  सकते  हैं .
आपकी  आवाज़  dull नहीं  होनी  चाहिए , enthusiasm और  confidence show करना  बहुत  ज़रूरी  है .
पहली  बार  मिलते  वक़्त    हलकी  सी  smile ज़रूरी  है , और  interview के  दौरान  भी  आपको  एक  friendly gesture रखना  चाहिए .

Job के  लिए  आपका  जोश  आपकी  तैयारी  से  साफ़  झलकेगा , इसलिए  अपना  homework अच्छे  से  कर  के  interview देने  जाएं . Specially, company के  बारे  में  आपको  अच्छी  जानकारी  होनी  चाहिए  , और  आपकी  field से  related current developments भी  पता  होने  चाहिएं .

Note:अपना confidence level improve करने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.

8 ) Contradictory answers ना  दें  :

Interviewer आपकी  honesty  check करने  के  लिए  , या  बस  यूहीं  कुछ  ऐसे  प्रश्न    पूछ  सकते  हैं  जिनका  उत्तर  एक -दूसरे  से   related हो .

For example: अगर  आप  पहले  कह  चुके  हैं  कि  ये  आपकी  dream company है , पर  जब  ये  पूछा  जाता  है  कि  ये  company क्या – क्या   service देती  है  , और  आप  ठीक   से  नहीं  बता  पाते  हैं , तो  येही  message जाता  है  कि  एक  तरफ  तो  ये  आपकी  dream company है  और  दूसरी  तरफ  आप  इसके  बारे  में basic जानकारी भी नहीं रखते हैं तो  इसका  मतलब   आप  honest नहीं  हैं .

या  मान  लीजिये आपने  CV में  अपनी  hobby Playing Cricket लिखी  है , और  interview में  Playing Chess बताते  हैं  तो  definitely interviewer को  आप  पर  doubt होगा .

Interview में  सच  बोलना  ही  सही  रहता  है , पर  यदि  आप  excitement या  nervousness में  कुछ  अधिक  बोल  गए  हों  तो  उस  उत्तर पर टिके रहिये , और  पूरे  interview के  दौरान  उसे  contradict मत  करिए .
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9) जिस   भाषा   में  comfortable हों   उसी   में   इंटरव्यू  दें :

यदि  आप  English और हिंदी दोनों में  बात  करने  में  निपुण  हैं  तो  आप  ये  point skip कर  सकते  हैं  लेकिन  अगर  आप  अंग्रेजी में  comfortable नहीं  हैं  तो  आपके  लिए  एक  important point हो  सकता  है .

अगर  देखें  तो  आज -कल  ज्यादातर  job interviews English में  होते  हैं , लेकिन  कई  जगह  जहां  Hindi में  भी  interview हो  सकते  हैं  वहां  भी  लोग  English में  ही  interview देने  की  कोशिश  करते  हैं . देखिये , गलत  अंग्रेजी  बोलने  से  अच्छा  है  सही  हिंदी  बोलें.

हाँ , अगर  job ही  ऐसी  है  जहाँ  बिना  English के  काम  नहीं  चलने  वाला , जैसे  कि  International Call center, etc में ,तब  आप अंग्रेजी  में  ही  बात  करने  की  कोशिश  करें ,  लेकिन  अगर  कोई  ऐसी   job है  जहाँ  Hindi से  भी  काम  चल  सकता  है  तो  Hindi में  ही  बात  करें .  In fact interview के  शुरू  में  ही  आप  साक्षातकर्ता  से  पूछ  सकते  हैं  कि  Can I answer the questions in Hindi ? क्या  मैं  अपने  उत्तर  हिंदी  में  दे  सकता  हूँ ? ज्यादातर  case में  आपको  हाँ  में  ही  उत्तर  मिलना चाहिए  . और  फिर  आप  अपना  पूरा  Interview Hindi +English मिला  कर  दे  सकते  हैं . Actually, बहुत  सारी  jobs में  बस  आपको  English के  समझ  की  आवश्यकता  होती  है , भले  आप  उसे  बोल  ना  पाएं  लेकिन , सुनकर  या  पढ़कर  समझने  की  काबिलियत  भी  उस  काम   को  करने  के  लिए  पर्याप्त  होती  है , और  Interviewer भी  इस  बात  को  समझता  है.

ऐसा  करने  का  सबसे  बड़ा  लाभ  ये  है  कि  आप  स्वयं  को  अच्छे  से  व्यक्त  कर  पायेंगे  और  आपकी उस नौकरी   से  related जो भी  knowledge है  उसे  interviewer के  सामने  आसानी  से  ला  पाएंगे . और  जब  आप  ऐसा  करेंगे  तो  आपके  success के  chance निश्चित  रूप  से  बढ़  जायेंगे .

Note: अंग्रेजी बोलना सीखने के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं.

10) ये  सोच  कर  चलें  कि  Selection हुआ   तो  अच्छा  नहीं  तो  कुछ  इससे  भी  अच्छा  होगा :

Interview में  select होने  के  लिए  बहुत  over conscious मत  होइए . अगर  आप  select नहीं  होते  हैं  तो  भी  दुनिया  इधर  की  उधर  नहीं  होने  वाली , in fact कुछ  महीनों  बाद  शायद  आपको  याद  भी  ना  रहे  कि  आप  ऐसे किसी  interview में  appear हुए  थे . Positive attitude रखने  वाले  ये  मान  कर  चलते  हैं  कि  जो  होता है  अच्छा  होता  है.

मैंने  2010 में  Max Newyork Life में  trainer के  लिए  interview दिया  था , पर  सौभाग्य   से  मेरा selection उसमे  नहीं  हुआ . सौभाग्य   इसलिए  क्योंकि  उस  समय  जितने  भी  लोगों  को  as a trainer लिया  गया  था  उन्हें  market conditions ख़राब  होने  की  वजह से  6 महीने  के  अन्दर  निकाल  दिया  गया .वहीँ  दूसरी  ओर कुछ  दिनों  बाद  ही  मेरा  selection HCL Technologies में  हो  गया , जो  कि  work culture और  monetarily दोनों  तरह  से  मेरे  लिए  अच्छा  रहा , और  इस  job की  बदौलत  मुझे   Finland,Europe जाने  का  भी  मौका  मिला .

Friends, I hope कि  यहाँ  share की  गयी  बातें  आपके  काम  आएँगी  और  आप  इंटरव्यू  में  अपनी  success rate को  पहले  से  improve कर  पायेंगे .  मुझे  आपके  feedback और  इंटरव्यू   से  related questions का  इंतज़ार  रहेगा .

आप  comments के  द्वारा  questions पूछ  सकते  हैं  या  ekummid067@gmail.com पर  अपने  question mail कर  सकते  हैं . आपके  questions जितने   generic और  संक्षिप्त  हों  उतना  अच्छा  रहेगा .

आज  की  पोस्ट  मैं  यहीं conclude करूँगा , जल्द ही आपके लिए नई पोस्ट लेकर  फिर  हाज़िर  होऊंगा . Take care.
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Post Courtesy - Achhikhabar
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Success Tips in Hindi: जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

Must Read : How to get success in life in hindi

How to get success in life in hindi
दोस्तों आज में आपके साथ ऐसा पोस्ट शेयर कर रहा हूँ जो आपकी जिंदगी बदल सकता है अगर आप इस पोस्ट के हर पॉइंट्स को ध्यान से पढेंगे और उसे अपनी जिन्दगी में अपनाओगे तो निश्चित रूप से आप कोई भी लक्ष्य को पूरा करने में सफल होंगे | ये पोस्ट स्टेफन कवे की लिखी किताब The 7 Habits of Highly Effective People का हिंदी translation है और शायद आपको पता होगा की स्टेफन कवे की ये किताब दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद और खरीदी जाने वाली किताबो में से एक है में इस पूरी किताब का सार आपके साथ शेयर कर रहा हूँ !

दोस्तों ये पोस्ट पढकर यदि आपको लगता है कि वाकई करोड़ों लोगों की तरह आप भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं तो बिना किसी झिझक के इस book को ज़रूर खरीदें.
                                                        
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जिंदगी में सफल होना है तो अपनाइये इन सात आदतो को

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने काअर्थ है खुद को renew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करके renew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentally और spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.

आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.

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Note: It was a summary of “The Seven Habits of Highly Effective People”in Hindi. Please read the complete book to benefit more.
Note: हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.

निवेदन : कृपया अपने comments के through बताएं की Stephen R Covey की लिखी book “The Seven Habits of Highly Effective People” की summary Hindi में आपको कैसी लगी.

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आपकी ज़िन्दगी बस यूँ ही नहीं घट जाती. चाहे आप जानते हों या नहीं , ये आप ही के द्वारा डिजाईन की जाती है. आखिरकार आप ही अपने विकल्प चुनते हैं. आप खुशियाँ चुनते हैं . आप दुःख चुनते हैं.आप निश्चितता चुनते हैं. आप अपनी अनिश्चितता चुनते हैं.आप अपनी सफलता चुनते हैं. आप अपनी असफलता चुनते हैं.आप साहस चुनते हैं.आप डर चुनते हैं.इतना याद रखिये कि हर एक क्षण, हर एक परिस्थिति आपको एक नया विकल्प देती है.और ऐसे में आपके पास हमेशा ये opportunity होती है कि आप चीजों को अलग तेरीके से करें और अपने लिए और positive result produce  करें.

Habit 1 : Be Proactive / प्रोएक्टिव बनिए
Proactive  होने का मतलब है कि अपनी life के लिए खुद ज़िम्मेदार बनना. आप हर चीज के लिए अपने parents  या  grandparents  को नही blame कर सकते . Proactive  लोग इस बात को समझते हैं कि वो “response-able” हैं . वो अपने आचरण के लिए जेनेटिक्स , परिस्थितियों, या परिवेष को दोष नहीं देते हैं.उन्हें पता होताहै कि वो अपना व्यवहार खुद चुनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ जो लोग reactive  होते हैं वो ज्यादातर अपने भौतिक वातावरण से प्रभावितहोते हैं. वो अपने behaviour  के लिए बाहरी चीजों को दोष देते हैं. अगर मौसम अच्छा है, तोउन्हें अच्छा लगता है.और अगर नहीं है तो यह उनके attitude और  performance  को प्रभावित करता है, और वो मौसम को दोष देते हैं. सभी बाहरी ताकतें एक उत्तेजना  की तरह काम करती हैं , जिन पर हम react करते हैं. इसी उत्तेजना और आप उसपर जो प्रतिक्रिया करते हैं के बीच में आपकी सबसे बड़ी ताकत छिपी होती है- और वो होती है इस बात कि स्वतंत्रता कि आप  अपनी प्रतिक्रिया का चयन स्वयम कर सकते हैं. एक बेहद महत्त्वपूर्ण चीज होती है कि आप इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि आप क्या बोलते हैं.आप जो भाषा प्रयोग करते हैं वो इस बात को indicate  करती है कि आप खुद को कैसे देखते हैं.एक proactive व्यक्ति proactive भाषा का प्रयोग करता है.–मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा, etc. एक reactive  व्यक्ति reactive  भाषा का प्रयोग करता है- मैं नहीं कर सकता, काश अगर ऐसा होता , etc. Reactive  लोग  सोचते हैं कि वो जो कहते और करते हैं उसके लिए वो खुद जिम्मेदार नहीं हैं-उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
ऐसी परिस्थितियां जिन पर बिलकुल भी नहीं या थोड़ा-बहुत control किया जा सकता है , उसपर react या चिंता करने के बजाये proactive  लोग अपना time  और  energy  ऐसी चीजों में लगाते हैं जिनको वो  control  कर सकें. हमारे सामने जो भी समस्याएं ,चुनतिया या अवसर होते हैं उन्हें हम दो क्षेत्रों में बाँट सकते हैं:

1)Circle of Concern ( चिंता का क्षेत्र )

2)Circle of Influence. (प्रभाव का क्षेत्र )

Proactive  लोग अपना प्रयत्न Circle of Influence पर केन्द्रित करते हैं.वो ऐसी चीजों पर काम करते हैं जिनके बारे में वो कुछ कर सकते हैं: स्वास्थ्य , बच्चे , कार्य क्षेत्र कि समस्याएं. Reactive  लोग अपना प्रयत्न Circle of Concern पर केन्द्रित करते हैं: देश पर ऋण , आतंकवाद, मौसम. इसबात कि जानकारी होना कि हम अपनी energy किन चीजों में खर्च करते हैं, Proactive  बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है

Habit 2: Begin with the End in Mind  अंत को ध्यान में रख कर शुरुआत करें.

तो , आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? शायद यह सवाल थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन आप इसके बारे में एक क्षण के लिए सोचिये. क्या आप अभी वो हैं जो आप बनना चाहते थे, जिसका सपना आपने देखा था, क्या आप वो कर रहे हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे. इमानदारी से सोचिये. कई बार ऐसा होता है कि लोग खुद को ऐसी जीत हांसिल करते हुए देखते हैं जो दरअसल खोखली होती हैं–ऐसी सफलता, जिसके बदले में उससे कहीं बड़ी चीजों को  गवाना पड़ा. यदि आपकी सीढ़ी सही दीवार पर नहीं लगी है तो आप जो भी कदम उठाते हैं वो आपको गलत जगह पर लेकर जाता है.

Habit 2  आपके imagination या  कल्पना  पर आधारित है– imagination , यानि आपकी वो क्षमता जो आपको अपने दिमाग में उन चीजों को दिखा सके जो आप अभी अपनी आँखों से नहीं देख सकते. यह इस सिधांत पर आधारित है कि हर एक चीज का निर्माण दो बार होता है. पहला mental creation, और दूसरा physical creation. जिस  तरह blue-print तैयार होने केबाद मकान बनता है , उसी प्रकार mental  creation  होने के बाद ही physical creation होती है.अगर आप खुद  visualize  नहीं करते हैं कि आप क्या हैं और क्या बनना चाहते हैं तो आप, आपकी life कैसी होगी इस बात का फैसला औरों पर और परिस्थितियों पर छोड़ देते हैं. Habit 2  इस बारे में है कि आप किस तरह से अपनी विशेषता को पहचानते हैं,और फिर अपनी personal, moral और  ethical  guidelines के अन्दर खुद को खुश रख सकते और पूर्ण कर सकते हैं.अंत को ध्यान में रख कर आरम्भ करने का अर्थ है, हर दिन ,काम या project  की शुरआत एक clear vision  के साथ करना कि हमारी क्या दिशा और क्या मंजिल होनी चाहिए, और फिर proactively  उस काम को पूर्ण करने में लग जाना.
Habit 2  को practice मेंलाने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपना खुद का एक Personal Mission Statement बनाना. इसका फोकस इस बात पर होगा कि आप क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं.ये success के लिए की गयी आपकी planning है.ये इस बात की पुष्टिकरता है कि आप कौन हैं,आपके goals को focus  में रखता है, और आपके ideas  को इस दुनिया में लाता है. आपका Mission Statement आपको अपनी ज़िन्दगी का leader बनाता है. आप अपना भाग्य खुद बनाते हैं, और जो सपने आपने देखे हैं उन्हें साकार करते हैं.

Habit 3 : Put First Things First प्राथमिक चीजों को वरीयता दें

एक balanced life  जीने के लिए, आपको इस बात को समझना होगा कि आप इस ज़िन्दगीमें हर एक चीज नहीं कर सकते. खुद को अपनी क्षमता से अधिक कामो में व्यस्त करने की ज़रुरत नहीं है. जब ज़रूरी हो तो “ना” कहने में मत हिचकिये, और फिर अपनी important priorities पर focus  कीजिये.
Habit 1  कहतीहै कि , ” आप in charge हैं .आप creator हैं”. Proactive होना आपकी अपनी choice है. Habit 2 पहले दिमाग में चीजों को visualize  करने के बारे में है. अंत को ध्यान में रख कर शुरआत करना vision से सम्बंधित है. Habit 3  दूसरी creation , यानि  physical creation  के बारे में है. इस habit में Habit 1 और Habit 2  का समागम होता है. और यह हर समय हर क्षण होता है. यह Time Management  से related कई प्रश्नों को  deal  करता है.

लेकिन यह सिर्फ इतना ही नहीं है. Habit 3  life management  के बारे में भी है—आपका purpose, values, roles ,और priorities. “प्राथमिक चीजें” क्या हैं?  प्राथमिक चीजें वह हैं , जिसको आप व्यक्तिगत रूप से सबसे मूल्यवान मानते हों. यदि आप प्राथमिक कार्यों को तरजीह देने का मतलब है कि , आप अपना समय , अपनी उर्जा Habit 2  में अपने द्वारा set की गयीं priorities पर लगा रहे हैं.

Habit 4: Think Win-Win  हमेशा जीत के बारे में सोचें
Think Win-Win अच्छा होने के बारे में नहीं है, ना ही यह कोईshort-cut है. यहcharacter पर आधारित एक कोड है जो आपको बाकी लोगों सेinteract और सहयोग करने के लिए है.
हममे से ज्यादातर लोग अपना मुल्यांकन दूसरों सेcomparison और  competition  के आधार पर करते हैं. हम अपनी सफलता दूसरों की असफलता में देखते हैं—यानि अगर मैं जीता, तो तुम हारे, तुम जीते तो मैं हारा. इस तरह life एकzero-sum game बन जाती है. मानो एक ही रोटी हो, और अगर दूसरा बड़ा हिस्सा ले लेता है तो मुझे कम मिलेगा, और मेरी कोशिश होगी कि दूसरा अधिक ना पाए. हम सभी येgame  खेलते हैं, लेकिन आप ही सोचिये कि इसमें कितना मज़ा है?
Win -Win ज़िन्दगी कोco-operation की तरह देखती है, competition कीतरह नहीं.Win-Win दिल और दिमाग की ऐसी स्थिति है जो हमेंलगातार सभी काहित सोचने के लिए प्रेरित करती है.Win-Win का अर्थ है ऐसे समझौते और समाधान जो सभी के लिए लाभप्रद और संतोषजनक हैं. इसमें सभी   खाने को मिलती है, और वो काफी अच्छाtaste  करती है.
एक व्यक्ति या संगठन जो Win-Win attitude  के साथ समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है उसके अन्दर तीन मुख्य बातें होती हैं:
Integrity / वफादारी :अपने values, commitments औरfeelings के साथ समझौता ना करना.
Maturity / परिपक्वता :  अपने ideas और feelings  को साहस के साथ दूसरों के सामने रखना और दूसरों के विचारों और भावनाओं की भी कद्र करना.
Abundance Mentality / प्रचुरता की मानसिकता :इस बात में यकीन रखना की सभी के लिए बहुत कुछ है.
बहुत लोग either/or  केterms  में सोचते हैं: या तो आप अच्छे हैं या आप सख्त हैं. Win-Win में दोनों की आवश्यकता होती है. यह साहस और सूझबूझ के बीच balance  करने जैसा है.Win-Win को अपनाने के लिए आपको सिर्फ सहानभूतिपूर्ण ही नहीं बल्कि आत्मविश्वाश से लबरेज़ भी होना होगा.आपको सिर्फ विचारशील और संवेदनशील ही नहीं बल्कि बहादुर भी होना होगा.ऐसा करनाकि –courage और  consideration में balance  स्थापित हो, यही real maturity  है, और Win-Win  के लिए बेहद ज़रूरी है.

ये भी पढ़े - Motivational Post : कैसे बढ़ाये अपने आत्मविश्वास को ( How to Improve self confidence in Hindi )

Habit 5: Seek First to Understand, Then to Be Understood / पहले दूसरों को समझो फिर अपनी बात समझाओ.
Communication  लाइफ की सबसे ज़रूरी skill  है. आप अपने कई साल पढना-लिखना और बोलना सीखने में लगा देते हैं. लेकिन सुनने का क्या है? आपको ऐसी कौनसी training  मिली है, जो आपको दूसरों को सुनना सीखाती है,ताकि आप सामने वाले को सच-मुच अच्छे से समझ सकें? शायद कोई नहीं? क्यों?
अगर आप ज्यादातर लोगों की तरह हैं तो शायद आप भी पहले खुद आपनी बात समझाना चाहते होंगे. और ऐसा करने में आप दुसरे व्यक्तिको पूरी तरह ignore कर देते होंगे , ऐसा दिखाते होंगे कि आप सुन रहे हैं,पर दरअसल आप बस शब्दों को सुनते हैं परउनके असली मतलब को पूरी तरह से miss  कर जाते हैं.

सोचिये ऐसा क्यों होता है? क्योंकि ज्यादातर लोग इस intention  के साथ सुनते हैं कि उन्हें reply  करना है, समझना नहीं है.आप अन्दर ही अन्दर खुद को सुनते हैं और तैयारी  करते हैं कि आपको आगे क्या कहना है,क्या सवाल पूछने हैं, etc. आप जो कुछ भी सुनते हैं वो आपके life-experiences  से छनकर आप तक पहुचता है.
आप जो सुनते हैं उसे अपनी आत्मकथा से तुलना कर देखते हैं कि ये सही है या गलत. और इस वजह से आप दुसरे की बात ख़तम होने से पहले ही अपने मन में एक धारणा बना लेते हैं कि अगला क्या कहना चाहता है.  क्या ये वाक्य कुछ सुने-सुने से लगते है?
“अरे, मुझे पता है कि तुम कैसा feel  कर रहे हो.मुझे भी ऐसा ही लगा था.” “मेरे साथ भी भी ऐसा ही हुआ था.” ” मैं तुम्हे बताता हूँ कि ऐसे वक़्तमें मैंने क्या किया था.”
चूँकि आप अपने जीवन के अनुभवों के हिसाब से ही दूसरों को सुनते हैं. आप इन चारों में से किसी एक तरीके से ज़वाब देते हैं:
Evaluating/ मूल्यांकन:पहले आप judge करते हैं उसके बाद सहमत या असहमत होते हैं.
Probing / जाँच :आप अपने हिसाब से सवाल-जवाब करते हैं.
Advising/ सलाह :आप सलाह देते हैं और उपाय सुझाते हैं.
Interpreting/ व्याख्या :आप दूसरों के मकसद और व्यवहार को अपने experience के हिसाब से analyze करते हैं.
शायदआप सोच रहे हों कि, अपनेexperience के हिसाब से किसी सेrelate करने में बुराई क्याहै?कुछsituations में ऐसा करना उचित हो सकत है, जैसे कि जब कोई आपसे आपके अनुभवों के आधार पर कुछ बतानेके लिए कहे, जब आप दोनों के बीच एकtrust कीrelationship हो. पर हमेशा ऐसा करना उचित नहीं है.

Habit 6: Synergize / ताल-मेल बैठाना

सरल शब्दों में समझें तो , “दो दिमाग एक से बेहतर हैं ” Synergize करने का अर्थ है रचनात्मक सहयोग देना. यह team-work है. यह खुले दिमाग से पुरानी समस्याओं के नए निदान ढूँढना है.

पर ये युहीं बस अपने आप ही नहीं हो जाता. यह एक process है , और उसी process से, लोग अपनेexperience और expertise को उपयोग में ला पाते हैं .अकेले की अपेक्षा वो एक साथ कहीं अच्छाresult दे पाते हैं. Synergy से हम एक साथ ऐसा बहुत कुछ खोज पाते हैं जो हमारे अकेले खोजने पर शायद ही कभी मिलता. ये वो idea है जिसमे the whole is greater than the sum of the parts. One plus one equals three, or six, or sixty–या उससे भी ज्यादा.

जब लोग आपस में इमानदारी से interact करने लगते हैं, और एक दुसरे से प्रभावित होने के लिए खुले होते हैं , तब उन्हें नयी जानकारीयाँ मिलना प्रारम्भ हो जाता है. आपस में मतभेद नए तरीकों के आविष्कार की क्षमता कई गुना बढ़ा देते हैं.

मतभेदों को महत्त्व देना synergy का मूल है. क्या आप सच-मुच लोगों के बीच जो mental, emotional, और psychological differences होते हैं, उन्हें महत्त्व देते हैं? या फिर आप ये चाहते हैं कि सभी लोग आपकी बात मान जायें ताकि आप आसानी से आगे बढ़ सकें? कई लोग एकरूपता को एकता समझ लेते हैं. आपसी मतभेदों को weakness नहीं strength के रूप में देखना चाहिए. वो हमारे जीवन में उत्साह भरते हैं.

Habit 7: Sharpen the Saw कुल्हाड़ी को तेज करें

Sharpen the Saw का मतलब है अपने सबसे बड़ी सम्पत्ति यानि खुद को सुरक्षित रखना. इसका अर्थ है अपने लिए एक प्रोग्राम डिजाईन करना जो आपके जीवन के चार क्षेत्रों physical, social/emotional, mental, and spiritual में आपका नवीनीकरण करे. नीचे ऐसी कुछ activities केexample दिए गए हैं:

 Physical / शारीरिक :अच्छा खाना, व्यायाम करना, आराम करना
 Social/Emotional /:सामजिक/भावनात्मक :औरों के ससाथ सामाजिक और अर्थपूर्ण सम्बन्ध बनाना.
 Mental / मानसिक :पढना-लिखना, सीखना , सीखना.
 Spiritual / आध्यात्मिक :प्रकृति के साथ समय बीताना , ध्यान करना, सेवा करना.

आप जैसे -जैसे हर एक क्षेत्र में खुद को सुधारेंगे, आप अपने जीवन में प्रगति और बदलाव लायेंगे.Sharpen the Saw आपको fresh रखता है ताकि आप बाकी की six habits अच्छे से practice कर सकें. ऐसा करने से आप challenges face करने की अपनी क्षमता को बढ़ा लेते हैं. बिना ऐसा किये आपका शरीर कमजोर पड़ जाता है , मस्तिष्क बुद्धिरहित हो जाता है, भावनाए ठंडी पड़ जाती हैं,स्वाभाव असंवेदनशील हो जाता है,और इंसान स्वार्थी हो जाता है. और यह एक अच्छी तस्वीर नहीं है, क्यों?

आप अच्छा feel करें , ऐसा अपने आप नहीं होता. एक balanced life जीने का अर्थ है खुद को renew करने के लिए ज़रूरी वक़्त निकालना.ये सब आपके ऊपरहै .आप खुद को आराम करके renew कर सकते हैं. या हर काम अत्यधिक करके खुद को जला सकते हैं . आप खुद को mentally और spiritually प्यार कर सकते हैं , या फिर अपने well-being से बेखबर यूँ ही अपनी ज़िन्दगी बिता सकते हैं.आप अपने अन्दर जीवंत उर्जा का अनुभव कर सकते हैं या फिर टाल-मटोल कर अच्छे स्वास्थ्य और व्यायाम के फायदों को खो सकते हैं.

आप खुद को पुनर्जीवित कर सकते हैं और एक नए दिन का स्वागत शांति और सद्भावके साथ कर सकते हैं.या फिर आप उदासी के साथ उठकर दिन को गुजरते देख सकतेहैं. बस इतना याद रखिये कि हर दिन आपको खुद को renew करने का एक नया अवसरदेता है, अवसर देता है खुद को recharge करने का. बस ज़रुरत है Desire (इच्छा),Knowledge( ज्ञान)और Skills(कौशल) की.

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Note: 1) It was a summary of“The Seven Habits of Highly Effective People”in Hindi. Please read the complete book to benefit more.

Note:हिंदी में अनुवाद करने में सावधानी बरतने के बावजूद कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं. कृपया क्षमा करें.

निवेदन : कृपया अपने comments के through बताएं की Stephen R Covey की लिखी book “The Seven Habits of Highly Effective People” की summary Hindi में आपको कैसी लगी.

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Post Courtesy- Achhikhabar